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Meerut News: जनजातीय गौरव दिवस, बिरसा मुंडा के अदम्य साहस से गूंजा विवि
Meerut News: सीसीएसयू मेरठ में जनजातीय गौरव दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न।
Meerut News: मेरठ, 30 अगस्त। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शनिवार को उत्साह और उमंग के बीच संपन्न हुई। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित इस आयोजन में देशभर से जुटे विद्वानों और शोधार्थियों ने बिरसा मुंडा के योगदान को नए दृष्टिकोण से समझने का अवसर पाया।
समापन सत्र में जब वक्ताओं ने बिरसा मुंडा को लोकनायक, कर्मयोगी और समाज सुधारक के रूप में याद किया तो सभागार तालियों से गूंज उठा। विभागाध्यक्ष एवं संयोजक प्रो. कृष्णकांत शर्मा ने कहा, “बिरसा मुंडा का संघर्ष केवल जल-जंगल-जमीन की लड़ाई नहीं था, बल्कि यह भारतीय अस्मिता और आत्मसम्मान की पुकार थी। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।” उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में आए 145 शोध पत्रों में से श्रेष्ठ 10 को अखिल भारतीय स्तर पर प्रकाशित किया जाएगा।
समाज सुधार का कार्य किसी आंदोलन से कम
मिहिरभोज कॉलेज दादरी के प्राचार्य प्रो. किशोर कुमार शर्मा ने कहा कि बिरसा मुंडा हमें अन्याय के खिलाफ डटकर खड़े होने की प्रेरणा देते हैं। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज सरधना की प्रो. अनीता गोस्वामी ने उन्हें जनजातीय समाज की राजनीतिक चेतना का वाहक बताया। वहीं डॉ. पंकज शर्मा ने कहा कि उनका समाज सुधार का कार्य किसी आंदोलन से कम नहीं था।
सोनीपत से आए डॉ. विशाल शर्मा ने भक्ति और राष्ट्रप्रेम को जोड़ते हुए बिरसा मुंडा को अद्वितीय बताया। डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि अपने गुरुओं के सामने विचार रखना उनके लिए सौभाग्य रहा। शोधार्थी मोहिनी पोरवाल ने संगोष्ठी को अपने लिए अविस्मरणीय अनुभव बताया, जबकि शोधार्थी गुंजन ने कहा कि बिरसा मुंडा का सामाजिक और आध्यात्मिक पक्ष जानना उनके लिए नई प्रेरणा है।
अंत में सहसंयोजक प्रो. आराधना ने कहा कि अल्पायु में ही विरासत छोड़कर गए बिरसा मुंडा का जीवन हमें प्रकृति और संस्कृति दोनों की रक्षा करने का संदेश देता है। समारोह का संचालन डॉ. मनीषा त्यागी ने किया।
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