ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, निर्णय लेने की प्रक्रिया से हटाए गए

Iran's Supreme Leader Ali Khamenei: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया से पूरी तरह हटा दिया गया है।

Newstrack Desk
Published on: 17 Jun 2025 10:41 PM IST
Irans Supreme Leader Ali Khamenei
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Iran's Supreme Leader Ali Khamenei (Image Credit-Social Media)

तेहरान। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को कथित रूप से गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के चलते वरिष्ठ सैन्य कमांडरों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया से लगभग पूरी तरह हटा दिया गया है। विपक्षी समाचार पोर्टल ईरान इंटरनेशनल द्वारा सामने लाए गए इस घटनाक्रम को ईरान के शासक वर्ग के आंतरिक सत्ता समीकरणों में संभावित बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, 86 वर्षीय खामेनेई, जो पिछले तीन दशकों से ईरान में सर्वोच्च सत्ता में बने हुए हैं, हाल ही में ईरान समर्थित सेनाओं और इज़राइल के बीच सैन्य टकराव के बाद संभवतः मानसिक संतुलन खो बैठे। इसके बाद से उन्हें सबसे संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा चर्चाओं से बाहर रखा जा रहा है और वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने रणनीतिक निर्णयों पर अधिक नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है।


खामेनेई को इस तरह किनारे किया जाना ईरान के आधुनिक इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना मानी जा रही है। परंपरागत रूप से सर्वोच्च नेता ही देश की विदेश नीति, सैन्य रणनीति और आंतरिक मामलों के केंद्र में रहते आए हैं। किंतु उनकी बिगड़ती सेहत के बढ़ते संकेतों ने देश के जटिल राजनीतिक-सैन्य ढांचे के भीतर सत्ता परिवर्तन की संभावनाओं पर अटकलें तेज कर दी हैं।

ईरान इंटरनेशनल के सूत्रों के अनुसार, खामेनेई की स्थिति को लेकर इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और अन्य वरिष्ठ सैन्य नेताओं के बीच चिंता बढ़ गई है, जो अब इज़राइल के साथ बढ़ते तनाव और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच तेहरान की रणनीतिक प्रतिक्रियाओं को अधिक प्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि खामेनेई का प्रभाव इसी तरह कम होता रहा तो ईरान के नेतृत्व वर्ग में राजनीतिक रस्साकशी का एक अनिश्चित दौर शुरू हो सकता है, जिसका प्रभाव न केवल क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ेगा बल्कि ईरान के विदेशी संबंधों पर भी असर डाल सकता है।


ईरानी सरकार ने इस रिपोर्ट पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। साथ ही देश के सत्ता ढांचे की गोपनीय प्रकृति के कारण स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि कर पाना भी बेहद कठिन है। यह खुलासा ऐसे समय में सामने आया है जब क्षेत्र में तनाव चरम पर है। ईरान एक ओर मध्य पूर्व के विभिन्न हिस्सों में अपने प्रॉक्सी बलों के जरिए प्रभाव बढ़ा रहा है, तो दूसरी ओर उसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और कूटनीतिक अलगाव के बढ़ते दबाव का भी सामना करना पड़ रहा है।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

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मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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