भारत का ट्रंप को करारा जवाब! हथियारों की अरबों डॉलर डील पर लगाया ब्रेक, अब हर मोर्चे पर लेंगे बदला

India retaliation to US tariffs: नई दिल्ली की कूटनीतिक गलियों में इस वक्त हलचल मची हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अचानक बढ़ाए गए टैरिफ के बाद भारत ने ऐसा कदम उठाया है जिसकी गूंज वॉशिंगटन तक सुनाई दे रही है।

Harsh Srivastava
Published on: 8 Aug 2025 6:08 PM IST
भारत का ट्रंप को करारा जवाब! हथियारों की अरबों डॉलर डील पर लगाया ब्रेक, अब हर मोर्चे पर लेंगे बदला
X

India retaliation to US tariffs: नई दिल्ली की कूटनीतिक गलियों में इस वक्त हलचल मची हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अचानक बढ़ाए गए टैरिफ के बाद भारत ने ऐसा कदम उठाया है जिसकी गूंज वॉशिंगटन तक सुनाई दे रही है। रक्षा सौदों में अरबों डॉलर की डील पर फिलहाल रोक लगा दी गई है और साथ ही केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अमेरिका दौरा भी रद्द कर दिया गया है। यह सिर्फ एक ‘खरीदारी पर रोक’ नहीं बल्कि एक सख्त राजनीतिक संदेश है भारत अब झुकने वाला नहीं।

टैरिफ की मार और भारत का पलटवार

पिछले कुछ हफ्तों में ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था लेकिन 6 अगस्त को इसे बढ़ाकर 50% कर दिया। यह फैसला ऐसे वक्त आया जब दोनों देशों के बीच रक्षा और व्यापारिक रिश्तों में गर्माहट देखी जा रही थी। ट्रंप प्रशासन की नाराजगी की एक बड़ी वजह यह भी है कि भारत रूस से तेल खरीद जारी रखे हुए है जबकि अमेरिका चाहता है कि भारत इसे बंद करे। भारत का रुख साफ है “जो फैसले देशहित में होंगे वही लिए जाएंगे।” और यही सोच अब इस निर्णय में भी झलक रही है।

रद्द हुआ राजनाथ सिंह का दौरा

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक भारत आने वाले दिनों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अमेरिका भेजने की तैयारी कर रहा था। वहां कई अहम रक्षा सौदों की घोषणा होनी थी। लेकिन बढ़े टैरिफ और राजनीतिक तनाव के बाद यह दौरा अचानक रद्द कर दिया गया। राजनाथ सिंह की यात्रा के दौरान अमेरिकी कंपनियों से स्ट्राइकर लड़ाकू वाहन जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल और भारतीय नौसेना के लिए छह बोइंग P8I टोही विमान खरीदने की योजना थी।प्रस्तावित 3.6 अरब डॉलर के इस सौदे की बातचीत अंतिम चरण में थी। अब इस पर ब्रेक लग चुका है।

ट्रंप का बदलता मिज़ाज और अनिश्चित भविष्य

ट्रंप का रुख भारत के प्रति कभी दोस्ताना तो कभी तल्ख रहा है। एक दिन भारत को “करीबी दोस्त” बताते हैं अगले दिन तेल आयात को लेकर नाराज हो जाते हैं। यही अस्थिरता भारत को भी सतर्क बनाए हुए है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अगर टैरिफ और द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर स्पष्टता मिलती है तो भविष्य में इन रक्षा सौदों पर फिर विचार हो सकता है। फिलहाल भारत के पास विकल्प खुला है लेकिन कोई जल्दबाजी नहीं दिख रही।

सिर्फ सौदे नहीं संदेश भी

भारत का यह कदम महज रक्षा खरीद पर रोक लगाने तक सीमित नहीं है। यह अमेरिका को दिया गया एक कड़ा संदेश है साझेदारी बराबरी की शर्तों पर होगी दबाव में नहीं। पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के साथ गहरे होते संबंधों के बावजूद भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं चाहे उसके लिए अरबों डॉलर के सौदे पर भी रोक क्यों न लगानी पड़े।

ट्रंप प्रशासन कैसे देगा इसका जवाब

अब निगाहें इस बात पर हैं कि ट्रंप प्रशासन इसका क्या जवाब देता है। अगर अमेरिका टैरिफ में नरमी दिखाता है और व्यापारिक बातचीत में सकारात्मक रुख अपनाता है तो शायद ये सौदे फिर से पटरी पर लौटें लेकिन अगर तनाव बढ़ता है तो भारत वैकल्पिक साझेदारों जैसे रूस फ्रांस और इजरायल की ओर तेजी से कदम बढ़ा सकता है।

1 / 9
Your Score0/ 9
Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!