TRENDING TAGS :
भारत के मुस्लिम दोस्त को मनाने पहुंचे आसिम मुनीर, Pak की इस हरकत से थे भड़के
Middle East politics 2025: सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुई परमाणु रक्षा डील से नाराज मिस्र को मनाने के लिए पाकिस्तानी आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अचानक मिस्र पहुंच गए हैं।
Middle East politics 2025: पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच परमाणु रक्षा डील को लेकर मुस्लिम देश मिस्र काफी नाराज चल रहे थे। इस बीच अब नाराज मिस्र को मनाने के लिए पाकिस्तान के ताकतवर आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अचानक मिस्र पहुंच गए हैं। उनका यह दौरा न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि इसके पीछे कई छिपे राजनीतिक और रणनीतिक इरादे भी नजर आ रहे हैं। गाजा में सीजफायर के बावजूद मिस्र और इजरायल के बीच तनाव कायम है, इस बीच पाकिस्तान के इस कदम ने पूरे अरब जगत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
मिस्र भाईचारे का देश है: मुनीर
काहिरा में उतरते ही आसिम मुनीर ने मिस्र को भाईचारे वाला देश बताते हुए सैन्य संबंध मजबूत करने की घोषणा कर दी। पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मिस्र और पाकिस्तान अब रक्षा सहयोग को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी में हैं। मुनीर ने मिस्र के रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख से मुलाकात की, जहां क्षेत्रीय सुरक्षा, आपसी हितों और रक्षा सौदों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “मिस्र और पाकिस्तान का सहयोग न केवल हमारी सेनाओं बल्कि हमारी जनता के लिए भी फायदेमंद होगा।” पर असली सवाल यह है कि मुनीर को अचानक मिस्र की याद क्यों आ गई? और इसका जवाब सऊदी अरब है।
सऊदी डील से मिस्र था नाराज
हाल ही में पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसने पूरे अरब जगत में हलचल मचा दी। मिस्र इस सौदे से खासा नाराज है। मिस्र के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि सऊदी ने मिस्र की सेना की जगह पाकिस्तान की आर्मी पर भरोसा क्यों किया?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस डील में पाकिस्तान को सुरक्षा भागीदार बनाते हुए कहा गया कि किसी एक पर हमला, दोनों पर हमला माना जाएगा। यानी सऊदी अरब अब पाकिस्तान की परमाणु ताकत के सहारे अपनी सुरक्षा चाहता है। मिस्र को यह बात नागवार गुजरी, क्योंकि वह खुद को अरब दुनिया का असली सैन्य नेता मानता है।
इजरायल-कतर तनाव के बीच पाकिस्तान की चाल
इजरायल के कतर पर मिसाइल हमले के बाद से पाकिस्तान काफी सक्रिय हो गया है। वह अब ऐसे मुस्लिम देशों के साथ अपने रक्षा संबंध मजबूत कर रहा है, जो इजरायल से डरे हुए हैं। यह सिर्फ धार्मिक भाईचारा नहीं, बल्कि बड़ी कमाई का सौदा भी है। पाकिस्तान सऊदी और अन्य देशों को हथियार बेचकर अपनी डूबी अर्थव्यवस्था को सहारा देना चाहता है।
मिस्र का जवाब और भारत से नजदीकी
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने इस मुद्दे को सितंबर में अरब इस्लामिक समिट में उठाया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों को रक्षा समन्वय के लिए एक साझा सैन्य तंत्र बनाना चाहिए। मिस्र लंबे समय से अरब नाटो जैसी सेना की मांग कर रहा है। दिलचस्प बात यह है कि मिस्र भारत का पुराना और भरोसेमंद मित्र है। साल 2023 में राष्ट्रपति सीसी गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि थे। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भी लगातार गहराता जा रहा है।
अरब सियासत के नए खेल में पाकिस्तान की बाजी
आसिम मुनीर का यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि पाकिस्तान की कूटनीतिक चाल है। वह मिस्र को मनाकर सऊदी अरब के साथ बढ़ते अपने रिश्तों को वैधता देना चाहता है। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या मिस्र इतनी आसानी से राजी होगा? फिलहाल यही चर्चा है कि पाकिस्तान ने अरब राजनीति का नया पन्ना खोल दिया है, जिसमें दोस्ती भी है, डर भी और बहुत बड़ा दांव भी।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!



