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Pilibhit News: पीलीभीत को स्मार्ट सिटी में विकसित करने के लिए शासन की टीम गठित, शुरू की कवायद
Pilibhit News: नगर पालिका अध्यक्ष डॉ आस्था अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नगर विकास मंत्री ए के शर्मा और प्रमुख सचिव से लगातार पीलीभीत को स्मार्ट सिटी बनाए जाने का प्रयास करने पर अब शासन द्वारा टीम गठित कर दी गई है।
पीलीभीत को स्मार्ट सिटी में विकसित करने के लिए शासन की टीम गठित (photo: social media )
Pilibhit News: शहर वासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। क्योंकि अब पीलीभीत शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शासन ने कवायद शुरू कर दी है। इस क्रम में शासन द्वारा टीम भी गठित कर दी गई है। इस टीम के द्वारा चार दिन पहले लखनऊ से यहां पहुंचकर भ्रमण करके स्थलीय निरीक्षण भी किया गया है। नगर पालिका अध्यक्ष डॉ आस्था अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नगर विकास मंत्री ए के शर्मा और प्रमुख सचिव से लगातार पीलीभीत को स्मार्ट सिटी बनाए जाने का प्रयास करने पर अब शासन द्वारा टीम गठित कर दी गई है। वही अब बरेली लखनऊ और कानपुर की तरह पीलीभीत शहर का नाम भी देश की स्मार्ट सिटी में गिना जाएगा।
उत्तर प्रदेश शासन के अनु सचिव मोहम्मद वासिफ़ के आदेश पर प्रदेश के जिलों के मुख्यालय की 6 नगर पालिकाओं के नाम चिन्हित किए हैं। जिनको स्मार्ट सिटी बनाए जाने का स्थलीय निरीक्षण करने के आदेश दिए गए है। इसी क्रम में नगर विकास विभाग की कंसलटेंट प्राजंलि त्रिपाठी, श्वेता गोस्वामी, श्रवण डिंडी, गौरव पांडे और श्रीयंका गुप्ता ने चार दिन पहले 10 मई को यहां पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण भी किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कृपा से हो रहा कार्य
डॉ आस्था अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश की 6 नगर पालिका कुशीनगर, महोबा, संभल, बहराइच, मिर्जापुर की लिस्ट में नगर पालिका परिषद पीलीभीत का नाम सबसे ऊपर है। उनका कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष कृपा से यह कार्य हो रहा है। स्मार्ट सिटी बनाए जाने पर शासन द्वारा सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपये अवमुक्त किये जाते हैं, जिससे विभिन्न विकास कार्य होंगे। डॉ आस्था अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी में शहर के कामकाज को सुव्यवस्थित करने, नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने, और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य होंगे। इसमें पर्याप्त पानी की आपूर्ति, सुरक्षित विद्युत आपूर्ति, कचरा प्रबंधन, सार्वजनिक परिवहन, किफायती आवास, आईटी कनेक्टिविटी, सुशासन और टिकाऊ पर्यावरण शामिल हैं।
-इसके साथ ही बुनियादी ढांचा, पर्याप्त पानी की आपूर्ति, सुरक्षित विद्युत आपूर्ति, कचरा प्रबंधन, शहर में कुशल और सुलभ सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था स्थापित करना।
-गरीब लोगों के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराना।
-टेक्नोलॉजी और कनेक्टिविटी, इंटरनेट और अन्य तकनीकी कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाना।
-शहर की सेवाओं को डिजिटल बनाना और लोगों को ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करना।
-सरकार को नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से प्रशासन में शामिल करना।
-नागरिक भागीदारी, शहर को प्रदूषण मुक्त और टिकाऊ बनाना।
-नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, महिलाओं, बच्चों और विशेष रूप से बुजुर्गों की सुरक्षा।
-नागरिकों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाना। शहर में यातायात और भीड़ को कम करना।
-सार्वजनिक परिवहन में स्मार्ट तकनीकों का उपयोग करना।
-स्वच्छ हवा और कम प्रदूषण और बेहतर सामुदायिक सहभागिता।
-नागरिकों के बीच सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देना।
अपराध में कमी करने के लिए उन्नत निगरानी प्रणालियों का उपयोग करना। ऊर्जा का उपयोग कुशल रूप से करके ऊर्जा बिलों को कम करना। सहित विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों को कराया जाना स्मार्ट सिटी के मुख्य उद्देश्य होंगे। पीलीभीत की नगर पालिका और शहर वासियों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
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