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दुनिया देखेगी परमाणु हमला! इजरायल की तैयारी पूरी, सेना को दिया बड़ा निर्देश; क्या होगा यदि फूटा बम...
Israel Iran War: इजरायल और ईरान के बीच तनाव अधिक हो गया है। इजरायल अब आप-पार की स्थिति में...
Israel Iran War: शुक्रवार तड़के इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान पर सैन्य कार्रवाई करते हुए वहां मौजूद परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है और हालात युद्ध जैसे बन गए हैं। इस सैन्य कार्रवाई को इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला 1980 के दशक में इराक के साथ हुए युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है। इजरायली हमले के जवाब में ईरान ने भी कड़ा प्रतिउत्तर दिया है और सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी गई है। दोनों देशों के बीच गहराता यह तनाव अब वैश्विक चिंता का विषय बन गया है।
इज़राइल की सैन्य तैयारी
इज़राइल की सेना ने हाल ही में यह घोषणा की है कि उसके पास नई खुफिया जानकारी है, जिसके अनुसार ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम में 'न्यूक्लियर प्वाइंट ऑफ नो रिटर्न' के करीब पहुंच चुका है। इज़राइल का कहना है कि ईरान ने यूरेनियम को सैन्य-ग्रेड स्तर तक समृद्ध किया है और परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक घटकों को इकट्ठा करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस स्थिति को देखते हुए, इज़राइल ने अपनी सैन्य योजनाओं को अद्यतन किया है और संभावित हमलों के लिए तैयारी की है।
प्रत्यक्ष सैन्य और मानवीय परिणाम
भारी जनहानि: ईरान के जिस हिस्से पर हमला होगा, वहां लाखों लोगों की तत्काल मृत्यु या गंभीर घायल होने की संभावना होगी।
विकिरण और पर्यावरणीय प्रभाव: परमाणु हमले से रेडियोधर्मी प्रदूषण फैलेगा, जिससे आने वाले वर्षों तक लोग कैंसर, जन्म दोष और अन्य बीमारियों से पीड़ित होंगे।
प्रतिकार: ईरान या उसके सहयोगी (जैसे हिज़्बुल्लाह, हौथी विद्रोही, या संभवतः कुछ अन्य मुस्लिम देश) इज़राइल पर जवाबी हमला कर सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय युद्ध और बढ़ सकता है।
क्षेत्रीय और भू-राजनीतिक परिणाम
मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध: यह हमला पूरे मध्य पूर्व को युद्ध की आग में झोंक सकता है। सऊदी अरब, सीरिया, लेबनान, तुर्की जैसे देश अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं।
अमेरिका और रूस की प्रतिक्रिया: इज़राइल का सबसे बड़ा सहयोगी अमेरिका है, जबकि ईरान रूस और चीन से समर्थन प्राप्त करता है। इससे संभावित "महाशक्तियों का टकराव" हो सकता है।
तेल और अर्थव्यवस्था पर असर: फारस की खाड़ी में अस्थिरता के कारण तेल की आपूर्ति बाधित होगी और वैश्विक तेल कीमतें आसमान छू सकती हैं, जिससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय कानून और कूटनीतिक परिणाम
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक होगी। इज़राइल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी निंदा होगी और संभवतः उस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
परमाणु अप्रसार संधियों का उल्लंघन: परमाणु हथियार का आक्रामक प्रयोग "NPT (Non-Proliferation Treaty)" और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन माना जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका ने इज़राइल के हमले में भागीदारी से इनकार किया है, लेकिन उसने अपने सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इज़राइल का ईरान पर हमला बहुत जल्द हो सकता है, हालांकि उन्होंने इसे तत्काल नहीं बताया। उन्होंने ईरान के परमाणु हथियारों के विकास को रोकने के लिए सैन्य कार्रवाई की संभावना को नकारा नहीं किया।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने इज़राइल के हमले को निंदनीय बताया है और चेतावनी दी है कि यदि उसके परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया, तो यह "पूर्ण युद्ध" का कारण बनेगा। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा है कि ऐसे हमले से क्षेत्र में व्यापक युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इजरायल के पास परमाणु शक्ति
ईरान भले ही जनशक्ति के मामले में इजरायल से आगे निकल जाए, लेकिन हथियारों के मामले में तेल अवीव बढ़त रखता है। उदाहरण के लिए, इजरायल के पास तेहरान से ज़्यादा हवाई ताकत है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स से पता चलता है कि इजरायल के पास कुल 612 विमान हैं, जबकि ईरान के पास 551 हैं। इजराइल के पास लगभग 90 परमाणु हथियार हैं। चूंकि वह न तो इस बात की पुष्टि करेगा और न ही इनकार करेगा कि उसके पास ऐसे हथियार हैं, इसलिए उसके शस्त्रागार के बारे में बहुत कम जानकारी है, लेकिन माना जाता है कि वह मिसाइलों, पनडुब्बियों और विमानों से परमाणु हथियार दागने में सक्षम है।
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