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शेख हसीना की राह पर चले मोहम्मद युनुस! घर पर बढ़ाई गई सुरक्षा, बांग्लादेश में प्रदर्शन से मचा सियासी भूचाल
Bangladesh News बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के खिलाफ विरोध तेज, ढाका में रैलियों पर पाबंदी, यूनुस की सुरक्षा बढ़ाई गई। सियासी संकट गहराया।
Bangladesh News: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रैलियों और प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। खासकर उन इलाकों में, जहां बड़े नेताओं के घर और सरकार के अहम दफ्तर हैं, वहां विरोध करने की मनाही कर दी गई है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब मोहम्मद यूनुस की अगुआई वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ रहा है। यूनुस सरकार को विपक्षी दलों, सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों और सेना के कुछ हिस्सों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि पहले उनके साथ खड़े कुछ लोग भी अब उनकी नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।
द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने राजधानी में किसी भी तरह की जनसभा, जुलूस या रैली पर पाबंदी लगा दी है। यह कदम तब उठाया गया है जब सिविल सेवक कई हफ्तों से उस सरकारी आदेश का विरोध कर रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि किसी भी कर्मचारी को बिना पूरी जांच के सिर्फ 14 दिनों में हटाया जा सकता है।
ढाका के कई रास्ते बंद
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने सोमवार को मोहम्मद यूनुस के सरकारी आवास, जमुना गेस्ट हाउस, बांग्लादेश सचिवालय और उसके आस-पास के इलाकों को अनिश्चित समय के लिए बंद कर दिया है। सिविल सेवक और सचिवालय के अधिकारी पिछले कई हफ्तों से यूनुस सरकार के नए नियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कानून गलत है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
डीएमपी कमिश्नर एसएम सज्जात अली ने बताया कि सेंट्रल ढाका में प्रदर्शन और रैली करने पर रोक लगाई गई है। यह फैसला इलाके में शांति बनाए रखने और मोहम्मद यूनुस की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। पिछले महीने अंतरिम सरकार ने जरूरी सरकारी इमारतों की सुरक्षा के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश पुलिस की स्वाट टीम और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया था।
यूनुस सरकार पर बढ़ता दबाव
मोहम्मद यूनुस इस वक्त मुश्किल में फंसे हुए हैं। उन्होंने 8 अगस्त पिछले साल बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी संभाली थी। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से उनकी सरकार का विरोध बढ़ता जा रहा है। एक तरफ नए कानूनों से कर्मचारी नाराज हैं, तो दूसरी तरफ चुनाव में हो रही देरी की वजह से राजनीतिक पार्टियां गुस्से में हैं। यूनुस ने कहा है कि अप्रैल 2026 तक चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन लोगों को शक है कि वो बिना चुनाव कराए ही सत्ता में बने रहना चाहते हैं।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) चुनाव की तारीख तय करने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रही है। उधर, सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां चाहते हैं कि चुनाव इस साल दिसंबर तक हो जाएं। जनरल जमां और मोहम्मद यूनुस के बीच मतभेद की खबरें भी सामने आ रही हैं, जिससे यूनुस की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
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