Meerut News: ‘साहब, अब कोई बाहरी नहीं घुसेगा!’ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में छात्रों ने संभाली सुरक्षा की कमान

Meerut News: विश्वविद्यालय परिसर में सन्नाटा पसरा था, तभी अचानक विश्वविद्यालय प्रशासन की टीम कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के नेतृत्व में छात्रावासों की ओर बढ़ी।

Sushil Kumar
Published on: 13 May 2025 10:38 PM IST
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Students Take Charge of Security at Chaudhary Charan Singh University VC Conducts Surprise Inspection (Social Media)

Meerut News: मंगलवार की रात जब विश्वविद्यालय परिसर में सन्नाटा पसरा था, तभी अचानक विश्वविद्यालय प्रशासन की टीम कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के नेतृत्व में छात्रावासों की ओर बढ़ी। सुरक्षा और अनुशासन को लेकर यह कोई आम औपचारिक दौरा नहीं था। यह एक संदेश था कि अब चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में हर छात्र एक प्रहरी है, और हर हॉस्टल विश्वविद्यालय की इज्ज़त का किला।

कुलपति सबसे पहले पहुंचीं डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हॉस्टल। चौंकते-से छात्र जब तक कुछ समझते, वे उनके सामने खड़ी थीं। मुस्कराती हुई, लेकिन सवालों से लैस। फिर रुख किया गया आर. के. सिंह छात्रावास, पं. दीनदयाल उपाध्याय छात्रावास और वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप छात्रावास की ओर। हर हॉस्टल में छात्रों से खुले दिल से संवाद हुआ, कोई भाषण नहीं। सीधी, खरी और भरोसे से भरी बातें।

“यह आपका घर है, इसकी सुरक्षा अब आपके हाथ में है। कोई बाहरी चेहरा दिखे, कोई संदिग्ध हरकत हो। सीधे मुझे बताइए,” कुलपति ने कहा, और अपना पर्सनल मोबाइल नंबर भी छात्रों से साझा कर दिया। साथ ही कुछ गोपनीय संपर्क नंबर भी छात्रों को सौंपे गए, ताकि बिना किसी डर के सूचना दी जा सके।

उनके साथ थे चीफ प्रॉक्टर प्रो. बीरपाल सिंह, चीफ वार्डन प्रो. दिनेश कुमार, थाना प्रभारी श्री शीलेश कुमार और पूरी प्रशासनिक टीम। लेकिन सबकी नज़र कुलपति और छात्रों के उस संवाद पर टिकी थी जो इस रात को खास बना रहा था।

छात्र भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने वादा किया“अब कोई बाहरी नहीं घुसेगा साहब! ये हमारा घर है, और हम इसकी हिफाज़त करेंगे।” उन्होंने विश्वविद्यालय की सुविधाओं जैसे वाई-फाई, भोजन, सफाई और स्टडी रूम को लेकर संतोष जताया और कहा कि वे सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, विश्वविद्यालय की साख और रैंकिंग को ऊपर उठाने के लिए भी काम करेंगे।

ये रहें मौजूद

निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे कई शिक्षक और अधिकारी, जिनमें प्रमुख नाम थे। डॉ. वाई.पी. सिंह, डॉ. प्रदीप चौधरी, डॉ. दुष्यंत चौहान, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. यशवेंद्र वर्मा, डॉ. सरू कुमारी, डॉ. नाज़िया तरन्नुम, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. स्वाति शर्मा, इं. प्रवीण पवार, डॉ. योगेंद्र गौतम, डॉ. धर्मेंद्र प्रताप, डॉ. सचिन कुमार, डॉ. सी.पी. सिंह, डॉ. जितेंद्र गोयल, इंजीनियर मनीष मिश्रा, डॉ. विवेक कुमार त्यागी और डॉ. अजय कुमार।

इस रात की एक गूंज अब पूरे कैंपस में सुनाई दे रही है। “अब विश्वविद्यालय सिर्फ पढ़ाई का नहीं, सुरक्षा और जिम्मेदारी का भी मॉडल बनेगा।”

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