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UP Weather Today: UP में 'आग' के बाद 'पानी' का इंतजार! 9 जून को 'धधकती' रहेगी धरती, पर इस दिन से होगी 'झमाझम बारिश', IMD ने दिया अपडेट
UP Weather Today: सड़कों पर सन्नाटा, बाजारों में वीरानगी और आसमान से बरसती आग, हर कोई बस एक ही सवाल पूछ रहा है – आखिर कब मिलेगी इस गर्मी से राहत? क्या सोमवार का दिन कोई नई उम्मीद लेकर आएगा या फिर वही लू के थपेड़े और उमस भरी गर्मी जारी रहेगी?
UP Weather Today
UP Weather Today: जब आसमान में बादल नहीं, सिर्फ तपती किरणें हों... जब सड़कें धधकती हों और घरों की छतें तंदूर बन जाएं... जब रातें भी सुकून देने के बजाय और बेचैन कर दें — तब समझ लीजिए कि उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी ने अपना कहर ढा दिया है। जून की शुरुआत होते ही प्रदेश के कई जिलों में गर्मी ने ऐसा तांडव मचाया है कि इंसान ही नहीं, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे और पानी की हर बूँद तक इस प्रचंड ताप की गिरफ्त में आ चुकी है। सड़कों पर पसरा सन्नाटा इस बात का गवाह है कि दोपहर के वक्त बाहर निकलना अब सिर्फ हिम्मत ही नहीं, जंग का ऐलान जैसा लगता है। बाजारों में सन्नाटा, खेतों में सूखा और आसमान से बरसती आग — यह वही यूपी है जो कभी सावन की रिमझिम का इंतज़ार करता था, लेकिन अब हर घंटे, हर पल यही पूछ रहा है – "ये तपिश कब थमेगी?"
गर्मी का विकराल प्रहार: सोमवार को भी नहीं मिलेगी राहत
प्रदेश के मौसम विभाग की चेतावनी तो जैसे एक डरावना नोटिस बन चुकी है। रविवार को प्रयागराज, झांसी और आगरा जैसे दक्षिणी जिलों में पारा 44 डिग्री के पार पहुंच गया, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। अब सोमवार, 9 जून 2025 को भी लू के रेड अलर्ट ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है।बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में पछुआ हवाओं के चलते वातावरण में नमी की कमी हो गई है, जिससे गर्मी का असर और तीखा हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि सोमवार को तापमान में 2-3 डिग्री की और बढ़ोतरी हो सकती है — यानी जो अभी 44 है, वो 46 के करीब पहुंच सकता है। यह सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि चेतावनी है — पानी पिएं, धूप से बचें और दोपहर में बाहर ना निकलें, क्योंकि अब सिर्फ गर्मी नहीं है, यह ‘जीवन को चुनौती’ बन चुकी है।
लखनऊ की तपिश में दम घुटा, लेकिन अब और भी बढ़ेगी गर्मी
राजधानी लखनऊ में रविवार को सूरज जैसे आसमान में तांडव कर रहा था। तापमान 40.4 डिग्री रहा, लेकिन ह्यूमिडिटी यानी उमस ने इसे 45 डिग्री जैसा महसूस कराया। सुबह से ही आसमान एकदम साफ रहा, और सूरज की किरने बिना किसी रोक-टोक के सीधे शरीर को भेद रही थीं। लोगों ने अपने-अपने घरों में कैद रहना ही बेहतर समझा। न बाजार खुले, न पार्कों में चहल-पहल रही। लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि सोमवार को राजधानी का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। यानी जो आज था, वह कल से और भी बुरा होगा।
राहत का ट्रेलर, लेकिन फिल्म अब भी दूर है
इन तपती हवाओं और जलते दिनों के बीच एक मामूली सी उम्मीद की बूँद दिखाई दे रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि *11 जून से पूर्वी हवाएं* सक्रिय होंगी, जो बारिश का संकेत हैं। इन हवाओं के चलते उत्तर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश की संभावना बन रही है, जिससे तापमान में कुछ गिरावट आ सकती है। हालांकि यह राहत थोड़ी देर के लिए ही होगी, लेकिन फिलहाल यह भी बहुत बड़ी उम्मीद बन चुकी है। आमतौर पर यूपी में मानसून 15 जून से 25 जून के बीच दस्तक देता है। इस बार केरल में मानसून की जल्दी शुरुआत के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भी यह समय से पहले पहुंच सकता है। लेकिन अभी तक मानसून की कोई पक्की तारीख सामने नहीं आई है। लोगों की निगाहें अब आसमान पर टिक गई हैं, जहां से सिर्फ धूप उतर रही है — लेकिन दिलों में बसी है बूँदों की आस।
गर्मी से नहीं, अब उम्मीद से जूझ रहा है उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश का हर शहर, हर कस्बा, हर गांव इस वक्त एक ही सवाल के साथ जी रहा है — कब बरसेंगे बादल? सूरज की यह बेलगाम तपिश कब रुकेगी? कहीं ये जून ‘इतिहास की सबसे गर्म’ जून बनकर तो नहीं रह जाएगा? इस वक्त, जब बिजली कटौती भी हालात को और बदतर बना रही है, जब अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, तब राहत की उम्मीद सिर्फ और सिर्फ आसमान से जुड़ी है। गर्मी के इस जाल से निकलने का रास्ता सिर्फ बादलों के पास है। लेकिन सवाल वही है "क्या सोमवार सिर्फ और ज़्यादा तपिश लाएगा या किसी राहत की पहली फुहार?"
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