Sonbhadra : रघुनाथपुर सोनभद्र: हर घर तिरंगा व स्वच्छता अभियान में रचा इतिहास, पाई राष्ट्रीय पहचान

Sonbhadra News: : हर घर तिरंगा-हर घर स्वच्छता में रघुनाथपुर ने रचा इतिहास, भारत सरकार के पोर्टल पर मिला प्रमुन्ख स्थान, प्रधान ने खुद ई-रिक्शा चलाकर दिया था बड़ा संदेश

Mithilesh Dev Pandey
Published on: 13 Oct 2025 9:30 PM IST
Sonbhadra : रघुनाथपुर सोनभद्र: हर घर तिरंगा व स्वच्छता अभियान में रचा इतिहास, पाई राष्ट्रीय पहचान
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Sonbhadra News ( Image From Social Media) 

Sonbhadra News : जब देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा था, तब सोनभद्र की धरती से एक प्रेरक संदेश निकला — “स्वतंत्रता का अर्थ केवल तिरंगा फहराना नहीं, बल्कि गांवों को स्वच्छ बनाना भी है।” विकास खंड घोरावल की ग्राम पंचायत रघुनाथपुर ने यह संदेश अपने काम से साबित किया है।भारत सरकार के स्वच्छता समाचार पोर्टल पर रघुनाथपुर ग्राम पंचायत की “प्लास्टिक मुक्त अभियान” पहल को प्रमुख स्थान मिला है। यह उपलब्धि केवल सोनभद्र ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का विषय बन गई है।

ग्राम प्रधान परमेश्वर पाल ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) के क्षेत्र में ऐसा मॉडल तैयार किया है, जो गांव की तस्वीर बदल रहा है। प्रधान स्वयं ई-रिक्शा चलाकर घर-घर कूड़ा संग्रह करते हैं। यह दृश्य न केवल स्वच्छता की भावना जगाता है, बल्कि ग्रामीणों में यह संदेश भी देता है कि “नेता वही जो काम में आगे हो।”गांव में हर सुबह ई-रिक्शा की घंटी के साथ स्वच्छता का नया अध्याय शुरू होता है। लोग खुद आगे बढ़कर कूड़ा अलग-अलग श्रेणियों में देते हैं।

ग्राम पंचायत में प्लास्टिक मुक्त अभियान भी निरंतर जारी है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक को छांटकर पुनर्चक्रण योग्य सामग्री के रूप में बेचा जाता है, जिससे प्राप्त धनराशि से पंचायत का Own Source Revenue (OSR) बढ़ रहा है — यानी स्वच्छता अब आत्मनिर्भरता की राह बन गई हैप्रधान परमेश्वर पाल का कहना है कि हमने ठान लिया था कि रघुनाथपुर को साफ-सुथरा और आत्मनिर्भर बनाना है। अगर इच्छाशक्ति हो, तो सीमित संसाधन भी काफी होते हैं।

बता दें कि भारत सरकार के पोर्टल पर स्थान मिलना इस बात का प्रमाण है कि सच्ची नीयत और सामूहिक प्रयास से गांव बदल सकते हैं।सोनभद्र जिले के लिए यह क्षण गर्व का है और बाकी पंचायतों के लिए एक चुनौती भी किक्या वह रघुनाथपुर की तरह स्वच्छता को जन-आंदोलन बना पाएंगी? स्वच्छ ग्राम – समृद्ध ग्राम की इस मिसाल ने एक बार फिर साबित किया है कि परिवर्तन की शुरुआत गांव से होती है। बस नेतृत्व सच्चा होना चाहिए।

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Shalini Rai

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