Shamli News: राधा-कृष्ण की झांकियों ने मोहा मन, जन्माष्टमी पर उमड़ा जनसैलाब

Shamli News: शामली में भी श्रद्धालुओं ने दिनभर उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की। मनमोहक झांकियों ने पूरे माहौल को भक्तिमय और उल्लास से भर दिया।

Pankaj Prajapati
Published on: 16 Aug 2025 10:42 PM IST
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Shamli News: शामली जनपद में इस वर्ष भी भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़ी धूमधाम और श्रद्धा भाव से मनाया गया। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य द्वापर युग में भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को, मध्य रात्रि में, रोहिणी नक्षत्र के समय हुआ था। तभी से हर वर्ष इस तिथि पर देशभर में जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाता है।

मंदिरों में विशेष सजावट

शामली में भी श्रद्धालुओं ने दिनभर उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर मंदिरों में विशेष सजावट की गई, जहां श्रीकृष्ण के अलग-अलग स्वरूपों—लड्डू गोपाल, शालिग्राम और राधा-कृष्ण रूप की विधिवत पूजा संपन्न हुई। भक्तों ने निर्जला उपवास रखकर पूरे दिन भक्ति गीत गाए और शाम से ही झांकियों तथा भजन संकीर्तन का आयोजन शुरू हो गया। शामली के शिव चौक पर विशेष आयोजन देखने लायक रहा। यहां पर भगवान श्रीकृष्ण को झूला झुलाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

छोटे-छोटे बच्चे कृष्ण और राधा के स्वरूप में सजे हुए नजर आए। बच्चों की मनमोहक झांकियों ने पूरे माहौल को भक्तिमय और उल्लास से भर दिया। महिलाएं और पुरुष सुंदर वस्त्र धारण कर भक्तिरस में डूबे नजर आए। मंदिरों में पूरे दिन पूजा-पाठ और कीर्तन चलते रहे। भक्तजन भगवान श्रीकृष्ण के भजन गाते रहे और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश देते रहे। रात होते-होते श्रद्धालु बड़ी बेसब्री से उस क्षण का इंतजार करते रहे जब घड़ी के कांटे 12 बजाकर मध्य रात्रि का संकेत देंगे। ठीक 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव ध्वनि, घंटा-घड़ियाल और जयकारों के साथ मनाया जाएगा और भक्त अपना व्रत भी खोलेंगे !

उपवास करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं

रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के पश्चात श्रद्धालुओं ने व्रत खोला खोलेंगे और प्रसाद ग्रहण करेंगे भक्तों का मानना है कि इस दिन भगवान की आराधना और उपवास करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

शामली के शिव चौक पर सजीव झांकियों, भव्य सजावट और झूला झुलाने की परंपरा ने सभी का मन मोह लिया। छोटे बच्चों द्वारा किए गए राधा-कृष्ण के रूप-प्रदर्शन ने हर किसी को आकर्षित किया। पूरा शहर कृष्ण भक्ति में सराबोर दिखाई दिया।

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Shashi kant gautam

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