"इन्हें परेशान करने का क्या मतलब...?" पुलिस अधिकारीयों पर अचानक बरसे आजम खान, लगाए संगीन आरोप

23 महीने की जेल की सजा के बाद रिहा हुए आजम खान ने रामपुर में पुलिस अधिकारियों पर जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने आम नागरिकों को परेशान करने का आरोप लगाया और राजनीतिक हलचल बढ़ा दी।

Harsh Srivastava
Published on: 23 Sept 2025 7:18 PM IST
इन्हें परेशान करने का क्या मतलब...? पुलिस अधिकारीयों पर अचानक बरसे आजम खान, लगाए संगीन आरोप
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Azam Khan clashes with police: उत्तर प्रदेश की राजनीति के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को मंगलवार को 23 महीने की लंबी कैद के बाद सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई पर समर्थकों में खुशी का माहौल था, लेकिन रामपुर पहुंचते ही एक नया विवाद खड़ा हो गया। जेल से बाहर निकलते ही आजम खान ने मीडिया से दूरी बनाए रखी, लेकिन रास्ते में पुलिस अधिकारियों द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग देखकर उनका गुस्सा फूट पड़ा।

'ये मेरे लोग नहीं हैं...': पुलिस से भिड़े आजम

रिहाई के बाद आजम खान अपने दोनों बेटों अब्दुल्ला और आदिब के साथ दो गाड़ियों के काफिले में रामपुर की ओर रवाना हुए। रास्ते में समर्थकों की जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। रामपुर पहुंचने पर पुलिस ने धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, जिससे आजम खान नाराज हो गए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से तीखी बहस की और कहा, "ये मेरे लोग नहीं हैं, ये सड़क पर चलने वाले यात्री हैं... इन्हें परेशान करने का क्या मतलब?" उन्होंने पुलिस पर आम नागरिकों को परेशान करने का आरोप लगाया। समर्थकों की नारेबाजी के बीच पुलिस ने सख्ती बरती और ड्रोन से निगरानी भी की।

'BSP में जाने की अफवाह' और सपा का बचाव

आजम खान की रिहाई के बाद उनके बहुजन समाज पार्टी (BSP) में शामिल होने की अटकलों पर सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने विराम लगा दिया। उन्होंने कहा, "आजम साहब समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं और हमेशा पार्टी के साथ रहेंगे।" शिवपाल ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ सैकड़ों फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए थे और पार्टी उनके साथ खड़ी है। सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने भी इन खबरों को 'निराधार' बताया।

भाजपा का 'सियासी' हमला और अखिलेश का 'खुशी' भरा संदेश

आजम खान की रिहाई पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि "चाहे आजम खान सपा में रहें या बसपा में जाएं, 2027 के विधानसभा चुनाव में सपा और बसपा की हार तय है।" वहीं, भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने कहा कि उन्होंने आजम खान के खिलाफ कई केस दर्ज किए हैं और न्याय के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। दूसरी ओर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई पर खुशी जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "आजम खान की रिहाई उन सभी के लिए राहत और खुशी की बात है जो इंसाफ में विश्वास रखते हैं।" उन्होंने भरोसा जताया कि आजम खान फिर से उपेक्षित और पीड़ित वर्ग की आवाज बनेंगे। आजम खान की रिहाई ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू कर दिया है। अब सबकी निगाहें उनके अगले कदम पर टिकी हैं। क्या वह शांत रहकर अपनी राजनीतिक लड़ाई जारी रखेंगे, या फिर कोई नया रास्ता चुनेंगे? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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