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Sawan Ka Dusra Somwar: सावन का दूसरा सोमवार पर बना है कई अद्भुत संयोग, इन उपाय और फूलों से पाएं शिव का आशीर्वाद

Dusra Sawan Somwar Upay भगवान शंकर को सोमवार का दिन प्रिय होने के कारण भी सावन माह भोलेनाथ को अतिप्रिय है। इस बार दूसरा सावन का दूसरा सोमवार कई अद्भुत संयोग से भरा पड़ा है, जानते है ...

Suman  Mishra
Published on: 19 July 2025 8:24 AM IST
Sawan Ka Dusra Somwar:  सावन का दूसरा सोमवार पर बना है कई अद्भुत संयोग, इन उपाय और फूलों से पाएं शिव का आशीर्वाद
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Dusra Sawan Somwar Upay इस बार सावन महीने में 4 सावन सोमवार पड़ेंगे। पहला सावन सोमवार 14 जुलाई को पड़ा था। अब सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को पड़ेगा। सावन का दूसरा सोमवार बहुत ही खास है, इस दिन एक-दो नहीं बल्कि कई शुभ योग बन रहे हैं, कामिका एकादशी का व्रत भी रखा जायेगा।

इस तरह सावन सोमवार भगवान शिव के साथ श्रीहरि विष्‍णु की भी कृपा दिलाएगा। कामिका एकादशी व्रत सभी सिद्धियां देने वाला और मनोकामनाएं पूरी करने वाला है। इसके अलावा सावन के दूसरे सोमवार के दिन अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। कर्क राशि में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। सूर्य गोचर भी कर्क राशि में हैं।

सावन के दूसरे सोमवार को पूजा

दूसरा सोमवार को करें महाकालेश्वर की पूजा: दूसरी सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। श्रद्धालु को 'ऊं महाशिवाय वरदाय हीं ऐं काम्य सिद्धि रुद्राय नम: मंत्र का रुद्राक्ष की माला से कम से कम 11 मामला जाप करना चाहिए। महाकालेश्वर की पूजा से सुखी गृहस्थ जीवन, पारिवारिक कलह से मुक्ति, पितृ दोष व तांत्रिक दोष से मुक्ति मिलती है।

दूसरे सोमवार का शुभ संयोग

इस बार दूसरे सोमवार को श्रावण कृष्ण पक्ष की कामिका एकादशी,नक्षत्र रोहिणी,वृद्धि योग 06:38 PM तक, उसके बाद ध्रुव योग है।

अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM – 12:59 PM

अमृत काल - 06:07 PM – 07:36 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:20 AM – 05:08 AM

द्विपुष्कर योग - Jul 22 05:57 AM - Jul 22 07:06 AM

सर्वार्थसिद्धि योग - Jul 21 05:56 AM - Jul 21 09:07 PM

अमृतसिद्धि योग - Jul 21 09:07 PM - Jul 22 05:57 AM

सर्वार्थसिद्धि योग - Jul 21 09:07 PM - Jul 22 05:57 AM साथ ही ये सारे योग मिलकर सोमवार के दिन को बहुत खास बना रहे है। अगर कुछ नया करना है तो यह दिन पूरा शुभ संयोग से भरा पड़ा है।

सोमवार उपाय

दूसरे सोमवार के दिन शिव जी की पूजा-आराधना करें, साथ ही भगवान विष्‍णु की पूजा-अर्चना भी करें। ऐसा करने से दोनों देव प्रसन्‍न होंगे, दोगुना फल मिलेगा।

सावन सोमवार के दिन जप, पूजा-अभिषेक और हवन करें। इसके लिए 'ॐ नम: शिवाय' मंत्र का कम से कम 1 माला जाप करें।

सावन सोमवार के दिन शिव जी का अभिषेक और पूजन करें। शिवलिंग पर जल, पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करें।

इस दिन मां पार्वती को श्रृंगार अर्पित करें. फल, मिठाई का भोग लगाएं। षोडशोपचार पूजन करें। साथ ही हवन भी करें। इसके लिए घी और शाकल्य की आहुति देकर भगवान शिव को प्रसन्न करें।

सावन में रोज और सोमवार को चढ़ाये पुष्प

वैसे तो हर दिन सावन में ऐसी मान्यता है कि सुबह सावन में गायत्री मंत्र का जाप और इन फूलों को भगवान शिव को चढ़ायें तो हर इच्छा पूरी होने के साथ धन-वैभव और अच्छा परिवार मिलता है।

कहते हैं सोमवार को चमेली के फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है, जो भक्त वाहन सुख चाहता है, वह चमेली के पुष्प को शिवलिंग पर श्रद्धाभाव से अर्पित करें।

अलसी के फूल से पूजन करने वाला भक्त भगवान विष्णु का भी प्रिय हो जाता है, अर्थात उसे भगवान शिव के साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है।

राई का फूल चढ़ाने से शत्रु परास्त होते है और बेल पत्र चढ़ाने से मनुष्य की सर्व मनोकामना की पूर्ति होती है।

शमी पत्रों से पूजन करके मनुष्य मोक्ष प्राप्त करता है। मदार के पुष्पों से पूजन करने से नेत्र व हृदय विकार दूर होते हैं।

सोमवार और हरदिन धतूरा अगर भगवान शिव को अर्पित किया जाता है तो इससे विषैले जीवों से खतरा नहीं रहता है। बेला के फूल चढ़ाने से मनचाहा वर या वधु की प्राप्ति होती है। जूही के पुष्प से भगवान का पूजन अर्चन किया जाए तो भक्त के घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती है।

सोमवार के साथ अभी तक इन कामों के नहीं किया तो कोई बात नही, अभी आपके पास 9 अगस्त तक का समय है आप इन उपायों से अपनी किस्मत को नया आयाम दे सकते हैँ।

नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है

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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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