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PM मोदी कसाई है! शांति की बात, ज़हर की भाषा, पाकिस्तान ने फिर दिखाई अपनी औकात, प्रधानमंत्री के खिलाफ उगला जहर
Pakistan calls Modi butcher: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक और बेहद भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हुए एक विवादित ट्वीट किया। यह वही वक्त है जब पाकिस्तान की सरकार बार-बार भारत से बातचीत की गुहार लगा रही है। लेकिन दूसरी ओर, उसके ही मंत्री जहर उगल रहे हैं।
Pakistan calls Modi butcher: सियासत में शब्दों का वजन गोलियों से कम नहीं होता, और अगर वो शब्द दुश्मन देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ हों — तो वो सीधे रिश्तों पर बम की तरह गिरते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है इस बार, जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक और बेहद भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हुए एक विवादित ट्वीट किया। यह वही वक्त है जब पाकिस्तान की सरकार बार-बार भारत से बातचीत की गुहार लगा रही है। लेकिन दूसरी ओर, उसके ही मंत्री जहर उगल रहे हैं। यह विरोधाभास सिर्फ शर्मनाक नहीं, बल्कि पाकिस्तान की विदेश नीति की आत्मघाती दुर्दशा को भी उजागर करता है।
'कसाई' वाला ट्वीट और पाकिस्तान की फजीहत
ख्वाजा आसिफ ने ट्वीट कर पीएम मोदी को "कसाई" कह डाला। यह शब्द सिर्फ एक व्यक्तिगत हमला नहीं था, बल्कि दो परमाणु ताकतों के बीच बनते किसी भी रिश्ते पर गहरी चोट की तरह था। ऐसे में सवाल उठता है — क्या ये पाकिस्तान की आधिकारिक सोच है या एक बेलगाम मंत्री का गुस्सा? इस पर अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रणनीतिक लेखक हुसैन हक्कानी ने अपनी ही सरकार को लताड़ते हुए सवाल किया कि, "क्या पाकिस्तान की कैबिनेट में कोई आपसी संवाद नहीं होता?" हक्कानी ने साफ कहा कि एक ओर पाकिस्तान का प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री भारत से बातचीत की पैरवी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक कैबिनेट मंत्री प्रधानमंत्री मोदी को भद्दे शब्दों से निशाना बना रहा है — फिर किस मुंह से आप 'शांति वार्ता' की बात कर रहे हैं?
पहले भी बोलकर बवाल कर चुके हैं ख्वाजा आसिफ
ख्वाजा आसिफ का विवादों से पुराना रिश्ता है। वह पाकिस्तान की राजनीति के 'जुबानी बम' हैं, जिनका हर दूसरा बयान या तो भारत विरोधी होता है या अपनी सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण। पिछले साल हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में खुलकर स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक पश्चिमी देशों के कहने पर आतंकवाद को पनाह दी। इस बयान के बाद उन्हें पाकिस्तान की ही मीडिया और आर्मी की नाराजगी झेलनी पड़ी थी।
जब सोशल मीडिया को बना दिया 'सबूत'
भारतीय सेना द्वारा किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब में पाकिस्तान ने दावा किया था कि उन्होंने भी भारत में भारी नुकसान पहुंचाया। लेकिन जब ख्वाजा आसिफ से इस दावे के सबूत मांगे गए, तो उन्होंने जो कहा, वो सुनकर दुनिया दंग रह गई। आसिफ ने कहा — "सोशल मीडिया पर बहुत से फोटो हैं, उन्हें ही सबूत मान लीजिए।" इस बयान पर सिर्फ भारत नहीं, बल्कि पाकिस्तान की जनता और विश्लेषकों ने भी जमकर मजाक उड़ाया। एक देश के रक्षा मंत्री के पास अगर कोई 'ऑपरेशन' का सबूत नहीं और वो फेसबुक या ट्विटर की तस्वीरों को सबूत बता रहे हैं, तो इससे उस देश की गंभीरता पर ही सवाल खड़े हो जाते हैं।
बातचीत की टेबल से खुद उठकर आग लगाने चले पाकिस्तान के मंत्री!
आज जब भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के बीच हर संवाद एक उम्मीद होता है, तो ख्वाजा आसिफ जैसे मंत्री उसी उम्मीद को अपनी ज़ुबान की आग में झुलसा देते हैं। उनकी जुबानी फिसलन अब सिर्फ शर्मिंदगी नहीं, बल्कि पाकिस्तान की विदेश नीति के लिए एक आत्मघाती हथियार बन चुकी है। अब सवाल ये है — क्या पाकिस्तान सरकार इस जुबानी बम को रोक पाएगी, या बातचीत की हर कोशिश फिर से राख में बदल जाएगी? क्योंकि अगर रक्षा मंत्री ही शब्दों से हमला करने लगे, तो फिर असली जंग की ज़रूरत ही क्या?
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