BBAU के प्रोफेसर पर पीएचडी स्कॉलर छात्र ने यौन उत्पीड़न के लगाए गंभीर आरोप, कुलपति को लिखा पत्र, जानिए वजह

Lucknow BBAU: बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र ने प्रोफेसर राजेश कुमार पर गंभीर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। छात्र ने कुलपति को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।

Sumit Yadav
Published on: 6 Jun 2025 12:44 PM IST (Updated on: 6 Jun 2025 2:50 PM IST)
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Lucknow BBAU: बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में पीएडी स्कॉलर छात्र ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर गंभीर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने का मामला सामने आया है। गोल्ड मेडलिस्ट छात्र ने यह आरोप लगाते हुए जानकारी दी है कि प्रोफेसर उसे पॉर्न फ़िल्म दिखाकर यौन उत्पीड़न करता है। यह आरोप प्रोफेसर राजेश कुमार पर लगाए गए है। प्रोफेसर ने छात्र से यहां तक यह भी कहा कि बात मानों गे तो तुम्हें डीआरसी NFSC फेलोशिप पर हस्ताक्षर कर दूंगा। प्रोफेसर से परेशान होकर छात्र ने कुलपति को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेश कुमार ने सफाई दी है कि छात्र के द्वारा लगाए गए आरोप बे बुनियाद है। छात्र द्वारा लिखे गए पत्र वायरल होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन में हंगामा मचा हुआ है।

कुलपति के भेजे पत्र में छात्र ने लिखी यह बातें

पर्यावरण माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कर रहे रिसर्च छात्र आशीष कुमार कहा कि मैं पीएचडी का छात्र हूं। मैं एमएससी में स्वर्ण पदक विजेता भी रहा हूँ। मैंने अपनी पीएचडी के दौरान सीएसआईआर नेट, आईसीएआर नेट और गेट उत्तीर्ण किया है। मैंने 100 से अधिक उद्धरणों के साथ उच्च गुणवत्ता वाले शोध और समीक्षा लेख प्रकाशित किए हैं। जो विज्ञान में मेरी गहरी रुचि को दर्शाता है।

छात्र आरोप लगाते हुए आगे लिखा कि डॉ. राजेश कुमार, प्रोफेसर, पर्यावरण माइक्रोबायोलॉजी विभाग पिछले एक साल से भी ज़्यादा समय से जब भी मैं अपने काम के लिए उनके कमरे में जाता था तो वे मुझे कई बार पोर्न दिखाते थे। इसके साथ वह शरीर को टच करके गलत हरकत भी किया करते थे। वह कई बार गलत इरादे से टच किया और जबरजस्ती करने कोशिश की है। इस तरह के दबाव बना कर लगातार शारिक उत्पीड़न के लिए दबाव निरंतर बना रहे थे। अगर उनकी कहीं हुई बात को मान लेता हूँ वह फेलोशिप के कागजों पर साइन कर देंगे।

शिकायत की बात करने पर पीएचडी रदद् करने का बनाया दबाव

छात्र ने यह भी आरोप लगाया है कि जब प्रोफेसर की शिकायत कुलपति से करने के लिए कहा तो वह पीएचडी की डिग्री रदद् करने को लेकर धमकी देने लगा था। इसके बाद जब यह सारी बातें विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अश्विनी सिंह से संपर्क किया है लेकिन वह डॉ राजेश के मित्र हैं, वे हर दिन पार्टी करते हैं लेकिन मेरी कोई नहीं सुना गया। अनुसूचित जाति होने की वजह से कोई बात नहीं सुनी गई।



कार्रवाई नहीं होने पर करेंगे आत्महत्या

छात्र में पत्र में यह भी लिखा है कि अगर प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो आत्महत्या करके न्याय के लिए आवाज बनूँगा। मेरे मौत का कारण कुलपति और विश्विद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। शिकायत के अनुसार प्रोफेसर पर एफआईआर दर्ज करवाकर कार्रवाई होनी चाहिए।

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