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ट्रंप के टैरिफ के बाद PM मोदी ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, अमित शाह और पीयूष गोयल मौजूद
PM Modi: ट्रंप के 50% टैरिफ फैसले के बाद पीएम मोदी ने अमित शाह और पीयूष गोयल संग आपात बैठक बुलाई।
PM Modi meeting on Trump Tariff: अमेरिका और भारत के व्यापारिक संबंधों में उस समय भूचाल आ गया, जब अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। अमेरिका द्वारा इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इस अप्रत्याशित कदम ने भारत सरकार को तत्काल कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया है, और इसी बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गंभीर मुद्दे पर एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है। यह बैठक प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में जारी है, जिसमें देश के शीर्ष नीति-निर्माता मौजूद हैं।
PM मोदी की इमरजेंसी बैठक, कौन-कौन शामिल?
अमेरिका के इस फैसले ने भारतीय निर्यातकों और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। इस चुनौती से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने तत्काल एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद हैं। इसके अलावा, वाणिज्य और वित्त मंत्रालयों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हैं, ताकि स्थिति का विस्तृत विश्लेषण किया जा सके और एक ठोस रणनीति बनाई जा सके। यह बैठक इस बात का संकेत है कि भारत सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है। 50 प्रतिशत का टैरिफ किसी भी देश के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, और भारत को इस पर जल्द से जल्द प्रतिक्रिया देनी होगी।
अमेरिका का यह फैसला क्यों?
अमेरिका ने यह टैरिफ किस आधार पर लगाया है, इस पर अभी तक कोई विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह फैसला व्यापार असंतुलन, भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' नीति या कुछ खास भारतीय उत्पादों के कारण हो सकता है। यह एक तरह का व्यापार युद्ध है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बना सकता है। भारत के लिए यह टैरिफ कई क्षेत्रों पर सीधा असर डालेगा, खासकर उन उद्योगों पर जो अमेरिका को बड़ी मात्रा में निर्यात करते हैं। ऐसे में, सरकार को न केवल इन उद्योगों को सहारा देना होगा, बल्कि अमेरिका के साथ कूटनीतिक और व्यापारिक स्तर पर बातचीत भी करनी होगी।
क्या होगी भारत की जवाबी रणनीति?
प्रधानमंत्री मोदी की यह बैठक इसी बात पर केंद्रित है कि भारत अमेरिका के इस कदम का कैसे जवाब दे। क्या भारत भी अमेरिका से आयात होने वाले सामानों पर टैरिफ लगाएगा? या फिर कूटनीतिक रास्तों से इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की जाएगी? भारत के पास कई विकल्प हैं, लेकिन हर विकल्प के अपने फायदे और नुकसान हैं। एक जवाबी टैरिफ से अमेरिका पर दबाव बन सकता है, लेकिन इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और खराब हो सकते हैं।
बैठक में मौजूद वरिष्ठ अधिकारी इस बात का आकलन कर रहे हैं कि किन भारतीय उत्पादों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा और उन्हें कैसे बचाया जा सकता है। यह भी संभव है कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर एक आधिकारिक बयान जारी करे। फिलहाल, इस खबर ने भारत के व्यापारिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पीएम मोदी की यह बैठक क्या नतीजे लेकर आती है और क्या भारत इस 'टैरिफ बम' का सफलतापूर्वक सामना कर पाएगा।
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