लंदन में टॉमी रॉबिन्सन का 'यूनाइट द किंगडम' मार्च: 1.1 लाख प्रदर्शनकारी सड़कों पर

शनिवार को लंदन में हजारों प्रदर्शनकारियों ने टोमी रॉबिन्सन के एंटी-इमिग्रेशन प्रदर्शन के खिलाफ मार्च किया, पुलिस की बड़ी तैनाती और काउंटर प्रोटेस्ट हुआ।

Shivam Srivastava
Published on: 13 Sept 2025 9:22 PM IST (Updated on: 13 Sept 2025 9:29 PM IST)
लंदन में टॉमी रॉबिन्सन का यूनाइट द किंगडम मार्च: 1.1 लाख प्रदर्शनकारी सड़कों पर
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हाल ही में ब्रिटेन में हुए सबसे बड़े दक्षिणपंथी प्रदर्शनों में से एक, 'यूनाइट द किंगडम' मार्च ने पूरे मध्य लंदन को हिलाकर रख दिया। आव्रजन विरोधी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन द्वारा आयोजित इस विशाल रैली में अनुमानित 1.1 लाख लोगों ने हिस्सा लिया, जबकि पास में ही 'स्टैंड अप टू रेसिज्म' (SUTR) द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में लगभग 5,000 लोग मौजूद थे।

यह मार्च ब्रिटेन में चल रहे राजनीतिक और सामाजिक तनाव को उजागर करता है, खासकर प्रवासियों के मुद्दे पर। प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटेन के यूनियन जैक और इंग्लैंड के सेंट जॉर्ज क्रॉस जैसे झंडे लहराए। रैली में कुछ लोगों ने अमेरिकी और इज़राइली झंडे भी उठाए हुए थे, और कई प्रदर्शनकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' (MAGA) वाली टोपी पहने हुए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के खिलाफ नारे लगाए और "सेंड देम होम" जैसे नारे लिखे हुए तख्तियां भी उठाई थीं।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव

प्रदर्शन के दौरान, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्कॉटलैंड यार्ड ने 1,600 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया था, जिनमें से 500 अन्य बलों से बुलाए गए थे। पुलिस ने संभावित टकराव को रोकने के लिए दोनों गुटों को अलग रखने के लिए बाधाएं लगाईं। इसके बावजूद, पुलिस ने बताया कि 'यूनाइट द किंगडम' मार्च के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ, क्योंकि वे प्रदर्शनकारियों को सुरक्षित क्षेत्रों में जाने से रोक रहे थे। इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर वस्तुएं भी फेंकीं।

पुलिस कमांडर क्लेयर हेन्स, जो इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही थीं, ने कहा कि पुलिस बिना किसी डर या पक्षपात के काम कर रही है और कानून का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पिछले प्रदर्शनों में "मुस्लिम विरोधी बयानबाजी और आपत्तिजनक नारेबाजी" की खबरें थीं, लेकिन उन्होंने लंदन के समुदायों को आश्वस्त किया कि उन्हें डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।

अलग-अलग विचारधाराओं का टकराव

एक ओर जहाँ टॉमी रॉबिन्सन के समर्थक उनके समर्थन में नारे लगा रहे थे, वहीं दूसरी ओर विरोधी भीड़ ‘स्टैंड अप, फाइट बैक’ (खड़े हो, मुकाबला करो) और ‘स्टॉप द फैशिस्ट्स नाउ’ (अब फासीवादियों को रोको) जैसे नारे लगा रही थी। दोनों पक्षों के बीच पुलिस की एक पतली लाइन खींची गई थी। 'स्टैंड अप टू रेसिज्म' के प्रदर्शनकारियों के पास ऐसे पोस्टर थे जिन पर लिखा था ‘शरणार्थियों का स्वागत करो, दक्षिणपंथ को रोको’, जबकि दूसरे पक्ष के लोग राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक झंडे लहरा रहे थे।

टॉमी रॉबिन्सन, जिनका असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है, ने इस मार्च को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के जश्न के रूप में पेश किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि "लाखों लोग अपनी आजादी के लिए एक होकर खड़े हैं।" रॉबिन्सन खुद को एक पत्रकार बताते हैं जो सरकारी गलत कामों को उजागर करते हैं। हालांकि, ब्रिटेन की सबसे बड़ी आव्रजन विरोधी राजनीतिक पार्टी, रिफॉर्म यूके, ने उनसे दूरी बनाए रखी है, क्योंकि उन पर कई आपराधिक आरोप हैं।

इस रैली में शामिल एक समर्थक, सैंड्रा मिशेल ने कहा, "हम अपना देश वापस चाहते हैं, हम अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वापस चाहते हैं।" उन्होंने यह भी कहा, "उन्हें इस देश में अवैध प्रवासन को रोकना होगा। हमें टॉमी पर विश्वास है।"

यह मार्च ब्रिटेन में राजनीतिक ध्रुवीकरण और आव्रजन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बढ़ते मतभेदों को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

Shivam Srivastava

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Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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