Shamli News: हरियाणा के तहसीलदार कृष्ण कुमार पर हाईकोर्ट अवमानना का आरोप

शामली-करनाल सीमा विवाद फिर गरमाया, किसानों ने अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया

Pankaj Prajapati
Published on: 28 Oct 2025 8:29 PM IST
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Shamli News (Image from Social Media)

Shamli News: उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा पर एक बार फिर विवाद गहराता नजर आ रहा है। मामला है शामली जनपद के शीतल गढ़ी क्षेत्र का, जहां सीमा निर्धारण को लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच नोंकझोंक हो गई। दरअसल, यमुना नदी के किनारे पिलर लगाने को लेकर कई वर्षों से दोनों राज्यों के बीच विवाद चल रहा है, जो फिलहाल हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है। जबकि उत्तर प्रदेश में हरियाणा के अधिकारी का कोई काम नहीं है हरियाणा में खनन ठेकेदारों की शह पर अधिकारी मौके पर आते हैं और बेवजह लोगों को परेशान करते हैं जिससे तनाव का माहौल बन गया है।

शीतल गढ़ी क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे वर्षों से सीमांकन को लेकर विवाद चला आ रहा है। यह वही इलाका है, जहां हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाएं मिलती हैं। लेकिन अब हरियाणा के खनन ठेकेदारों के दबाव में आकर हरियाणा के अधिकारी जबरदस्ती सीमा पर आकर किसनो को परेशान करते है उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह मामला पहले से ही हाई कोर्ट में विचाराधीन है और कोर्ट के आदेश से पहले किसी भी तरह का पिलर लगाया जाना नियमों का उल्लंघन होगा जबकि करनाल के तहसीलदार कृष्ण कुमार हाई कोर्ट की अवहेलना करते हुए नजर आए वही करनाल एसडीएम अनुभव मेहता मौके पर पहुंचे और मौके की नजाकत को समझकर दोनों राज्यों के उत्तर प्रदेश व हरियाणा के अधिकारियों के बीच बैठकर किसानों की समस्या का हल निकालने की बात कही !

उत्तर प्रदेश प्रशासन का कहना है कि सर्वे ऑफ इंडिया ही एकमात्र अधिकृत एजेंसी है जो सीमा निर्धारण और पिलर लगाने का कार्य करती है। ऐसे में किसी भी राज्य के अधिकारी द्वारा मनमाने तरीके से पिलर लगाना गैरकानूनी है। उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के मुताबिक शीतल गढ़ी से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर पहले से पिलर लगे हुए हैं।

इसके बावजूद हरियाणा करना करनाल के तहसीलदार कृष्ण कुमार यमुना किनारे जाकर किसानों को बेवजह परेशान करते हैं ऐसे में किसानों का कहना है कि हमारे पीढ़ी हमारे बाप दादा यहीं पर रहे हैं और कई सालों से यह मुद्दा उठता आ रहा है लेकिन आज जैसे ही करनाल के तहसीलदार कृष्ण कुमार किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला हाईकोर्ट में चला हुआ है पिलर भी पहले ही लग चुके हैं यह कई वर्षों से चला आ रहा है लेकिन हाई कोर्ट की अवहेलना कर रहे हरियाणा के अधिकारी मौके पर तभी एसडीम अनुभव मेहता मौके पर पहुंचे और मामले को शांत करा कर किसानों को समझने का प्रयास किया गया और कहा गया कि दोनों राज्यों के अधिकारी समक्ष बैठकर किसने की समस्या का निस्तारण किया जाएगा !

"हम कई बार प्रशासन से कह चुके हैं कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है, लेकिन फिर भी हरियाणा के अधिकारी और ठेकेदार जबरदस्ती आकर काम करने लगते हैं। इससे यहां के लोगों में गुस्सा है।"

दोनों राज्यों के बीच यह विवाद वर्षों से चल रहा है। यमुना नदी के बहाव में आए बदलाव के चलते सीमांकन को लेकर मतभेद पैदा हुए थे। अब खनन गतिविधियों के चलते यह विवाद एक बार फिर गरमा गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि हरियाणा के खनन ठेकेदारों के संरक्षण में अधिकारी दबाव बनाकर यमुना किनारे अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं।

फिलहाल मामला कोर्ट में लंबित है और उत्तर प्रदेश प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सर्वे ऑफ इंडिया की टीम सीमांकन का काम नहीं करती, तब तक कोई भी पिलर नहीं लगाया जा सकता। लेकिन हरियाणा प्रशासन की हठधर्मिता और खनन ठेकेदारों की मनमानी के चलते सीमा विवाद अब तनाव का रूप लेता जा रहा है।

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