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क्या आप भी रोज़ दही खा रहे हैं? रुक जाइये... अच्छे बैक्टीरिया का बढ़ना भी हो सकता है हानिकारक! पढ़ें ये रिपोर्ट...
Curd side effects: क्या आप भी रोजाना दही खा रहे हैं... यदि हां, तो आपको ये बात जान लेना चाहिए। रिसर्च में सामने आयी दही से जुड़ी सच्चाई...
is eating curd daily harmful (photo credit: social media)
Curd side effects: क्या आप भी रोजाना दही खा रहे हैं... यदि हां, तो आपको ये बात जान लेना चाहिए। वैसे दही को आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। यह एक प्रोबायोटिक फूड है, जिसमें इसमें अच्छे बैक्टीरिया (good bacteria) पाए जाते हैं जो पाचन को दुरुस्त रखने में सहायता करते हैं। दही में पाए जाने वाले बैक्टीरिया का नाम 'Lactobacillus' और 'Bifidobacterium' है जो कि आपकी गट हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद माने जाते हैं। ये हमारी आंतों के फ्लोरा को दुरुस्त करते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं।
रिसर्च में सामने आयी दही से जुड़ी सच्चाई...
साल 2018, Cedars-Sinai, USA की एक रिसर्च में सामने आया था कि प्रोबायोटिक ओवरडोज़ से पेट में बैक्टीरिया का असंतुलन होने का ख़तरा बढ़ सकता है। यदि आप प्रतिदिन ज्यादा मात्रा में दही का सेवन करते हैं तो यह आपके शरीर में बैक्टीरिया संतुलन ख़राब कर सकता है। यानी अच्छे बैक्टीरिया की संख्या यदि आवश्यकता से अधिक हो जाए तो शरीर पर इसका बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है। यदि हम प्रतिदिन आवश्यकता से अधिक दही खाते हैं तो ये बैक्टीरिया हावी हो सकते हैं और बाकी आवश्यक माइक्रोब्स को दबा सकते हैं। इस कारण आपको पेट में गैस, ब्लोटिंग, डायरिया या कब्ज़ जैसी समस्या हो सकती है।
कभी भी कमजोर इम्युनिटी वाले दही न खाएं...
विशेषज्ञों के मुताबिक, हर किसी व्यक्ति का शरीर अलग होता है। किसी को दही ठीक ढंग से पचता है, तो किसी को इससे एलर्जी या समस्या हो सकती है। विशेषकर जिन लोगों की इम्युनिटी वीक (कमज़ोर)होती है या जिन्हें पहले से ही आंतों से सम्बंधित कोई समस्या है, उन्हें प्रतिदिन दही खाना नुकसानदायक हो सकता है। इन लोगों में फंगल इंफेक्शन, खमीर संक्रमण (yeast infection) या पेट में जलन की समस्या अधिक देखने को मिलती है।
रात में दही खाना कितना सही?
एक और महत्वपूर्ण बात ये है कि हम दही किस तरह से खा रहे हैं। बहुत लोग रात को खाना खाने के साथ दही का सेवन करते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, रात को दही खाना पाचन के लिए बेहद हानिकारण होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, और रात में यह शरीर में कफ (बलगम) की समस्या को बढ़ा सकती है। इससे सर्दी-जुकाम, गले में खराश और अपच जैसी दिखातें पैदा हो जाती है।
इन्फ्लेमेशन (सूजन) या एलर्जी की समस्या
दही में शामिल Lactic acid bacteria यदि संतुलित मात्रा में बॉडी में हों तो इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करते हैं। लेकिन जब इनकी संख्या आवश्यकता से अधिक बढ़ जाती है तो यह शरीर में इन्फ्लेमेशन (सूजन) या एलर्जी का बड़ा कारण भी बन सकते हैं। ऐसा कई बार देखा गया है कि अधिक दही का सेवन करने वाले लोगों को स्किन एलर्जी, मुंह में छाले या यूरिनरी इंफेक्शन की समस्या होने लगती है।
कितनी मात्रा में करना चाहिए दही का सेवन ?
यदि आप प्रतिदिन दही खाते हैं, तो इस बात पर खासतौर से ध्यान दें कि दही की मात्रा कटोरी से अधिक न हो और प्रयास करें कि दही दोपहर के वक़्त खाने में शामिल करें। रात को दही का सेवन करने से परहेज करें, विशेषकर यदि आपको साइनस, जुकाम या कफ की समस्या रहती है। गर्मियों में दही फायदेमंद हो सकता है लेकिन सर्दियों में इसकी मात्रा बहुत कम कर देनी चाहिए।
कई लोग बाज़ार में बिकने वाला पैकेज्ड दही खाते हैं जिसमें प्रिज़र्वेटिव और एडेड शुगर होती है। ऐसे दही से फायदा कम और नुकसान अधिक हो सकता है। इसलिए घर का फ्रेश सही खाना सबसे फायदेमंद होता है। इसे भी 24 घंटे से अधिक पुराना न खाएं। दही के साथ यदि आप उसे छाछ, रायता या लस्सी के रूप में सेवन करते हैं, तो यह पाचन के लिए हल्का और अधिक फायदेमंद हो जाता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम दही को सुपरफूड मानते हुए इसे अधिक मात्रा में न खाएं।
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