Uttarakhand@25: सीएम धामी के नेतृत्व में विकास यात्रा की कहानी

उत्तराखंड इस वर्ष अपनी स्थापना के रजत जयंती समारोह को मना रहा है विधान सभा के विशेष सत्र को 9 नवंबर को राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू संबोधित करेंगी

Ramkrishna Vajpei
Published on: 22 Oct 2025 9:44 AM IST
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Uttarakhand@25: नौ नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया देवभूमि उत्तराखंड इस वर्ष अपनी स्थापना के रजत जयंती समारोह मना रहा है। 25 वर्षों के इस सफर में राज्य ने न केवल अपने पैरों पर खड़ा होना सीखा बल्कि देश के अग्रणी राज्यों में खुद को स्थापित भी किया। आने वाले दिनों में जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य का दौरा करेंगे, तब इस पूरे सफर का मूल्यांकन एक नए आत्मविश्वास के साथ किया जाएगा।

राजनीतिक दृष्टि से कई उतार-चढ़ाव देखने वाले उत्तराखंड ने अब स्थिरता और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं। विभिन्न चरणों में नेतृत्व परिवर्तन के बावजूद राज्य ने हर बार विकास की गति बनाए रखी। और आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है।

धामी सरकार ने बीते चार वर्षों में जिस दृढ़ता और संकल्प से काम किया, उसने राज्य की प्रशासनिक छवि को नई पहचान दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत और विकसित राज्य के संकल्प को साकार करने के लिए धामी सरकार ने ‘मॉडल उत्तराखंड’ के रूप में राज्य को उभारने की रणनीति अपनाई।

राज्य में निवेश, पर्यटन, बुनियादी ढांचे और स्वरोजगार को प्राथमिकता दी गई। चारधाम यात्रा के आधुनिकीकरण से लेकर चारधाम ऑलवेदर रोड, देहरादून–दिल्ली एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट ने उत्तराखंड को कनेक्टिविटी के नए युग में प्रवेश कराया। धामी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना और युवाओं के लिए उत्तराखंड स्वरोजगार योजना जैसे कदम उठाए, जिससे विकास में जनभागीदारी बढ़ी।

2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री धामी भले अपनी सीट नहीं बचा पाए थे, लेकिन राज्य की जनता ने भाजपा को पूर्ण बहुमत देकर उनके नेतृत्व पर भरोसा जताया — यह राजनीतिक स्थिरता और विश्वास के नए युग की शुरुआत साबित हुई।

25 वर्ष पहले जिस राज्य ने अलग अस्तित्व की लड़ाई लड़ी थी, आज वही राज्य शिक्षा, पर्यटन, ऊर्जा और डिजिटल शासन में अपनी पहचान बना रहा है। मुख्यमंत्री धामी का यह कथन आज सटीक लगता है कि “उत्तराखंड अब केवल पहाड़ों का राज्य नहीं, बल्कि संभावनाओं का राज्य है।”

जैसे-जैसे रजत जयंती समारोह की तैयारियाँ जोरों पर हैं, उत्तराखंड के लोग गर्व के साथ कह सकते हैं कि राज्य अब दृढ़ नेतृत्व और स्पष्ट दृष्टि के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है — एक नए उत्तराखंड की ओर।

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