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यूपी में बनेंगे तीन नए निजी विश्वविद्यालय, उच्च शिक्षा को मिलेगा नया आयाम, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी
UP Cabinet Decision: योगी कैबिनेट ने यूपी में तीन नए निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी, उच्च शिक्षा को मिलेगा नया आयाम, युवाओं को मिलेंगे बेहतर अवसर।
UP Cabinet Decision: प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए तीन नये निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना एवं विदेश अध्ययन हेतु विशेष छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को लोक भवन, लखनऊ में सम्पन्न हुई कैबिनेट बैठक में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने जानकारी दी कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा The Foreign Commonwealth and Development Office (FCDO), United Kingdom के सहयोग से “भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी–चिवनिंग उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना” की शुरुआत की जा रही है। यह योजना शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से आरंभ होगी और प्रारंभिक तीन वर्षों के लिए लागू रहेगी। योजना के अंतर्गत प्रदेश के 05 मेधावी छात्र-छात्राओं को यूनाइटेड किंगडम के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में किसी एक विषय में एक वर्ष की मास्टर डिग्री हेतु पूर्ण छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। यह छात्रवृत्ति शैक्षणिक शुल्क, परीक्षा और शोध शुल्क, एकल छात्र के रहने हेतु मासिक भत्ता तथा इकोनॉमी क्लास में एक बार आने-जाने का हवाई किराया सम्मिलित रूप से प्रदान करेगी। योजना के तहत प्रति छात्र अनुमानित कुल व्यय £38,048 से £42,076 के मध्य होगा, जिसमें से उत्तर प्रदेश सरकार £19,800 यानी लगभग 23,00,000 रूपये राशि वहन करेगी तथा शेष व्यय FCDO UK द्वारा किया जाएगा।
कैबिनेट बैठक में प्रदेश में तीन नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को भी सैद्धांतिक सहमति दी गई। वेदान्ता विश्वविद्यालय, मुजफ्फरनगर की स्थापना फतेह चन्द चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जनपद मुजफ्फरनगर के ग्राम हुसैनपुर बोपाडा, तहसील खतौली में 23.3349 एकड़ भूमि पर की जायेगी। उच्च स्तरीय समिति द्वारा 19 दिसम्बर 2024 को आयोजित बैठक में इसकी संस्तुति करते हुए आशय-पत्र निर्गत किये जाने की अनुशंसा की गई थी, जिसे अब मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, बोधिसत्व विश्वविद्यालय, बाराबंकी की स्थापना हेतु बोधिसत्व चैरिटेबल ट्रस्ट, लखनऊ द्वारा ग्राम गदिया, परगना देवा, तहसील नवाबगंज, जनपद बाराबंकी में 25.31 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा "उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) अध्यादेश, 2025" का प्रख्यापन किया जायेगा तथा तत्पश्चात संचालन प्राधिकार पत्र निर्गत किया जायेगा।
तीसरे विश्वविद्यालय के रूप में के०डी० विश्वविद्यालय, मथुरा की स्थापना राजीव मेमोरियल एकेडेमिक वेलफेयर सोसाइटी, मथुरा द्वारा ग्राम अकबरपुर, तहसील छाता, जनपद मथुरा में 50.54 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित की गई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की अनुसूची में संशोधन हेतु "उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन) अध्यादेश, 2025" प्रख्यापित कर संचालन प्राधिकार-पत्र निर्गत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि यह सभी निर्णय प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार, वैश्विक अवसरों की उपलब्धता और शिक्षा के क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
नगर निगमों में विज्ञापन की मंजूरी अब 15 साल के लिए
योगी कैबिनेट ने नगर निगम क्षेत्र में आकाश चिन्हों और विज्ञापनों की अनुज्ञा एवं नवीकरण अवधि को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब तक दो साल के लिए दी जाने वाली अनुमति को बढ़ाकर 15 वर्ष कर दिया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-305(1) में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद राज्य की सभी नगर निगमों में उत्तर प्रदेश नगर निगम (चिन्हों एवं विज्ञापनों का विनियमन) नियमावली, 2025 लागू की जाएगी। सरकार का मानना है कि यह बदलाव विज्ञापन एजेंसियों को लंबी अवधि के निवेश, तकनीकी नवाचार और बेहतर गुणवत्ता के लिए प्रेरित करेगा। इससे नगर निकायों को बार-बार टेंडर प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी और राजस्व स्थिरता सुनिश्चित होगी। साथ ही, बढ़ते शहरीकरण और सीमित वित्तीय संसाधनों की चुनौतियों के बीच नगर निगमों को अतिरिक्त आय के स्रोत भी मिलेंगे। अब राज्य सरकार जल्द ही उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को प्रख्यापित करेगी।
केजीएमयू अधिनियम में होगा संशोधन
योगी कैबिनेट ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू), उत्तर प्रदेश अधिनियम-2002 में संशोधन की मंजूरी दे दी है। संशोधन के तहत विश्वविद्यालय की कार्य परिषद में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रोफेसरों को प्रतिनिधित्व देने के लिए धारा-24(1)(A) जोड़ी जाएगी। इसका उद्देश्य आरक्षित वर्गों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और अनुश्रवण सुनिश्चित करना है। संशोधन के अनुसार, राज्य सरकार वरिष्ठतम प्रोफेसरों में से एक-एक सदस्य को नामित करेगी, जो एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग से होंगे। यह नामांकन रोटेशन आधार पर कुलपति से परामर्श कर किया जाएगा। यह संशोधन विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की 28 जनवरी 2022 की बैठक में पारित प्रस्ताव के आधार पर किया जा रहा है और इसे राज्य विधानमंडल के आगामी सत्र में दोबारा प्रस्तुत किया जाएगा।
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