Moradabad News: सावन में मीट बंद, शराब चालू – डॉ. एस. टी. हसन ने योगी सरकार पर लगाया दोहरे मापदंड का आरोप

Moradabad News: डॉ. हसन ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें मीट की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया, जबकि शराब की बिक्री पर कोई रोक नहीं लगाई गई।

Sudhir Goyal
Published on: 12 July 2025 7:44 AM IST
Moradabad News: सावन में मीट बंद, शराब चालू – डॉ. एस. टी. हसन ने योगी सरकार पर लगाया दोहरे मापदंड का आरोप
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Moradabad News: मुरादाबाद के पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. एस. टी. हसन ने देर शाम पत्रकारों से बातचीत करते हुए योगी सरकार पर मुसलमानों को परेशान करने का आरोप लगाया।मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. हसन ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सावन के पवित्र माह में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर शराब की बिक्री को लेकर सरकार का निर्णय भेदभावपूर्ण है।डॉ. हसन ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें मीट की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया, जबकि शराब की बिक्री पर कोई रोक नहीं लगाई गई।

मांस और शराब दोनों ही आपत्तिजनक

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर धार्मिक भावनाओं का हवाला देकर मांस की दुकानों को बंद किया जा सकता है, तो फिर शराब की दुकानों को क्यों खुला रखा गया है? डॉ. हसन ने कहा, "जितना गुनहगार मांस है, उतनी ही गुनहगार शराब भी है। अगर मांस से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं, तो शराब से क्यों नहीं?"

पूर्व सांसद ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह शराब से मिलने वाले राजस्व के कारण शराब की दुकानों को बंद करने से बच रही है।डॉ. हसन के अनुसार, पहले सावन के दौरान मांस और शराब दोनों की बिक्री पर रोक लगाई जाती थी, परंतु अब केवल शराब की दुकानों को ढकने का आदेश दिया गया है, जिससे शराब की बिक्री निर्बाध रूप से जारी है, जबकि मांस विक्रेताओं की आजीविका पर सीधा असर पड़ा है।

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में सावन माह के दौरान शराब पीना अनुचित माना जाता है और इससे पूजा-पाठ की पवित्रता भंग होती है। उन्होंने मांग की कि अगर सरकार वास्तव में धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है, तो शराब की बिक्री पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।

एस. टी. हसन की सरकार से स्पष्ट मांग

डॉ. हसन ने सरकार से स्पष्ट मांग की कि या तो कांवड़ मार्ग पर मांस और शराब दोनों की बिक्री पूरी तरह बंद की जाए, या फिर दोनों को ही पर्दे के पीछे बेचने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा, "क्या सरकार को सारा राजस्व केवल शराब से ही मिलता है? धर्म की शुद्धता को राजस्व के लिए नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।डॉ. हसन की इस टिप्पणी ने सावन में जारी सरकारी नीतियों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि योगी सरकार इस मांग पर क्या रुख अपनाती है और क्या कांवड़ मार्ग पर शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाती ।

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