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Pak ने फिर की गद्दारी! शांति वार्ता से ठीक पहले अफगानिस्तान पर बरसाए गोले, फिर भड़की जंग
Pakistan Violates Ceasefire: इस्तांबुल में शांति वार्ता से ठीक पहले पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा पर गोले दागे, नागरिक इलाकों को निशाना बनाया और दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया। यह कार्रवाई संघर्षविराम को कमजोर कर शांति प्रयासों पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
Pakistan ceasefire violation: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुँच गया है। गुरुवार को, जब दोनों पड़ोसी तुर्की (तुर्किये) में एक नाजुक युद्धविराम को मजबूत करने के लिए फिर से बातचीत शुरू करने वाले थे, ठीक उससे पहले पाकिस्तान ने एक 'नापाक' हरकत को अंजाम दिया है। सीजफायर लागू होने के बावजूद, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सीमा के अंदर गोले दागे हैं। एक अफगान सैन्य सूत्र और प्रत्यक्षदर्शियों ने न्यूज एजेंसी 'एएफपी' को इस गोलाबारी की पुष्टि की है। इस घटना ने दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को और अधिक बढ़ा दिया है। पाकिस्तान की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब दुनिया की निगाहें इस्तांबुल में चल रही शांति वार्ता पर टिकी हुई हैं। यह स्पष्ट करता है कि पड़ोसी देशों में युद्धविराम के बावजूद पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
नागरिक इलाकों को बनाया निशाना
अफगान सैन्य सूत्र ने गोलाबारी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान ने हल्के और भारी दोनों तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया। सबसे चिंताजनक बात यह है कि गोलाबारी में नागरिक इलाकों को निशाना बनाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह गोलाबारी लगभग 10-15 मिनट तक चली, जिससे सीमावर्ती इलाकों में दहशत फैल गई। नाम न छापने की शर्त पर एक अफगान सैन्य सूत्र ने बताया, "इस्तांबुल में चल रही शांति वार्ता के सम्मान में हमने अभी तक जवाबी कार्रवाई नहीं की है।" यह बयान दिखाता है कि अफगानिस्तान की सेना फिलहाल संयम बरत रही है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही इस हरकत से तनाव का माहौल बना हुआ है और जवाबी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
अक्टूबर में हुआ था भीषण टकराव
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने की शुरुआत में काबुल में हुए विस्फोटों के बाद सीमा पर हुई झड़पों में स्थिति बेहद गंभीर हो गई थी। इन झड़पों में लगभग 50 अफ़ग़ान नागरिकों सहित 70 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी। यह टकराव दोनों पड़ोसी देशों के बीच वर्षों में हुए सबसे घातक टकरावों में से एक था। 2021 में तालिबान के काबुल में सत्ता में लौटने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध बिगड़ते जा रहे हैं। इसका मुख्य कारण सीमा पार उग्रवाद और सुरक्षा को लेकर दोनों पक्षों के बीच गहराता अविश्वास है। पाकिस्तान का दावा है कि 11 अक्टूबर को हुई झड़प में कम से कम 206 अफगान तालिबान और 110 तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सदस्य मारे गए थे, जबकि पाकिस्तान के 23 सैनिकों की भी मौत हुई थी।
इस्तांबुल में संघर्षविराम की अग्निपरीक्षा
पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच गुरुवार को इस्तांबुल में शांति वार्ता फिर से शुरू हो रही है। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे से निपटना और दोनों पक्षों के बीच मौजूदा तनाव को और बढ़ने से रोकना है। दोनों पक्षों के बीच 15 अक्टूबर को संघर्षविराम पर सहमति बनी थी। इसे बाद में दोहा और इस्तांबुल में हुई वार्ताओं के दौरान आगे बढ़ा दिया गया था। अस्थायी संघर्षविराम अभी भी प्रभावी है, लेकिन दोनों पक्षों के अधिकारियों के बयानों और सोशल मीडिया पर दिख रही आपसी कटुता साफ झलक रही है। हाल ही में इस्तांबुल में हुई वार्ता विफल होने के कगार पर थी, लेकिन तुर्किये के हस्तक्षेप से स्थिति संभली और एक और दौर की बातचीत पर सहमति बनी। लेकिन इस बातचीत से ठीक पहले गोलाबारी कर पाकिस्तान ने शांति प्रयासों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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