धामी सरकार ने 1456 युवाओं को दी नियुक्ति, पारदर्शिता पर फोकस

CM पुष्कर सिंह धामी ने 1456 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे, बोले—यह सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि उत्तराखंड के भविष्य में विश्वास की नई शुरुआत है।

Newstrack Desk
Published on: 14 Oct 2025 7:06 PM IST
Uttarakhand CM Dhami
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Uttarakhand CM Dhami (image from Social Media)

Uttarakhand: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज दून मेडिकल कॉलेज में एक बड़ा संदेश दिया—वह संदेश जो सिर्फ नौकरी का नहीं, बल्कि पारदर्शिता और विश्वास का है। सीएम धामी ने एक भव्य समारोह में 1456 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे, जिनमें सबसे बड़ी संख्या 1347 सहायक अध्यापकों (एल.टी.) की थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त युवाओं को बधाई देते हुए उनसे अपेक्षा की कि वे सिर्फ सरकारी कर्मचारी नहीं, बल्कि राज्य के उज्जवल भविष्य के निर्माता बनें।

सीएम का आह्वान: "यह अवसर केवल आपके जीवन का पड़ाव नहीं है। यह उत्तराखंड के भविष्य की नींव है। आप अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा, पारदर्शिता और समर्पण की भावना से करें, और अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करें।"

"चार साल में दो गुनी नौकरी": पारदर्शी व्यवस्था पर जोर

मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसका मुख्य केंद्रबिंदु मेरिट और पारदर्शिता थी।

उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में राज्य में 26,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में सेवायोजित किया जा चुका है। सीएम ने दावा किया कि यह संख्या राज्य गठन के बाद पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में मिली कुल नौकरियों की संख्या से दो गुना से भी अधिक है।

पेपर लीक पर त्वरित एक्शन: "युवाओं के साथ न्याय"

पारदर्शिता पर जोर देने के साथ ही, मुख्यमंत्री ने हाल ही में हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र पर सामने आए नकल प्रकरण का जिक्र किया और बताया कि कैसे सरकार ने तुरंत एक्शन लिया।

सीएम ने कहा: "जैसे ही यह मामला सामने आया, हमने बिना देरी किए आरोपी को गिरफ्तार किया, एसआईटी का गठन किया, और युवाओं के हितों की रक्षा के लिए उनकी मांग पर तुरंत सीबीआई जांच की संस्तुति प्रदान कर पेपर को निरस्त करने का भी निर्णय लिया।" उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं धरनास्थल पर जाकर युवाओं से मुलाकात की और उनकी सभी न्यायोचित मांगों को मानने का आश्वासन दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि युवाओं का हित और विश्वास सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

शिक्षा मंत्री का संदेश: "दुर्गम क्षेत्रों में सेवा ही असली तपस्या"

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नवनियुक्त अध्यापकों का स्वागत किया और उन्हें एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी याद दिलाई। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में नियुक्तियों का सिलसिला जारी रहेगा और जल्द ही बीआरपी, सीआरपी, बेसिक अध्यापकों और चतुर्थ श्रेणी में भी नियुक्तियाँ होंगी।

शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि नियुक्तियाँ ज्यादातर दुर्गम क्षेत्रों में दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हर शिक्षक को अनिवार्य रूप से कुछ साल दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ देनी हैं, क्योंकि असली परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण उन्हीं दूरस्थ स्थानों पर होता है, जहाँ सुविधाओं का अभाव है।

यह नियुक्ति वितरण समारोह सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उत्तराखंड के युवाओं के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक था—जहाँ योग्यता और ईमानदारी को सर्वोच्च सम्मान दिया गया।

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