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'लड़कियां ज्यादा बनठन कर रहती हैं...मैं भी ऐसे ही रहूंगा!' और ब्लेड से काट लिया अपना प्राइवेट पार्ट
Prayagraj News: प्रयागराज में पढ़ाई कर रहे एक छात्र ने लड़की बनने के चक्कर में अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया।
Prayagraj news
Prayagraj News: प्रयागराज से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां अमेठी के रहने वाले एक प्रतियोगी छात्र को लड़की बनने का ऐसा पागलपन छाया कि उसने अपना प्राइवेट पार्ट ही काट लिया। इस घटना को सुनकर हर कोई हैरान है। बताया जा रहा है कि छात्र को 14 वर्ष की उम्र से ही लड़की बनने की इच्छा थी जिसके चलते उसने डॉक्टर से भी मुलाकात की। छात्र ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गयी। लहूलुहान हालत में उसे SRN अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छात्र की उम्र लगभग 18 साल की बतायी जा रही है।
किसान पिता का इकलौता बेटा है छात्र
प्रयागराज एजुकेशन हब है। यहां दूर-दूर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए छात्र और छात्राएं आते हैं। इनमें से कुछ आइएएस और पीसीएस अफसर तो कोई डाक्टर या इंजीनियर बनने का सपना लिए इस शहर में आते हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं जो पढ़ाई के नाम पर यहां रहते हैं पर पढ़ाई करते नहीं। तफरी करना, घूमना फिरना बस यही काम रहता है। ये उन घरवालों को जीवन भर का दर्द दे जाते हैं, जिन्होंने पाल-पोसकर उन्हें बड़ा किया और अधिकारी बनाने की चाह में अपना पेट काटकर यहां पढ़ने के लिए भेजा।
जानकारी के मुताबिक, इस छात्र के पिता किसान हैं और ये अपने माता- पिता की इकलौती संतान है। जिसे उन्होंने बड़े अरमानों से अधिकारी बनने के लिए प्रयागराज भेजा था। अमेठी से प्रयागराज आए एक प्रतियोगी छात्र ने ऐसी हरकत की, जिससे उसका जीवन बर्बादी की कगार पर आ गया है। साथ ही परिवार के लिए मुसीबत अलग से हो गई है। छात्र सिविल लाइंस में किराये का कमरा लेकर रहता है।
लहूलुहान हालत हॉस्पिटल में किया गया भर्ती
लड़की बनने के चक्कर इतना बड़ा कदम उठाने के बाद छात्र की हालत गंम्भीर हो गयी। उसे तुरंत ही लहूलुहान हालत में एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया फिर वहां से स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (SRN Hospital) भेजा गया। छात्र को किसी तरह का पछतावा नहीं है बल्कि उसे अब भी लड़की होने का ही आभास हो रहा है।
इसलिए उठाया ये कदम
अस्पताल में भर्ती छात्र कहता है कि पढ़ाई में मन नहीं लगता। जब 14 वर्ष का था तब लड़कियों के साथ एक वैवाहिक कार्यक्रम में डांस करते समय देखा कि लड़कियां ज्यादा बनठन कर आई हैं। वह डांस भी अच्छा कर रही हैं। तब से ही मन में भावना उत्पन्न हो गई कि लड़की बनना चाहिए।
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