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Chhathi Ka 56 bhog kanha: कान्हा को बहुत पसंद है ये भोग, कृष्णा की छठी पर जरूर लगाएं पूरी होगी मनोकामना
Chhathi Ka 56 bhog kanha:जन्माष्टमी जब भी होती है उसके छठे दिन कान्हा की छठी मनाई जाती है।इस बार कान्हा की छठी 22 अगस्त को मनाई जा रही ह,.जानते है कान्हा की छठी का भोग क्या होगा
Chhathi Ka 56 Bhog kanha: इस बार 22 अगस्त को कान्हा की छठी मनाई जाएगी। इस बार जन्माष्टमी 16 अगस्त और को मनाई गई। इसलिए जन्माष्टमी के 6 दिन बाद भगवान कृष्ण की छठी मनाई जाएगी। इस दिन मंदिरों और घरों में भजन-कीर्तन किया जाता है और कढ़ी चावल का प्रसाद का बनाया जाता है। इस व्रत की महिमा काफी होती हैं इसलिए इस व्रत को रखा जाता है।इस साल22 अगस्त छठी को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जानें कृष्ण छठी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
कृष्ण की छठी से जुड़ी खास बातें
छठी के दिन का भोग
कान्हा की छठी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा करके भोग लगाना चाहिए। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर कान्हा को स्थापित करें। इसके बाद लड्डू गोपाल का पंचामृत से स्नान करें और नए वस्त्र पहनाकर स्थापित करें। इसके बाद प्रभु को रोली या पीले चंदन का तिलक लगाएं। साथ फूल माला अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें। माखन मिश्री और कढ़ी चावल का भोग लगाएं। इस दिन भी 56 भोग कान्हा को लगाएं। लड्डू गोपाल की छठी वाले दिन कढ़ी चावल का भोग अर्पित करें। भोग में तुलसी दल अवश्य डालें, इसके बाद भोग को प्रसाद के तौर पर सभी में बांट दें। छठी पर कढ़ी चावल का भोग लगाने का बड़ा महत्व है, दही, बेसन और हल्के मसालों के साथ कढ़ी बनाएं और भगवान को अर्पित करें, इसके साथ ही माखन मिश्री का भोग भी लगाएं और मोरपंख अर्पित करें। फिर देसी घी के दीपक से शंख व घंटे के साथ आरती करें।
छठी वाले दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को भोजन अवश्य कराएं और दान पुण्य भी अवश्य करें। छठी को एक उत्सव की तरह मनाएं क्योंकि हमारे प्रभु की छठी हो रही है. इसके साथ ही कदंब के पेड़ की टहनी लाकर पूजा स्थल पर रख सकते हैं क्योंकि कृष्णजी को कदंब का पेड़ बड़ा प्रिय है। इसके साथ ही भगवान कृष्ण से जुड़े मंत्रों का जप करें और दिन भर भजन कीर्तन करें। साथ ही शाम के समय भी पूजा अर्चना करें।
छठी के दिन षष्ठी देवी को अधिष्ठात्री देवी कहते है और उनकी कृपा से राजा प्रियव्रत का मृत पुत्र फिर से जीवित हो गया है। इसलिए बच्चे की छठी पूजी जाती है और उसके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है। छठी के दिन उनकी पसंदीदा चीजों का भोग लगाने से कान्हा खुश होते हैं और मनवांछित फल देते हैं। इस दिन श्री कृष्ण को माखन और मिश्री का भोग लगाए। माखन चोरी का उनकी बाल कथाओं में एक विशेष स्थान है।
नोट : ये जानकारी सामान्य सूचना के लिए दी गई है। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। सही जानकारी के लिए आस पास के विद्वानों से भी संपर्क कर लें।
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