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राम मय हुए सपा से निष्कासित विधायक राकेश प्रताप सिंह, सपा को बताया समाप्त वादी पार्टी,

सपा से निष्कासित विधायक राकेश प्रताप सिंह ने समाजवादी पार्टी को "समाप्तवादी" बताया और सनातन धर्म व प्रभु श्रीराम के अपमान पर खुलकर जवाब दिया।

Surya Bhan Dwivedi
Published on: 23 Jun 2025 4:35 PM IST
Rakesh Pratap Singh
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Rakesh Pratap Singh 

अमेठी।समाजवादी पार्टी से निष्कासित गौरीगंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी द्वारा की कार्यवाही पर बड़ा बयान दिया है। राकेश प्रताप सिंह ने समाजवादी पार्टी को समाप्त वादी पार्टी बताया। उन्होंने कहा कि समाज वादी पार्टी आज तुच्छ राजनीति के चलते सनातन और प्रभु श्री राम को अपमानित करने में हिचक नहीं रही है। उन्होंने कहा कि क्या प्रभु श्री राम कहना गुनाह है।


समाजवादी पार्टी से निष्कासित किए जाने के कुछ घंटों के बाद ही राकेश प्रताप सिंह ने अपने शोशल मिडिया अकाउंट पर अपनी प्रतिक्रिया जारी करते हुए लिखा कि सनातन धर्म में मेरा जन्म हुआ, जिसमें मैंने जीवन के आदर्श सीखे, सेवा का भाव पाया, और सभी जाति–मजहब को साथ लेकर चलने की सीख प्राप्त की, उस धर्म के प्रति मेरी निष्ठा अटूट है। यह वही सनातन धर्म है, जिसके अनुयायी इस देश में 120 करोड़ से अधिक हैं।जिसकी जड़ें इस देश की संस्कृति, सभ्यता और आत्मा में गहराई से बसी हुई हैं।



किन्तु आज दुर्भाग्यवश, समाजवादी पार्टी अपने तुच्छ राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए प्रभु श्रीराम और सनातन धर्म को अपमानित करने से भी नहीं हिचक रही है। किसी एक धर्म विशेष को प्रसन्न करने की लालसा में, वे बार–बार सनातन पर प्रहार कर रहे हैं, अपशब्द कह रहे हैं, और धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे हैं।

यह वही पार्टी है, जो कभी डॉ. राममनोहर लोहिया के विचारों की बात करती थी,वही लोहिया जी जो रामायण मेला आयोजित करवाने की बात करते थे, जो भारतीय संस्कृति, परंपरा और धर्म के प्रति समर्पित थे। वे मानते थे कि प्रभु श्रीराम समस्त भारतीय समाज को जोड़ने वाले सांस्कृतिक प्रतीक हैं। लेकिन आज की समाजवादी पार्टी उस लोहिया के विचारों से पूरी तरह भटक चुकी है। आज वही पार्टी राम मंदिर मे प्रभु श्री राम के दर्शन करने पर अपने नेताओं पर प्रतिबन्ध लगाती है। यह विचलन केवल राजनीतिक पतन नहीं है, यह वैचारिक दिवालियापन है।

मैं पूछना चाहता हूँ क्या अपने धर्म, अपने भगवान के लिए बोलना गुनाह है?यदि यह बगावत है, तो हाँ! मैं बागी हूँ!मैं उस हर विचारधारा के विरुद्ध बगावत करता रहूँगा जो सनातन धर्म का अपमान करेगी।अखिलेश यादव जी ‘पीडीए’ की बात करते हैं।पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक!तो क्या यह वही सरकार नहीं थी जिसने दलित महापुरुषों के नाम पर स्थापित कई ज़िलों का नाम बदलकर अपनी दलित विरोधी मानसिकता को उजागर किया? हमारे जिले छत्रपति शाहू जी महाराज नगर का नाम बदलकर फिर से अमेठी करना केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि उन महापुरुषों और दलित समाज के सम्मान का अपमान था।

वास्तविकता यह है कि न तो वे पिछड़ों के हैं, न दलितों के। उनका झूठा प्रेम सिर्फ़ वोटबैंक की राजनीति है। वे सिर्फ़ और सिर्फ़ सनातन विरोधियों के साथ हैं। यही उनकी असली पहचान है।समाजवादी पार्टी अब समाप्तवादी पार्टी बन चुकी है। जो न विचारधारा में स्थिर है। न आचरण में। धर्म, भगवान और हमारे शास्त्रों से ऊपर कोई नहीं है, और जब कोई उनका अपमान करेगा, तब मेरा मौन रहना भी पाप होगा।मैं सनातन का सिपाही हूँ, और सनातन पर आंच आने पर चुप नहीं रह सकता।मैं बोलूँगा, ललकारूँगा और अंत तक धर्म की रक्षा में खड़ा रहूँगा।जय श्रीराम

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Harsh Sharma

Harsh Sharma

Content Writer

हर्ष नाम है और पत्रकारिता पेशा शौक बचपन से था, और अब रोज़मर्रा की रोटी भी बन चुका है। मुंबई यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया, फिर AAFT से टीवी पत्रकारिता की तालीम ली। करियर की शुरुआत इंडिया न्यूज़ से की, जहां खबरें बनाने से ज़्यादा, उन्हें "ब्रेकिंग" बनाने का हुनर सीखा। इस समय न्यूज़ ट्रैक के लिए खबरें लिख रहे हैं कभी-कभी संजीदगी से, और अक्सर सिस्टम की संजीदगी पर हल्का-फुल्का कटाक्ष करते हुए। एक साल का अनुभव है, लेकिन जज़्बा ऐसा कि मानो हर प्रेस कॉन्फ्रेंस उनका पर्सनल डिबेट शो हो।

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