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Laddu Gopal ki Chhathi Date 2025लड्डू गोपाल की छठी कब है, क्यों मनाई जाती है जानिए नियम
Laddu Gopal ki Chhathi Date 2025: लड्डू गोपाल की छठी जन्माष्टमी के छठे दिन होती है, जन्माष्टमी के साथ छठी भी मनानी जरूरी होती है। जानिए कब है लड्डू गोपाल की छठी
Laddu Gopal / Krishna Ki Chhati Kab Hai 2025 (कान्हा / कृष्ण लड्डू गोपाल की छठी कब है )
हिंदू धर्म के16 संस्कारों का बहुत महत्व है। 16 संस्कारों की शुरूआत गर्भ से शुरू हो जाता है। फिर जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कार पूरे किये जाते है। ये संस्कार मनुष्य और देव दोनों के लिए होता है। इन्ही में एक है जब बच्चा जन्म लेता है तो उसके जन्म के छठे दिन छठी मनाने का विधान है।
जैसे हम अपने बच्चे के लिए छठी मनाते है। वैसे ही कृष्ण की भी छठी मनाई जाती है। इस दिन लोग लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं और कान्हा के नामकरण संस्कार को पूरा करते हैं। कान्हा की छठी भी जन्माष्टमी के छठे दिन ही मनाई जाती है।इस दिन लोग घरों में कढ़ी चावल बनाकर भोग लगाते है और खाते है।
इस साल कृष्ण की छठी 22 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। लेकिन यह तिथि उन लोगों के लिए है जिन्होंने 16 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया है। और जो लोग 15 अगस्त को कृष्ण जन्मोत्सव मनाए है वो 21 अगस्त को कृष्ण भगवान की छठी मना सकते हैं।
लड्डू गोपाल की छठी का महत्व
हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के छह दिन बाद षष्ठी देवी की पूजा का विशेष महत्व है।पुराणों में षष्ठी देवी को बच्चों की अधिष्ठात्री देवी माना गया है. कहते हैं कि इनकी पूजा करने से नवजात शिशु पर कोई आंच नहीं आती।
धार्मिक मान्यता के अनुसार कृष्ण का जन्म मामा कंस के कारगार में हुआ था और उन्हें वासुदेव ने उन्हें काली-अंधियारी रात में नंद और यशोदा के घर छोड़ दिया था। कंस को जब इसकी जानकारी हुई तो राक्षसी पूतना को कान्हा को मारने का आदेश दिया था। गोकुल में जितने भी 6 दिन के बच्चे हैं उन्हें मारने के लिए, लेकिन कृष्ण ने 6 दिन में ही पूतना का वध कर दिया था।उसके बाद मां यशोदा ने कान्हा की छठी मनाई थी।
कृष्ण जी की छठी की विधि
छठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान और साफ वस्त्र पहनें, कृष्ण का पसंदीदा पंचामृत से लड्डू गोपाल को स्नान कराया जाता है। स्नान करवाते समय लड्डू गोपाल के मुख के तरफ से शंख में गंगाजल भरकर लड्डू गोपाल को स्नान कराये । उसके बाद भगवान को पीले रंग के वस्त्र पहना कर श्रृंगार करें। काजल का टीका लगाये। फिर लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री भोग लगाये। कृष्ण के नामों में से कोई एक नाम से नामकरण करें।इसके बाद कढ़ी-चावल का भोग लगाये और प्रसाद खाये और वितरण करें। इस दिन ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें।कहते हैं कि ऐसा करने से घर में धन-धान्य का भंडार भरा रहता है।
कान्हा की छठी पर क्या करें
इस दिन सुबह से शाम तक भजन कीर्तन करें। झूठ ना बोले और न कोई अपराध करें। ईष्या द्वेष से खुद को दूर रखें।दूसरों को भोजन करायें और गौ सेवा करें।जन सरोकार के लिए सुख-सुविधाओं के त्याग की भावना मन में रखें । इस दिन घर में बांसूरी जरूर लाएं।लड्डू गोपाल की छठी के दिन कुंटूंब जनों को प्रसाद वितरण करें। मांस मदिरा के सेवन से दूर रहें और दुष्टजनों का त्याग करें। माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा का सकंल्प ले। घर से किसी को भी खाली हाथ न जाने दें।
नोट : ये जानकारी सामान्य सूचना के लिए दी गई है। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। सही जानकारी के लिए आस पास के विद्वानों से भी संपर्क कर लें।
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