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Unnao News: सफीपुर: चकलवंशी में सूखती बरकोता ड्रेन नदी, जीवनदायिनी से जल संकट की ओर, किसान परेशान- मवेशी प्यासे
Unnao News: नदी में पानी की कमी से भूजल स्तर भी लगातार गिर रहा है, जिससे आगामी दिनों में गंभीर जल संकट की आशंका है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का ऑफ कैमरा कहना है कि जल्द ही इस पर काम किया जाएगा।
चकलवंशी में सूखती बरकोता ड्रेन नदी, किसान परेशान- मवेशी प्यासे (Photo- Newstrack)
Unnao News: सफीपुर के चकलवंशी में कभी सैकड़ों गाँवों की जीवनरेखा रही बरकोता ड्रेन (भदनी नदी) अब सूखने के कगार पर है। आज इतवार को दोपहर 2:00 बजे देखा गया कि पश्चिम से निकलकर बसधना गाँव के पास गंगा में मिलने वाली यह नदी दशकों तक हजारों बीघा कृषि भूमि की सिंचाई और मवेशियों की प्यास बुझाने का मुख्य साधन थी। ग्रामीणों के अनुसार, दो दशक पहले तक इसमें साल भर पर्याप्त पानी रहता था, लेकिन अब नाममात्र का पानी बचा है। लगभग डेढ़ दशक पहले सिंचाई विभाग द्वारा कराई गई सफाई के बाद से स्थिति बदतर हुई है। किसान अब निजी ट्यूबवेल पर निर्भर हैं, और मवेशियों को पानी नहीं मिल पाता।
नदी में पानी की कमी से भूजल स्तर भी लगातार गिर रहा है, जिससे आगामी दिनों में गंभीर जल संकट की आशंका है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का ऑफ कैमरा कहना है कि जल्द ही इस पर काम किया जाएगा।
बरकोता ड्रेन (भदनी नदी) सैकड़ों गांव की सीमा से गुजर कर बसधना गांव के पास गंगा नदी में मिल जाती है दशकों पुरानी नदी हजारों बीघा कृषि भूमि पर खडी फसलों के लिए सिंचाई का साधन हुआ करती थी साथ ही मवेशियों के लिए प्यास बुझाने का साधन थी मौजूदा समय में नदी में नाममात्र का पानी बचा है और नदी लगभग सूखने लगी है जिसके चलते गांवों में जलस्तर लगातार नीचे गिर रहा है।
दशको पुरानी बरकोता ड्रेन पश्चिम से निकल कर महमूद पुर, शाहाबाद, सकत पुर, औराई, मुंशी गंज, रावत पुर, रसूलाबाद, गौरा खुर्द, पैगम्बर पुर, बीरम पुर, हरी गढी, भंगरवट, कोटरा, पुरवा, टंडन नगर, कोरारी कला, पारा, भदनी, बदन खेडा, भवानी खेडा, बेलंद खेडा, नूरुदी नगर, खटौली, कलंदर खेडा, नगवा, किन्ना, अफजल नगर, परमनी, अमलोना, सथरा, बंधवा, प्यारेपुर, अतरी, भदेउना होते हुए बसधना गांव के पास गंगा नदी में मिल जाती है ग्रामीणों का कहना है कि दो दशक पहले तक भदनी नदी में साल भर पानी रहता है हलांकि मई जून में पानी की मात्रा कम हो जाती थी लेकिन फिर भी पर्याप्त मात्रा में फसलों की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहता था सैकड़ों किसान नदी के पानी से फसलों की सिंचाई करते थे और मवेशियों के लिए पानी पीने का साधन था डेढ दशक पहले सिंचाई विभाग द्वारा जेसीबी मशीन से सफाई कराई गयी थी तब से स्थिति यह हो गयी है कि धीरे-धीरे नदी का पानी सूखने लगा और किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए निजी ट्यूबवेल पर निर्भर रहना पडता है साथ ही जंगली और पालतू मवेशियों के लिए पीने के लिए पानी नहीं रहता है नदी में पानी की कमी से स्थिति यह है कि नदी के किनारे गांवों में जलस्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है ग्रामीणों का कहना है कि नदी में जो थोड़ा बहुत पानी बचा है वह भी कुछ दिनों में पूरी तरह से सूख जायेगा जिससे पानी की समस्या बढ जाती है।
सफीपुर के चकलवंशी में अवैध नर्सिंग होम और क्लीनिक सील, स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी से मचा हड़कंप
चकलवंशी चौराहे पर आज एकबार फिर से स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी से हड़कंप मच गया अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। मियागंज चिकित्सा प्रभारी डॉ. नितिन श्रीवास्तव और सफीपुर चिकित्सा प्रभारी डॉ. राजेश कुमार वर्मा के साथ टीम ने दो नर्सिंग होम और दो निजी चिकित्सकों के क्लीनिक पर छापा मारा जो बिना कागजात के संचालित पाया गया तत्काल सीज करके सोमवार को तलब किया गया है
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा नरेंद्र कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को मियागंज चिकित्सा प्रभारी डा नितिन श्रीवास्तव के साथ चकलवंशी चौराहे पर संचालित दो नर्सिंग होम और दो निजी चिकित्सक के यहां छापा मारा जहां अस्पताल संचालक कोई कागजात नही दिखा पाए जिस पर नर्सिंग होम व चिकित्सक का क्लीनिक सीज कर सम्पूर्ण कागजात के साथ सोमवार को कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया।
विभागीय अधिकारियों के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए शुक्रवार को डा नरेंद्र कुमार मियागंज चिकित्सा प्रभारी डा नितिन श्रीवास्तव डा डी नाथ सफीपुर चिकित्सा प्रभारी डा राजेश कुमार वर्मा के साथ चकलवंशी कस्बा में संचालित कुशवाहा पाली क्लीनिक पर छापा मारा जहां चिकित्सक नही मिले जिस पर अस्पताल सीज कर दिया उसी के सामने एक निजी चिकित्सक के क्लीनिक पर पहुंचे और कागजात दिखाने के लिए कहा जिस नही दिखा पाए जिस पर अस्पताल बंद करा दिया इसके बाद परियर मार्ग पर स्थित श्री राधे कृष्णा हास्पिटल पर छापा मारा जहां संचालक कागज नहीं दिखा पाया जिस पर अस्पताल बंद करा दिया उसी के सामने एक निजी क्लीनिक पर पहुंचे तो वह कोई काजग नहीं दिखा पाया जिस पर अस्पताल बंद करा दिया इस सम्बंध डा नरेंद्र कुमार का कहना है कि अस्पताल संचालक कागजात नहीं दिखा पाए हैं इसलिए अस्पताल बंद करा दिए गए हैं।
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