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Sonbhadra: मनीष प्रकरणः दो फीट से कम पानी में पड़ी मिली थी लाश, पुलिस की रिपोर्ट डूबकर हुई मौत, न्यायालय ने कहाः प्रकरण संदिग्ध
Sonbhadra News: करीब 9 माह पूर्व संदिग्ध हाल में चोपन थाना क्षेत्र के बेलछ गांव अंतर्गत टोला अकेलवा निवासी मनीष कुमार का शव नाले में पड़ा पाया गया था।
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Sonbhadra News: चोपन थाना क्षेत्र के डाला अंचल स्थित क्रशर प्लांट पर काम करने वाले एक युवक की नौ माह पूर्व संदिग्ध हाल में नाले में दो फीट से भी कम पानी में पड़ी मिली लाश के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस की तरफ से, इस प्रकरण में न्यायालय में जहां डूबकर मौत होने की रिपोर्ट दी गई थी। वहीं, सुनवाई के दौरान सामने आए साक्ष्य, खासकर दो फीट से भी कम पानी में डूबकर मौत को संदिग्ध मानते हुए, प्रभारी निरीक्षक चोपन को प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने/कराने के आदेश दिए गए हैं। न्यायालय के इस निर्णय को खासा अहम माना जा रहा है। अब इस मामले में चोपन पुलिस की जांच का क्या परिणाम आता है, इस पर निगाहें टिकी हुई हैं।
बताते चलें कि करीब 9 माह पूर्व संदिग्ध हाल में चोपन थाना क्षेत्र के बेलछ गांव अंतर्गत टोला अकेलवा निवासी मनीष कुमार का शव नाले में पड़ा पाया गया था। पिता अर्जुन प्रसाद ने अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद सिंह के जरिए धारा 173 (4)बीएनएसएस के तहत नवंबर 2024 में प्रार्थना पत्र दाखिल कर न्यायालय से हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी। न्यायालय ने इस मामले में क्षेत्राधिकारी से आख्या तलब की थी। चोपन पुलिस के हवाले से दी गई आख्या में क्षेत्राधिकारी की तरफ से मौत का कारण पानी में डूबना बताया गया था।
काम पर जाने के लिए निकला मनीष रास्ते से हो गया था गायब
वहीं, न्यायालय से गुहार लगाने वाले अर्जुन प्रसाद का कहना था कि उनका पुत्र मनीष कुमार डाला प्लांट में 11 अक्तूबर 2024 को काम करने के लिए शाम चार बजे घर से निकला था। उस दौरान गांव का ही सुदेश्वर पुत्र राम अधार उसके घर आया था और उसके कहने पर मनीष कुमार रास्ते से सुदेश्वर के घर चला गया। जब देर रात तक वह घर वापस नहीं आया तब उसने प्लांट पर पता किया तो मालूम हुआ कि मनीष काम पर पहुंचा ही नहीं थी। काफी तलाश के बाद भी जब उसका कहीं कोई पता नहीं चला। तब उसने सुदेश्वर के घर जाकर पूछताछ की लेकिन उसने कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया। मनीष की मोबाइल पर लगातार रिंग जाती रही, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ।
तीन बाद नाले में लाश पड़े होने की मिली जानकारी
तीन दिन बाद 14 अक्तूबर 2024 की सुबह 8 बजे सूचना मिली कि उसके पुत्र मनीष की लाश एक नाले में पड़ी हुई है। शरीर पर कपड़े के नाम पर सिर्फ अंडरवियर है। घर से निलते वक्त पहने गए कपड़े, जूता, मोजा, मोबाइल का कहीं कोई पता नहीं था। वहां से कुछ दूर जाने पर, एक शाल और साड़ी का आधा भाग बेडशीट में लपटा हुआ दिखाई दिया। दावा किया गया था कि यह शाल और सुदेश्वर की पत्नी सिताबी देवी की थी।
इन-इन पर लगाया हत्या किए जाने का आरोप
न्यायालय में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में अर्जुन प्रसाद ने दावा किया कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि उनके पुत्र. मनीष की हत्या हुई है और यह वारदात गांव के सुदेश्वर पुत्र राम अधार, उसकी पत्नी सिताबी देवी, दामाद रमेश निवासी गिरिया, थाना पन्नूगंज ने मिलकर की है। यह भी दावा किया गया कि जहां बेटे की लाश बरामद हुई है वहां नाले में 2 फीट से ज्यादा पानी नहीं था।
न्यायालय ने माना, प्रकरण गंभीर, विवेचना से ही सामने आएंगे साक्ष्य
पीड़ित पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य, अधिवक्ता की तरफ से दिए गए तर्क और पुलिस की ओर से पेश की गई रिपोर्ट का परिशीलन करने के बाद न्यायालय ने पाया कि मृतक के मोबाइल की बरामदगी न होने, मोबाइल गायब हो जाने, मृतक का केवल अंडरवियर में लाश मिलना प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध किए जाने का संकेत देता है। इसके अलावा सीओ की जो जांच आख्या आई है, उसमें मोबाइल और कपड़ों की कोई जांच किए बगैर ही आख्या प्रस्तुत कर दी गई है। जबकि मृतक के मोबाइल की जांच से प्रकरण को लेकर कई साक्ष्य उपलब्ध किए जा सकते हैं। इसलिए इस प्रकरण की विवेचना होना आवश्यक है। मामले में प्रभारी निरीक्षक चोपन को एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने या कराने तथा इस संबंध में की गई कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया गया है।
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