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युद्धविराम ख़तरे में! पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को अल्टीमेटम दिया, अगर ये शर्त नहीं मानी तो होगा विनाश
Ceasefire: पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर सीमा पार से कोई हमला हुआ, तो युद्धविराम को समाप्त कर दिया जाएगा। पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ जारी है।
Ceasefire: पाकिस्तान ने एक बार फिर अफगानिस्तान के साथ सीजफायर तोड़ने की धमकी दी है। पाकिस्तान की सेना ने कहा है कि अगर उनकी सीमा पर अफगानिस्तान से कोई हमला हुआ, तो युद्धविराम को खत्म कर दिया जाएगा। यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब दोनों देशों के प्रतिनिधि इस हफ्ते इस्तांबुल में एक बैठक करने वाले हैं। बैठक का उद्देश्य सीजफायर समझौते पर आगे की बातचीत करना है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान को चेतावनी दी जा रही है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने सोमवार को रावलपिंडी में बयान देते हुए कहा कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान में होने वाले किसी भी आतंकवादी हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि अगर अफगानिस्तान की धरती से एक भी आतंकी घटना होती है, तो पाकिस्तान युद्धविराम को समाप्त कर देगा। पाकिस्तान की इस चेतावनी पर अफगानिस्तान से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
टीटीपी की घुसपैठ का आरोप
पाकिस्तानी सेना ने यह भी आरोप लगाया है कि अफगानिस्तान की सीमा से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशें लगातार हो रही हैं। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि पिछले महीने अफगानिस्तान से टीटीपी के लोगों की घुसपैठ की तीन कोशिशें नाकाम की गईं। पाकिस्तान की सेना का दावा है कि टीटीपी के घुसपैठियों में 60 प्रतिशत अफगान नागरिक हैं। अहमद शरीफ चौधरी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान हमेशा शांति की कोशिश करता है और वह बिना कारण बल का प्रयोग नहीं करता। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान केवल तभी बल का प्रयोग करता है, जब स्थिति इसके लिए मजबूर करती है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान कभी आतंकवादियों से बातचीत नहीं करेगा। पाकिस्तान का कहना है कि वह अफगानिस्तान से बात करेगा, लेकिन उन आतंकवादियों से नहीं जो पाकिस्तान की जमीन पर हमले कर रहे हैं।सीमा पर तनाव और युद्धविराम
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान में टीटीपी के ठिकानों पर हमले किए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर जबरदस्त संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष के बाद दोनों देशों ने 19 अक्टूबर को दोहा में एक युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, इस समझौते के बाद भी दोनों देशों के बीच स्थिति पूरी तरह शांत नहीं हो पाई है। दोनों देशों के प्रतिनिधि अब 6 नवंबर को इस्तांबुल में बैठक करेंगे, जहां वे युद्धविराम के निगरानी तंत्र पर अंतिम रूप से चर्चा करेंगे। हालांकि, पाकिस्तान का अफगान तालिबान पर भरोसा कम दिखाई दे रहा है, और उसे लगता है कि अफगान सरकार सीमा पर आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों में यह तनाव कोई नया नहीं है। दोनों देशों के बीच सीमा पर हमेशा विवाद और संघर्ष होते रहे हैं। हालांकि, दोनों देशों के लिए शांति और स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों की स्थिति एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। अब यह देखना होगा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान इस स्थिति को कैसे संभालते हैं और क्या वे आगे चलकर वास्तविक शांति स्थापित कर पाते हैं या नहीं।
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