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Raebareli News: रायबरेली में CM मॉडल कंपोजिट विद्यालय का भूमि पूजन, ग्रामीण शिक्षा में नई क्रांति का सूत्रपात
Raebareli News: यह योजना शिक्षा में समानता की ओर एक बड़ा कदम है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मॉडल के लिए कुछ चुनिंदा जनपदों को चिन्हित किया है, और एक अभिनव प्रयोग के तौर पर रायबरेली को सर्वप्रथम चुना गया है।
Raebareli News: रायबरेली, उत्तर प्रदेश: ग्रामीण शिक्षा के परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय योजना का आगाज़ रायबरेली में हो गया है। इसी कड़ी में, रायबरेली जिले के बेला ग्राम सभा में सदर विधायक अदिति सिंह ने विद्यालय का भूमि पूजन किया, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराने की राह प्रशस्त कर दी है। यह पहल अभिभावकों पर निजी विद्यालयों द्वारा पड़ने वाले भारी वित्तीय बोझ को भी कम करने का महत्वपूर्ण लक्ष्य रखती है।
शिक्षा में समानता की ओर एक बड़ा कदम
यह योजना शिक्षा में समानता की ओर एक बड़ा कदम है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मॉडल के लिए कुछ चुनिंदा जनपदों को चिन्हित किया है, और एक अभिनव प्रयोग के तौर पर रायबरेली को सर्वप्रथम चुना गया है। बेला में आयोजित इस भूमि पूजन समारोह में सदर विधायक अदिति सिंह के साथ-साथ जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह, और बीडीओ गौरी सिंह राठौड़ सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जो इस परियोजना के महत्व को दर्शाता है।
इस अवसर पर सदर विधायक अदिति सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए जा रहे इस अभिनव प्रयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह मॉडल विद्यालय ग्रामीण अंचलों में भी अब उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को सुलभ कराएगा, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण विभाजन कम होगा। यह कदम उन अभिभावकों के लिए भी एक बड़ी राहत लेकर आएगा, जिन्हें अक्सर निजी विद्यालयों की मनमानी फीस और अन्य शुल्कों से जूझना पड़ता है।
निजी शिक्षण संस्थानों पर लगेगी लगाम
मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय योजना का एक प्रमुख लक्ष्य निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा अभिभावकों की जेब पर डाले जा रहे डाके पर लगाम कसना भी है। सरकारी विद्यालयों में प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा की सुविधा उपलब्ध होने से अभिभावकों के पास एक व्यवहार्य और गुणवत्तापूर्ण विकल्प मौजूद होगा, जिससे उन्हें महंगे निजी स्कूलों की ओर देखने की मजबूरी नहीं रहेगी। यह योजना निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है, जिससे हर बच्चे को, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो, अच्छी शिक्षा का अवसर मिल सकेगा।
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