मिर्जापुर में शिक्षक की आत्महत्या से गहरा सदमा, बीमारी और मानसिक तनाव के कारण लिया बड़ा कदम

मिर्जापुर के कछवां क्षेत्र में गांधी विद्यालय के शिक्षक डॉ. दिलीप सिंह की आत्महत्या ने गहरा सदमा दिया। बीमारी और मानसिक तनाव के कारण उन्होंने यह कदम उठाया।

Harsh Sharma
Published on: 5 Sept 2025 12:05 PM IST
मिर्जापुर में शिक्षक की आत्महत्या से गहरा सदमा, बीमारी और मानसिक तनाव के कारण लिया बड़ा कदम
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Mirzapur News: मिर्जापुर के कछवां क्षेत्र में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज के केमिस्ट्री टीचर डॉ. दिलीप सिंह (56 वर्ष) ने लैब में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनका शव पंखे से लटकता मिला, जिसे देखकर स्कूल स्टाफ और परिवारजन सदमे में आ गए। घटना की पूरी तस्वीर कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और जांच शुरू कर दी है।

पत्नी और बच्चों पर टूटा दुख का पहाड़

खबर मिलते ही उनकी पत्नी मंजुला सिंह, जो वाराणसी के राजातालाब में प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका हैं, कॉलेज पहुँच गईं। पति का शव देखते ही वे बेहोश हो गईं। शिक्षकों की मदद से उन्हें डॉक्टर बुलाकर होश में लाया गया। डॉ. दिलीप सिंह के परिवार में पत्नी के अलावा बेटा और बेटी हैं। बेटा अमन सिंह लखनऊ में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है, जबकि बेटी आयुषी सिंह कानपुर से एम फार्मा कर रही है।

लंबे समय से कर रहे थे सेवा

डॉ. दिलीप वर्ष 1996 से गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज में बतौर केमिस्ट्री टीचर कार्यरत थे। वे वाराणसी के चोलापुर क्षेत्र के मझवां गांव के रहने वाले थे और फिलहाल मोहनसराय में परिवार संग रहते थे। उनकी गिनती मेहनती और छात्रों के प्रिय शिक्षकों में की जाती थी।

कैसे हुआ दर्दनाक खुलासा

गुरुवार की सुबह डॉ. दिलीप कॉलेज पहुँचे थे। उन्हें पीईटी परीक्षा के कक्ष निरीक्षकों की ट्रेनिंग में शामिल होना था। लेकिन काफी देर तक जब वे नजर नहीं आए तो सहकर्मियों ने उनकी तलाश शुरू की। कॉल करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद एक सहयोगी ने सीसीटीवी फुटेज देखा, जिसमें वे लैब में फंदे से लटके दिखाई दिए। तुरंत स्टाफ लैब पहुँचा, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस को सूचना दी गई और दरवाजा तोड़कर उन्हें नीचे उतारा गया।

बीमारी से परेशान थे?

पुलिस जांच में सामने आया कि डॉ. दिलीप कुछ समय से पेट की बीमारी से परेशान थे। परिजनों का कहना है कि इसी कारण वे अवसाद में रहते थे। कुछ दिन पहले ही वे हरिद्वार इलाज कराने भी गए थे, फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि उन्होंने आत्महत्या का इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और परिवारजन के बयान के आधार पर जांच कर रही है।

समाज के लिए संदेश

डॉ. दिलीप की अचानक मौत ने उनके परिवार और छात्रों को गहरे सदमे में डाल दिया है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि बीमारी या मानसिक तनाव को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। समय पर परामर्श और मदद लेकर कई जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं।

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