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तीसरे विश्व युद्ध की पहली घंटी! तेहरान से निकला मौत का फरमान, इजराइल-अमेरिका पर गिरने वाला है परमाणु कहर?
World War 3 news: तेहरान में इस ऐलान के बाद हड़कंप मच गया। वैसे ही राजधानी पर इजराइल के हमलों की दहशत थी, ऊपर से इस बयान ने आग में घी डालने जैसा काम किया। सड़कों पर भगदड़ है, हाईवे जाम हो गए हैं और लोग अपने बच्चों को लेकर शहर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।
World War 3 News: बीते चार दिनों से इजराइल और ईरान के बीच जो जंग चल रही थी, वो अब सिर्फ मिसाइलों और हमलों तक सीमित नहीं रही। सोमवार की रात ईरान ने ऐसा ऐलान कर दिया, जिसने न सिर्फ इजराइल-अमेरिका को बल्कि रूस और चीन जैसे उसके अपने दोस्त देशों को भी दहशत में डाल दिया। यह ऐलान था — परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने का। यानी ईरान अब खुलकर एटमी ताकत बनने की तैयारी में है। सोचिए, वो देश जो पहले से इजराइल से खुले युद्ध में उलझा है, जिसने तेहरान से लेकर तेल अवीव तक मिसाइलें बरसाई हैं, वह अब खुलेआम दुनिया के सबसे खतरनाक क्लब — परमाणु हथियार संपन्न देशों — में शामिल होने का रास्ता चुन चुका है। और इस बार उसके इरादे सिर्फ शब्दों में नहीं हैं, संसद में बाकायदा विधेयक तैयार किया जा रहा है। अगर ये कानून पास हो गया तो मिडिल ईस्ट में वो मंज़र दिखेगा, जिसकी कल्पना करके भी दुनिया के बड़े-बड़े नेता कांप रहे हैं।
तेहरान में इस ऐलान के बाद हड़कंप मच गया। वैसे ही राजधानी पर इजराइल के हमलों की दहशत थी, ऊपर से इस बयान ने आग में घी डालने जैसा काम किया। सड़कों पर भगदड़ है, हाईवे जाम हो गए हैं और लोग अपने बच्चों को लेकर शहर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। उधर इजराइल में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। तेल अवीव और हाइफा जैसे शहरों में लगातार सायरन गूंज रहे हैं, बंकरों में लोग भरे पड़े हैं और सरकार लगातार कह रही है — अभी असली जंग शुरू ही नहीं हुई है।
क्या है NPT और क्यों कांप गई दुनिया?
परमाणु अप्रसार संधि यानी NPT, 1970 में बना वो समझौता है, जिससे दुनिया परमाणु हथियारों के खतरे को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। दुनिया के 187 देशों ने इस संधि पर दस्तखत किए हैं। इस समझौते का मकसद यही था कि और कोई देश परमाणु बम न बनाए। लेकिन इजराइल, भारत जैसे देश इस संधि से बाहर हैं, और अब ईरान भी बाहर निकलने को तैयार है। ईरान की ओर से बयान आया है कि वह परमाणु हथियारों के खिलाफ है, लेकिन अब उसकी संसद में प्रस्ताव तैयार हो रहा है कि देश को इस समझौते से अलग कर दिया जाए। ईरान का दावा है कि इजराइल लगातार हमला कर रहा है, इसलिए उसे अपनी सुरक्षा के लिए हर विकल्प खुला रखना पड़ेगा।
क्यों रूस-चीन की नींद उड़ी है?
ईरान के इस कदम ने सिर्फ अमेरिका-इजराइल को ही नहीं, बल्कि उसके सहयोगी रूस और चीन को भी बेचैन कर दिया है। दरअसल, अभी तक रूस और चीन ईरान को अपनी जेब में समझते थे, लेकिन अगर ईरान परमाणु शक्ति बन जाता है तो वह किसी का गुलाम नहीं रहेगा। वह खुद ही अपनी शर्तों पर खेलेगा। इससे रूस-चीन के लिए भी खतरा है, क्योंकि मिडिल ईस्ट में एक और परमाणु देश उभरना उनकी रणनीति को तोड़ सकता है।
‘ईरान की हिम्मत नहीं छोड़ेंगे’ — नेतन्याहू की चेतावनी
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस ऐलान के बाद कहा कि यह युद्ध अब किसी एक मिसाइल या बम तक सीमित नहीं रहेगा। नेतन्याहू ने अपने सैनिकों से कहा कि हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने परमाणु बम की ओर कदम बढ़ाया तो इजराइल का अगला हमला ऐसा होगा जिसे दुनिया कभी भूल नहीं पाएगी। तेहरान में भले ही संसद का प्रस्ताव अभी पास न हुआ हो, लेकिन यह ऐलान ही काफी है कि मिडिल ईस्ट अब थमने वाला नहीं है। इस ऐलान ने साबित कर दिया है कि ईरान अब बचाव में नहीं, आक्रमण की मुद्रा में आ चुका है। इजराइल ने साफ कर दिया है कि ‘हम ईरान को परमाणु ताकत नहीं बनने देंगे, चाहे उसकी कीमत कुछ भी हो।’
अब क्या होगा?
सवाल यह नहीं कि ईरान NPT से बाहर आएगा या नहीं, सवाल यह है कि अगर वह बाहर आया तो क्या इजराइल इसे होने देगा? या फिर आने वाले दिनों में मिडिल ईस्ट में एक ऐसा धमाका होने वाला है, जिसकी गूंज वॉशिंगटन, बीजिंग और मास्को तक सुनाई देगी? दुनिया फिलहाल सांसें रोके देख रही है — अगला बटन कौन दबाएगा?
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