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प्यार टूटा तो इज़्जत लूटी! डोनाल्ड ट्रंप ने किया 'Revenge Porn' पर करारा वार, अमेरिका में बना सख्त कानून
Revenge Porn: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी, फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने एक नए विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं, जो 'रेवेंज पोर्न' को पूरी तरह गैरकानूनी घोषित करता है।
Revenge Porn
Revenge Porn: सोशल मीडिया के इस युग में जहां एक क्लिक से इज़हार-ए-मोहब्बत हो सकता है, वहीं उसी क्लिक से किसी की ज़िंदगी तबाह करना भी आसान हो गया है। रिश्तों में खटास आना आम बात है, लेकिन जब वही रिश्ता नफरत का रूप ले ले और उसकी आग में किसी की निजता झोंक दी जाए — तो वो बन जाता है 'रेवेंज पोर्न'। अमेरिका में लंबे समय से यह मुद्दा बहस में था, लेकिन अब आखिरकार एक निर्णायक कदम उठाया गया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी, पूर्व फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने एक नए विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं, जो 'रेवेंज पोर्न' को पूरी तरह गैरकानूनी घोषित करता है। यह कानून सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि उन हजारों पीड़ितों की उम्मीद है जो अब तक चुपचाप अपमान सहते रहे।
क्या होता है ‘रेवेंज पोर्न’?
'रेवेंज पोर्न' यानी 'प्रतिशोधात्मक अश्लीलता' एक ऐसा कृत्य है जिसमें कोई व्यक्ति अपने पूर्व प्रेमी या प्रेमिका की निजी और अंतरंग तस्वीरें या वीडियो, बिना उनकी अनुमति के, ऑनलाइन साझा करता है। आमतौर पर इसका मकसद अपमानित करना, बदला लेना या मानसिक रूप से प्रताड़ित करना होता है।अक्सर ये सामग्री पहले रिश्ते के दौरान सहमति से साझा की जाती है, लेकिन ब्रेकअप के बाद इसे हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता है। यह न केवल साइबर अपराध की श्रेणी में आता है, बल्कि मानसिक उत्पीड़न और सामाजिक बहिष्कार का कारण भी बनता है।
क्यों उठानी पड़ी यह सख्त कानूनी कार्रवाई?
अमेरिका में इंटरनेट की पहुँच लगभग हर हाथ में है। डेटिंग ऐप्स, वीडियो कॉल्स, और निजी चैट्स का चलन जितना बढ़ा है, 'रेवेंज पोर्न' जैसे अपराधों ने भी उसी तेजी से पांव पसारे हैं। पीड़ितों में अधिकांश महिलाएं होती हैं, लेकिन पुरुष भी इस अपराध के शिकार होते रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में 1 में से 10 युवा ऐसे किसी न किसी रूप में इस अपराध के शिकार हुए हैं। इन मामलों में सबसे बड़ी समस्या यह रही कि कई राज्यों में ऐसा कोई स्पष्ट कानून नहीं था जो 'रेवेंज पोर्न' को सीधे अपराध की श्रेणी में डालता हो। नतीजा ये हुआ कि आरोपी अक्सर बच निकलते थे और पीड़ित, कानूनी पेंचों में उलझकर खामोश रह जाते थे।
क्या है इस नए कानून में?
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा साइन किए गए इस बिल को "Anti-Revenge Porn Act" नाम दिया गया है। इसमें निम्नलिखित मुख्य प्रावधान हैं:
1. स्पष्ट परिभाषा: इस कानून में पहली बार 'रेवेंज पोर्न' की विस्तृत कानूनी परिभाषा दी गई है, जिसमें किसी भी प्रकार की निजी, अंतरंग सामग्री को बिना अनुमति के साझा करना अपराध माना गया है — चाहे वह ऑनलाइन हो, सोशल मीडिया पर हो, या किसी प्रिंट माध्यम में।
2. सजा का प्रावधान: अपराधी को 2 से 5 साल तक की जेल और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। यदि पीड़ित नाबालिग है, तो सजा और भी कड़ी हो सकती है।
3.पीड़ितों की गोपनीयता: इस कानून में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि पीड़ित की पहचान को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा और उन्हें किसी भी सार्वजनिक मंच पर शर्मिंदा नहीं किया जा सकेगा।
4. टेक प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी: सोशल मीडिया कंपनियों को यह अनिवार्य किया गया है कि वे ऐसी किसी भी आपत्तिजनक सामग्री को रिपोर्ट मिलने के 24 घंटे के भीतर हटा दें, वरना उन पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है।
5. राष्ट्रीय हेल्पलाइन और सपोर्ट सिस्टम: पीड़ितों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर, कानूनी सहायता और साइकोलॉजिकल काउंसलिंग की व्यवस्था भी की गई है।
कब हुआ यह कानून लागू?
यह बिल फरवरी 2025 में कांग्रेस में पेश किया गया था और मई 2025 में सीनेट द्वारा पास किए जाने के बाद इसे राष्ट्रपति ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने साइन करके लागू कर दिया। यह कानून अमेरिका में 1 जुलाई 2025 से प्रभाव में आएगा।
फर्स्ट लेडी की भूमिका क्यों है खास?
मेलानिया ट्रंप पहले भी 'Be Best' कैंपेन के तहत बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा और साइबर बुलिंग पर कार्य कर चुकी हैं। इस बिल के पीछे उनकी गहरी सहभागिता रही है। उन्होंने संसद में अपने भाषण में कहा "किसी की निजी ज़िंदगी को सार्वजनिक अपमान में बदल देना एक आधुनिक मानसिक क्रूरता है। अब वक्त है कि इसे अपराध घोषित कर, पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए।"
समाज पर क्या पड़ेगा असर?
यह कानून न केवल अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, बल्कि एक बड़ा सामाजिक संदेश भी देगा कि निजता का उल्लंघन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, यह एक नज़ीर बनेगा कि तकनीक का गलत इस्तेमाल करने वालों के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं। इससे डिजिटल स्पेस में सुरक्षा और ज़िम्मेदारी को लेकर लोगों में जागरूकता भी बढ़ेगी। कई सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कदम का स्वागत करते हुए इसे "डिजिटल अधिकारों की दिशा में ऐतिहासिक पहल" बताया है।
भारत और दुनिया के लिए क्या है सबक?
भारत सहित कई देशों में 'रेवेंज पोर्न' पर स्पष्ट कानून नहीं हैं। साइबर क्राइम पोर्टल और आईटी एक्ट के कुछ प्रावधानों का इस्तेमाल तो होता है, लेकिन एक अलग और विशिष्ट कानून की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। अमेरिका का यह कदम एक उदाहरण बन सकता है कि कैसे तकनीकी युग में कानूनी ढांचे को भी तेज और स्मार्ट बनाना ज़रूरी है। भारत में भी ऐसे अपराधों की संख्या बढ़ रही है, और यह कानून भारत की संसद में बहस की दिशा तय कर सकता है। ‘रेवेंज पोर्न’ एक ऐसा अपराध है जो सिर्फ शरीर को नहीं, आत्मा को भी चोट पहुंचाता है। और जब कोई सरकार इस अपराध को रोकने के लिए ठोस कदम उठाती है, तो वह न केवल कानून बनाती है, बल्कि भरोसा भी। डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप का यह फैसला, कानून और मानवता दोनों के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। यह साबित करता है कि कोई भी तकनीक, अगर संवेदनशीलता और जवाबदेही से न जुड़े, तो वह हथियार बन सकती है।अब अमेरिका ने यह तय कर दिया है प्यार में चाहे जो हो, बदले में अब अश्लीलता नहीं चलेगी।
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