CM योगी की अनूठी पहल: ‘मातृभूमि योजना’ से यूपी के गांवों में हो रहा है बेमिसाल विकास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई 'मातृभूमि योजना' अब ग्रामीण विकास का एक अनूठा उदाहरण बन चुकी है।

Virat Sharma
Published on: 10 Oct 2025 7:36 PM IST
Lucknow News
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Lucknow News: Photo-Social Media

Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई 'मातृभूमि योजना' अब ग्रामीण विकास का एक अनूठा उदाहरण बन चुकी है। यह योजना प्रदेश के प्रवासी नागरिकों और स्थानीय निवासियों को उनके पैतृक गाँवों में सीधे तौर पर विकास कार्यों में भाग लेने का अवसर प्रदान करती है। इसके तहत लोग अपनी पहल से गाँवों में सार्वजनिक सुविधाओं जैसे स्कूल, कला अकादमी, खेल परिसर, सीसी रोड, हाईमास्ट लाइट आदि का निर्माण करवा रहे हैं।

सार्वजनिक सहयोग से विकास का नया मॉडल

मातृभूमि योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति या संस्था को परियोजना की कुल लागत का 60 प्रतिशत योगदान स्वयं करना होता है, जबकि 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी सहायता और जनसहभागिता का समावेश हो रहा है, जो ग्रामीण विकास के नए आयाम प्रस्तुत कर रहा है।

पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि यह योजना जनसहभागिता को बढ़ावा देते हुए विकास की दिशा में एक नई पहल है, जो शासन और समाज को एक साथ जोड़ती है। पंचायती राज विभाग इसके संचालन में पूरी सक्रियता से लगा हुआ है, साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण और प्रगति की निगरानी भी पारदर्शिता से की जा रही है।

परियोजनाओं में हो रहा तेज़ी से विकास

अब तक इस योजना के तहत 12 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं, 24 परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं और 28 नए दानदाता सामने आए हैं। लखनऊ, गोरखपुर, उन्नाव, हरदोई, इटावा, कासगंज, मथुरा, और देवरिया जैसे जिलों में इसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:

बागपत में सीसी रोड का निर्माण

गोरखपुर की ग्राम पंचायतों जंगल रानी सुहास कुंवारी और नारायणपुर में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना।

हरदोई में सरदार पटेल स्मारक हेतु टीन शेड का निर्माण।

लखनऊ की ग्राम पंचायत खुशहालगंज में सोलर लाइटों की स्थापना।

इटावा की जेतपुर जमनापार और पुरा मोरंग में स्ट्रीट लाइटें।

उन्नाव की कलौन पंचायत में 20 सोलर स्ट्रीट लाइटें।

कासगंज के नगला कुंदन में इंटरलॉकिंग सड़क।

मथुरा के तरौली शुमाली में महाराणा प्रताप की प्रतिमा और चौराहे का सौंदर्यीकरण।

देवरिया की मटियारा जगदीश पंचायत में 11 सोलर लाइटें।

आध्यात्मिक और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक

यह योजना न केवल गाँवों के बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ कर रही है, बल्कि प्रवासी नागरिकों को अपने गाँवों से भावनात्मक रूप से भी जोड़ रही है। हर पूर्ण परियोजना पर लगाए गए शिलापट्ट पर दानकर्ता का नाम अंकित किया जाता है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है।

मातृभूमि योजना, एक जनांदोलन का रूप

मातृभूमि योजना अब सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं रह गई है, बल्कि यह एक जनांदोलन का रूप ले चुकी है। समाज, प्रशासन और सरकार मिलकर गाँवों के विकास में योगदान दे रहे हैं। इस योजना के जरिए ग्रामीण आत्मनिर्भरता, सामाजिक एकता और भावनात्मक जुड़ाव को एक नई दिशा मिली है। उत्तर प्रदेश के गाँवों में हो रहे बदलाव के पीछे सरकार की संवेदनशील सोच और प्रवासी नागरिकों का समर्पण दोनों की अहम भूमिका है।

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