युद्धविराम के बाद बड़ा धमाका! ईरान में पकड़े गए मोसाद के 6 जासूस, इजराइल की खुफिया साज़िश का पर्दाफाश

Mossad agents arrested in Iran: युद्धविराम की घोषणा होते ही ईरान ने इजराइल की कुख्यात खुफिया एजेंसी मोसाद पर सीधा वार कर दिया है। ईरान ने ऐलान कर दिया कि उसने 6 खतरनाक मोसाद एजेंट्स को अपने देश के अंदर से गिरफ्तार कर लिया है।

Harsh Srivastava
Published on: 24 Jun 2025 3:59 PM IST
युद्धविराम के बाद बड़ा धमाका! ईरान में पकड़े गए मोसाद के 6 जासूस, इजराइल की खुफिया साज़िश का पर्दाफाश
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Mossad agents arrested in Iran: मिडल ईस्ट में अभी-अभी बंदूकें शांत हुई थीं, मिसाइलों की आवाज थमने लगी थी, और दुनिया ने राहत की सांस ली थी कि शायद अब जंग रुक गई। लेकिन तभी ईरान ने ऐसा धमाका कर दिया जिसने एक बार फिर पूरी दुनिया को दहला दिया। इस बार धमाका बारूद का नहीं था, बल्कि जासूसी का था। युद्धविराम की घोषणा होते ही ईरान ने इजराइल की कुख्यात खुफिया एजेंसी मोसाद पर सीधा वार कर दिया है। ईरान ने ऐलान कर दिया कि उसने 6 खतरनाक मोसाद एजेंट्स को अपने देश के अंदर से गिरफ्तार कर लिया है। ये कोई मामूली गिरफ्तारी नहीं है। ईरान के मुताबिक ये सभी जासूस अपने ही मुल्क के खिलाफ काम कर रहे थे, वो भी उस वक्त जब पूरा देश जंग के साए में जी रहा था। इन सभी पर आरोप है कि ये साइबर स्पेस के जरिए इजराइल को खुफिया जानकारियां भेज रहे थे और ईरान के नागरिकों को अपने ही शासन के खिलाफ भड़काने की साज़िश कर रहे थे।

गिरफ्तारी से उभरी जासूसी की सबसे बड़ी कहानी

Mehr News ने खुलासा किया है कि ईरान के हमदान प्रांत से इन सभी जासूसों को पकड़ा गया है। ये लोग सालों से ईरान में छुपे हुए थे और इजराइल के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा कर रहे थे। ईरान की खुफिया एजेंसी ने लगातार महीनों इन पर नज़र रखी, इनके साइबर नेटवर्क को ट्रैक किया और आखिरकार पूरी टीम को धर दबोचा। मोसाद या इजराइल ने इस पूरे मामले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन दुनिया के जानकार जानते हैं कि ये कोई छोटी-मोटी गिरफ्तारी नहीं है। ये वही मोसाद है जिसने हाल ही में ईरान के 15 परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी थी। ईरान के टॉप जनरल्स को भी इजराइली ऑपरेशन में मारा गया और इन सबके पीछे मोसाद ही मास्टरमाइंड था। ईरान का दावा है कि ये 6 जासूस सिर्फ जानकारियां इकट्ठा नहीं कर रहे थे, बल्कि देश के अंदर अस्थिरता फैलाने की बड़ी साजिश का हिस्सा थे। स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़काना, सरकार के खिलाफ माहौल बनाना, और फिर उस माहौल का फायदा उठाकर इजराइल को अंदर से हमला करने का रास्ता देना — यही इनका मिशन था।

फांसी की तैयारी, जासूसों पर देशद्रोह का मुकदमा

ईरान ने इन सभी जासूसों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया है। ईरान के कानून के मुताबिक अगर इन पर देशद्रोह का आरोप साबित हो गया तो एक ही सज़ा है — फांसी। और ये कोई धमकी नहीं है। पिछले एक हफ्ते में ईरान ने कम से कम 20 मोसाद एजेंट्स को गिरफ्तार किया है और उनमें से 2 को फांसी पर लटकाया भी जा चुका है। रविवार को ही एक जासूस को ईरान में फांसी दी गई थी। अब इन 6 जासूसों की किस्मत भी उसी दिशा में बढ़ रही है। ईरान के लिए ये सिर्फ जासूसी नहीं है, बल्कि जंग के दौरान दुश्मन के लिए जासूसी करना सबसे बड़ा गुनाह माना जाता है।

मोसाद की ईरान में गहरी पैठ, ट्रक ड्राइवर से लेकर अफसर तक जाल बिछा चुका है इजराइल

=ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट बताती है कि मोसाद ने ईरान में अपनी जड़ें इतनी गहरी जमा ली हैं कि अक्सर उनके एजेंट ट्रक ड्राइवरों के भेष में खुफिया जानकारी ले जाते हैं। कई जासूस ईरान के सरकारी तंत्र में भी पैठ बना चुके हैं। यही वजह है कि जब हालिया जंग में इजराइल ने ऑपरेशन चलाया तो उसकी जानकारी पहले से ही उनके पास थी। मोसाद के जरिए ही इजराइल ने ईरान के 15 परमाणु वैज्ञानिकों को चुन-चुन कर मारा। इस ऑपरेशन में ईरान के 10 सैन्य अधिकारी भी मारे गए, जिनमें एक तो युद्ध संचालन का प्रमुख अफसर था। अब ईरान ने तय कर लिया है कि जंग के साथ-साथ वो मोसाद की इस जड़ को भी काटेगा। पिछले कुछ महीनों से ईरान ने लगातार मोसाद के एजेंट्स की धर-पकड़ तेज कर दी है। ये गिरफ्तारी उसी प्लान का हिस्सा है, जिसे ईरान ‘खुफिया युद्ध’ कह रहा है।

जंग बंद, लेकिन जासूसी की जंग अभी जारी

बेशक इजराइल और ईरान के बीच अब युद्धविराम हो चुका है। मिसाइलें शांत हो गई हैं। लेकिन पर्दे के पीछे असली जंग तो अब शुरू हुई है — जासूसी की जंग। ईरान इस वक्त मोसाद पर सबसे बड़ा शिकंजा कस रहा है। सवाल उठता है कि क्या इजराइल इसका जवाब देगा? या ये जासूसी का खेल और भी खतरनाक मोड़ लेगा? फिलहाल इतना तय है कि मोसाद के इन 6 जासूसों की गिरफ्तारी ने पूरी दुनिया की खुफिया एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। मिडल ईस्ट की आग अभी पूरी तरह बुझी नहीं है... बस राख के नीचे अंगारे सुलग रहे हैं और इन अंगारों से कब फिर धमाका होगा — कोई नहीं जानता।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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