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Muradabad News: मुरादाबाद पुलिस की बड़ी कार्रवाई: एक करोड़ 49 लाख से अधिक के बंद नोटों के साथ तीन गिरफ्तार, गिरोह में सिपाही भी शामिल, बड़े नेटवर्क का खुलासा
Muradabad News: मुरादाबाद में पुराने, बंद हो चुके नोटों का अवैध कारोबार करने वाले गैंग को पकड़ने के बाद पुलिस अधीक्षक (क्राइम) सुभाष चंद्र गंगवार ने मामले की विस्तृत जानकारी दी है।
Moradabad News: मुरादाबाद जिले की पुलिस ने थाना डिलारी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए एक करोड़ 49 लाख 99 हजार रुपये की पुरानी, बंद हो चुकी असली नोटों की एक बड़ी खेप बरामद की है। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को धर दबोचा है, जबकि उनके तीन अन्य साथी मौके का फायदा उठाकर फरार होने में कामयाब रहे। इस गिरफ्तारी से पुराने नोटों के अवैध कारोबार में सक्रिय एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश होने की संभावना जताई जा रही है, जिसमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है।
पुलिस के अनुसार, डिलारी थाना पुलिस इलाके में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नियमित रूप से चेकिंग अभियान चला रही थी। इसी दौरान, पुलिस टीम ने एक वाहन को रोका और गहन तलाशी ली। तलाशी के दौरान वाहन के अंदर भारी मात्रा में 500 और 1000 रुपये के पुराने, अमान्य घोषित हो चुके नोट बरामद हुए। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बिना देर किए वाहन में सवार तीन व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया, जिनकी पहचान रियाज, विक्की गौतम और यासीन के रूप में हुई है। हालांकि, इसी दौरान अंधेरे और अफरा-तफरी का फायदा उठाकर तीन अन्य संदिग्ध, जिनकी पहचान यूसुफ, सत्तार और फैसल के तौर पर हुई है, घटनास्थल से भाग निकले।
इस सनसनीखेज मामले की जानकारी देते हुए मुरादाबाद के पुलिस अधीक्षक (क्राइम) सुभाष चंद्र गंगवार ने प्रेस वार्ता में बताया कि प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि इस अवैध कारोबार की जड़ें सम्भल जिले तक फैली हुई हैं, जहां के सैदनंगली कस्बे का रहने वाला फैसल पुराने नोटों को इकट्ठा करने का मुख्य काम करता था। एकत्रित किए गए ये नोट फिर अलग-अलग चरणों में यासीन और रियाज जैसे मध्यस्थों तक पहुंचाए जाते थे। इस कड़ी में अंतिम व्यक्ति सत्तार था, जिसके पास इन नोटों की खेप पहुंचाई जाती थी।
एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार ने इस नेटवर्क के modus operandi पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सत्तार, जो बिजनौर जिले के नूरपुर और गुहावर के बीच एक मुर्गी फार्म चलाता है, इस अवैध धंधे का मुख्य सूत्रधार था। वह इन पुराने नोटों को बाजार में खपाने के लिए एक संगठित नेटवर्क चला रहा था और पकड़े गए गैंग के सदस्यों को इस काम के बदले 10% कमीशन देता था। बरामद हुई लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की रकम के बदले इस पूरे गिरोह को महज 15 लाख रुपये का लाभ मिलने वाला था।
गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस की गहन पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। आरोपियों ने बताया कि सत्तार का एक बहुत मजबूत नेटवर्क है और उसके संबंध बैंक के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और बड़े कारोबारियों तक फैले हुए हैं। माना जा रहा है कि इन्हीं प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से सत्तार इन पुराने नोटों को ठिकाने लगाने में सफल हो रहा था। पुलिस अब इन कथित बैंक अधिकारियों और कारोबारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
इस गिरोह में एक चौंकाने वाला नाम विक्की गौतम का भी सामने आया है, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर सीतापुर में तैनात है। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि विक्की गौतम लंबे समय से अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहा था और इस अवैध धंधे में सक्रिय रूप से शामिल था। एक खाकी वर्दीधारी का इस तरह के गैरकानूनी कार्य में लिप्त पाया जाना पुलिस विभाग के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है।
आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि उनके गिरोह में बिजनौर जिले के नूरपुर कस्बे का रहने वाला बाल यूसुफ भी शामिल है। घटना के दिन जब पुलिस ने संदिग्ध कार को रोका, तो यूसुफ भी उसी में मौजूद था, लेकिन वह पुलिस की पकड़ से बचने में कामयाब रहा। पुलिस अब फरार आरोपियों, खासकर यूसुफ और सत्तार की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित कर छापेमारी कर रही है।
मुरादाबाद पुलिस इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है और इस अवैध कारोबार के पीछे के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पुलिस अधीक्षक (क्राइम) सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि यह बरामदगी जिले में अवैध वित्तीय गतिविधियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता है और पुलिस आगे भी इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई जारी रखेगी। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि नोटबंदी के कई साल बाद भी पुराने, बंद हो चुके नोटों का अवैध कारोबार किस तरह फल-फूल रहा है और इसमें किन-किन लोगों की मिलीभगत है। पुलिस को उम्मीद है कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी और आगे की जांच से इस पूरे मामले पर और भी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आएंगी।
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