ट्रंप ने मोदी को 4 बार किया था कॉल, लेकिन PM ने नहीं दिया कोई जवाब

PM Modi ignore Trump phone call: ट्रंप ने मोदी को 4 कॉल किए, लेकिन पीएम ने कोई जवाब नहीं दिया।

Harsh Srivastava
Published on: 26 Aug 2025 9:47 PM IST
ट्रंप ने मोदी को 4 बार किया था कॉल, लेकिन PM ने नहीं दिया कोई जवाब
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PM Modi ignore Trump phone call: क्या भारत और अमेरिका के बीच सब कुछ ठीक नहीं है? क्या दोनों देशों के रिश्ते बीते कुछ दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। एक प्रतिष्ठित जर्मन अखबार ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सप्ताह व्यापार टैरिफ के मुद्दे पर बात करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 4 बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने एक भी कॉल रिसीव नहीं किया। यह खबर भारत की बदली हुई विदेश नीति का संकेत देती है, जो अब अमेरिका के दबाव में आने के बजाय सख्ती से जवाब देने की नीति पर विचार कर रही है।

'ट्रंप के फोन कॉल को किया नजरअंदाज'

जर्मन अखबार "Frankfurter Allgemeine Zeitung" ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में यह सनसनीखेज दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप के अप्रत्याशित रुख से परेशान भारत सरकार अब उनसे कोई आसान डील नहीं करना चाहती। इसी नीति के तहत, भारत ने चीन, रूस और ब्राजील जैसे देशों के साथ मिलकर एक नया गठजोड़ खड़ा करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। अखबार के अनुसार, इसी नीति के तहत अब मोदी सरकार नहीं चाहती कि डोनाल्ड ट्रंप को ज्यादा महत्व दिया जाए।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में पीएम मोदी को 'महान नेता' कहकर उनकी सराहना की थी, लेकिन जब फोटो खिंचवाने का वक्त आया, तो मोदी ने मुस्कुराना जरूरी नहीं समझा। इसके अलावा, ट्रंप ने जब पीएम मोदी के साथ अपने रिश्तों की बात की, तो मोदी ने इस यात्रा को सिर्फ 'रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण' करार दिया था। यह दिखाता है कि भारतीय नेतृत्व अमेरिकी इरादों को लेकर बेहद सतर्क रहता है।

चीन के खिलाफ अमेरिका का 'मोहरा' नहीं बनना चाहता भारत

जर्मन अखबार ने अपनी रिपोर्ट में एक और बड़ा खुलासा किया है। उसका कहना है कि ट्रंप ने अमेरिका के लिए कृषि बाजारों को खोलने की मांग की, लेकिन पीएम मोदी ने साफ इनकार कर दिया। इसके बजाय, भारत ने रूस और ईरान से सस्ता तेल खरीदा, यहां तक कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को भी नजरअंदाज कर दिया। अखबार लिखता है, "अमेरिका का मानना है कि चीन को अलग-थलग करने के लिए भारत को मजबूती से अपनी ओर खड़ा करना चाहिए। लेकिन भारत इससे सहमत नहीं है। भारत चाहता है कि अमेरिका के साथ दोस्ती पर बहुत भरोसा नहीं किया जा सकता।" रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है कि भारत चीन के साथ संबंध बिगाड़कर अमेरिका का मोहरा नहीं बनना चाहता। यही कारण है कि भारत ने उस चीन के साथ भी रिश्ते बेहतर करने शुरू किए हैं, जिससे 2020 में लद्दाख में सैन्य झड़प हुई थी और 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।

टैरिफ वॉर का असर: भारत की अर्थव्यवस्था पर खतरा

अमेरिका में होने वाले कुल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी लगभग 20% है। खासकर कपड़े, गहने, दवाइयाँ और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों में भारत का निर्यात काफी ज्यादा है। लेकिन ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी सीमा शुल्क की वजह से अब यह व्यापार घट सकता है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इसका सीधा असर भारत की विकास दर पर पड़ेगा। उनका मानना है कि भारत की विकास दर 6.5% के बजाय सिर्फ 5.5% रह जाएगी। यह दिखाता है कि डोनाल्ड ट्रंप के अप्रत्याशित और आक्रामक रुख को भारत सरकार ने अच्छे ढंग से नहीं लिया है। हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार, जर्मनी में 18% लोग ट्रंप पर भरोसा करते हैं, जबकि भारत में ट्रंप को सबसे कम भरोसेमंद राष्ट्रपति माना जाता है। यह घटना दर्शाती है कि भारत अब किसी भी देश के दबाव में आने को तैयार नहीं है और अपनी विदेश नीति को अपनी शर्तों पर चला रहा है। अब देखना यह है कि ट्रंप इस 'अनादर' पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या दोनों देशों के बीच संबंधों में और कड़वाहट आएगी।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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