Pratapgarh News: रामरज नदी के पुनरोद्धार के लिए लोक भारती की दो दिवसीय नदी यात्रा सम्पन्न, हरिशंकरी रोपण, जल संकल्प और जनजागरण से जुड़ी ऐतिहासिक पहल

Pratapgarh News: "प्रतापगढ़ में रामरज नदी के पुनरोद्धार हेतु लोक भारती की दो दिवसीय यात्रा में हरिशंकरी रोपण, जल संकल्प और पौराणिकता को स्थापित करने का संकल्प लिया गया।"

Newstrack          -         Network
Published on: 13 July 2025 10:34 PM IST
Lok Bharati completes two-day river journey for revival of Ramraj River
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रामरज नदी के पुनरोद्धार के लिए लोक भारती की दो दिवसीय नदी यात्रा सम्पन्न (Photo- Newstrack)

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश)। प्रतापगढ़ जनपद की अत्यंत पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहर मानी जाने वाली रामरज नदी के पुनरोद्धार हेतु लोक भारती द्वारा एक दो दिवसीय नदी यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा सई और रामरज के संगम स्थल से प्रारंभ हुई। स्थानीय जनसमूह की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार और विधिपूर्वक हरिशंकरी वृक्षारोपण करते हुए हनुमान चालीसा पाठ और जल संकल्प के साथ इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत हुई।


गांव-गांव में हरिशंकरी रोपण और जनजागरण अभियान

यात्रा के दौरान रामरज नदी के तट पर बसे सभी ग्राम सभाओं में हरिशंकरी पौधों का रोपण, जल संरक्षण पर संकल्प, एवं नदी की भौगोलिक स्थिति का सर्वेक्षण किया गया। यात्रा का तृतीय पड़ाव लोहंगपुर के घोरहा तट पर रहा, जहाँ लोक भारती के केंद्रीय पदाधिकारियों, संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, एवं स्थानीय नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति में मार्गदर्शन सत्र आयोजित हुआ।

जल, पर्यावरण और संस्कृति संरक्षण का संदेश

लोक भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह ने नदी के प्रवाह का भौतिक अध्ययन कर सभी को संबोधित करते हुए बताया कि लोक भारती पिछले 30 वर्षों से जल एवं पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक कृषि, और हरिशंकरी रोपण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि गंगा, गोमती सहित अनेक नदियों की यात्रा व संरक्षण में लोक भारती की अग्रणी भूमिका रही है, जिसमें सरकारों ने सराहनीय सहयोग दिया है।

रामरज: पौराणिकता से पुनः पहचान की ओर

काशी प्रांत प्रभारी कैप्टन सुभाष ओझा ने बताया कि स्थानीय स्तर पर जिसे ‘चमरौधा’ कहा जा रहा है, वही प्राचीन रामरज नदी है, जिसमें भरत जी ने खड़ाऊ सिर पर रखकर स्नान किया था। उन्होंने इसे रामरज नाम से मान्यता देने की बात कही और इस यात्रा को नदी की ऐतिहासिक प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करने की शुरुआत बताया।

रामरज मित्र मंडल की घोषणा और जनसमूह निर्माण की पहल

राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री गोपाल उपाध्याय ने यात्रा की रूपरेखा बताते हुए प्रत्येक पड़ाव पर ‘रामरज मित्र मंडल’ गठित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यात्रा के उद्देश्य को जन-जन तक पहुँचाने के लिए स्थायी जनसमूह का निर्माण जरूरी है। यात्रा संयोजक सागर मिश्र ने पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी।


समापन और आगे की यात्रा

यात्रा में डी.के. शर्मा, राघवेंद्र सिंह, सुरेश शुक्ला, विनोद शर्मा, प्रमोद आदि कार्यकर्ताओं का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया। संघ के जिला प्रचारक प्रवीण जी, जिला पर्यावरण समिति, खंड प्रचारक संडवा चंद्रिका सहित सैकड़ों गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया।

यात्रा का समापन लोहंगपट्टी, औरंगाबाद फूटेश्वर महादेव, चंदौका, कल्याणी देवी होते हुए निर्धारित पड़ावों पर किया गया। जय उद्घोष, हर्षोल्लास, और भावनात्मक माहौल ने इसे एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण में परिवर्तित कर दिया।

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