'जंग' अभी बाकी है! युद्ध विराम के पीछे छुपा है इस्राइल का 'Master Plan'? 12 दिन की जंग के बाद बड़ा खुलासा!

Israel-Iran Ceasefire: हालांकि युद्ध अब थम चुका है, लेकिन विशेषज्ञ का मानना हैं कि यह शांति अस्थायी हो सकती है।

Priya Singh Bisen
Published on: 24 Jun 2025 4:54 PM IST
Israel-Iran Ceasefire
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Israel-Iran Ceasefire

Israel-Iran Ceasefire: पश्चिम एशिया में बीते 12 दिनों से लगातार जारी भयंकर तबाही, मौत और तनाव के बाद अब आखिरकार आज 24 जून यानी मंगलवार को युद्ध विराम की घोषणा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से पेश किए गए युद्ध विराम प्रस्ताव को ईरान और इस्राइल दोनों देशों ने स्वीकार कर लिया है। इस घटनाक्रम ने जहां पूरे विश्व को राहत दी, तो वहीं इस जंग के पीछे की रणनीतियां और इसके नतीजे अब गंभीर चर्चा का विषय बन गए हैं।

कैसे शुरू हुआ था ये संघर्ष?

इस पूरे संघर्ष की शुरुआत अमेरिका द्वारा किये गए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमलों से हुई। इसके पलटवार में ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल दाग दिए थे। हालात बेकाबू होते इससे पहले ही ट्रंप ने युद्ध विराम का प्रस्ताव रख दिया, लेकिन उसके बाद स्थिति और बिगड़ गयी। ईरान ने इस्राइल पर मिसाइल हमला किया, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई। इसके पलटवार में इस्राइल ने भी ईरान के कई सैन्य और सरकारी ठिकानों पर भयंकर रूप से बमबारी की।

इस्राइल ने क्या हासिल किया?

इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि उनकी सेना ने इस 12 दिन तक चले सैन्य अभियान में अपने सभी प्रमुख लक्ष्यों को हासिल कर लिया है।

इन लक्ष्यों में शामिल थे:

- ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त करना

- बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को तबाह करना

- ईरानी सैन्य रणनीति को कमजोर कर देना

- तेहरान के हवाई क्षेत्र पर आंशिक नियंत्रण बनाये रखना

नेतन्याहू ने इसे न केवल सैन्य, बल्कि कूटनीतिक और राजनीतिक जीत बताया।

ट्रंप की भूमिका बनी निर्णायक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका इस पूरे खतरे में निर्णायक रही। उन्होंने कूटनीति को प्राथमिकता दी और ऐसे वक़्त में युद्ध विराम के लिए प्रस्ताव पेश किया जब अमेरिका के पास जवाबी हमला करने का पूरा अधिकार था। ट्रंप ने कहा, “हम युद्ध नहीं चाहते, हम स्थायित्व चाहते हैं।”

जंग का नुकसान

इस 12 दिन के संघर्ष में भयंकर रूप से नुकसान हुआ है, जिसमें:

- 200 से अधिक लोगों की जान चली गयी, जिनमें आमजन भी शामिल

- 400 से अधिक घायल, कई की हालत गंभीर

- ईरान के शहरों जैसे तेहरान, हेरात, मशहद में सैन्य और बिजली सुविधाओं को नुकसान

- इस्राइल के सीमाई इलाकों पर मिसाइल हमलों से तबाही

- वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता और उथल-पुथल

क्या यह युद्ध विराम स्थायी है?

हालांकि युद्ध अब थम चुका है, लेकिन विशेषज्ञ का मानना हैं कि यह शांति अस्थायी हो सकती है। ईरान के कट्टरपंथी गुट युद्ध विराम से संतुष्ट नहीं हैं और इस्राइल ने भी यह साफ़ तौर पर बया दिया है कि यदि समझौता टूटा तो वह फिर से खतरनाक रूप से बड़ी कार्रवाई के लिए तैयार है।

बता दे, इस्राइल अपने घोषित लक्ष्यों को पूरा करने का दावा कर रहा है और अमेरिका ने एक बार फिर मध्य पूर्व में 'शांति दूत' की भूमिका अदा की है। लेकिन हालात अभी भी कमज़ोर हैं और आने वाले सप्तक में यह तय करेंगे कि यह युद्ध विराम कितनी देर तक टिकता है।

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