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30 दिन के अंदर 2 ग्रहण, जानें क्या होगा? जानिए चंद्र और सूर्य ग्रहण की तारीख, क्या पड़ेगा असर
Surya AUR Chandra Grahan 2025: सितंबर महीने में दो ग्रहण लगने जा रहे है, जानिए कब-कब, क्या भारत में दिखेगै
SURYA AUR CHANDRA GRAHAN 2025: सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने वाला है। 15 दिन के अंतराल में एक महीने में 2 बार दोनों ग्रहण लगेंगे जो कि एक खगोलीय घटना है। विज्ञान और ज्योतिष में इन दोनों ही घटना को विशेष माना जाता है। आने वाले सितंबर महीने में 15 दिनों में दो ग्रहण लग रहे हैं। पहले चंद्रग्रहण फिर उसके 15वें दिन सूर्यग्रहण भी लगने जा रहा है। एक महीने में दो ग्रहण लगना कई बार बड़ी ऑफत का संकेत भी होता है। ज्योतिषशास्त्र में जानते है इसके बारे में….
चंद्रग्रहण कब लगेगा
सितंबर में 7 तारीख को साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण लगेगा, यह ग्रहण भारत सहित कई देशों में दिखाई देगा । इस दिन भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि है। इस तिथि पर भारत में रात्रि में 9 .57 मिनट से इस ग्रहण की शुरुआत होगी। 11.41 मिनट पर होगा जबकि इस चंद्रग्रहण की समाप्ति रात्रि 1.27 मिनट पर होगी।
21 सितंबर को लगेगा सूर्यग्रहण
अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी 21 सितंबर को सूर्यग्रहण भी लगेगा। पंचांग के अनुसार इस दिन पितृ अमावस्या वाला सूर्य ग्रहण खण्ड ग्रहण है जिसका असर सम्पूर्ण पृथ्वी पर नहीं पड़ेगा यानी यह ग्रहण कुछ देशों में ही दिखाई देग, यह ग्रहण न्यूजीलैंड, पूर्वी मलेशिया,दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिमी अंटार्कटिका में दिखाई देगा, जबकि भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा, भारत में रात 11 बजे इस ग्रहण की शुरुआत होगी और मोक्ष 3 .24 मिनट पर होगा।
ग्रहण का दुष्प्रभाव
वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रन्थ बृहत्संहिता के अनुसार, जब दो ग्रहण एक साथ एक महीने में हो तो ऐसी स्थिति में भूकंप, सुनामी,तूफान के साथ कोई बड़ी जनहानि की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में दो देशों के बीच तनाव भी बढ़ सकता है और प्राकृतिक आपदाओं से लोगो में हाहाकार की स्तिथि भी बन सकती है। यह ग्रहण मेष, वृष, कर्क, सिंह, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए अशुभ और मिथुन, तुला, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ कहा जाएगा।
ग्रहण के समय ये उपाये करेंगे हर कष्ट दूर
चाहे सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण लगने से पहले खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते ड़ाल दें। ऐसा माना जाता है कि इससे खाने की चीजों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पडता है। इसके अलावा देवी-देवताओं की प्रतिमा को छूना नहीं चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान कैंची, चाकू और सुई का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाएं घर से बहार न निकलें।
ग्रहण खत्म होने के बाद जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद घर और मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करें। भगवान विष्णु और भगवान शिव के मंत्रों का जप जरूर करें। गरीब लोगों या मंदिर में अन्न-धन समेत आदि चीजों न का दान करें। इससे जीवन में शुभ परिणाम मिलेंगे।
ग्रहण के दौरान मानसिक रूप से ईश्वर का स्मरण और मंत्र जाप करना चाहिए।
ग्रहण लगने से पहले ही खाने-पीने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए।
ग्रहण के बाद दान करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर दान देना चाहिए।
पूजा स्थान के साथ पूरे घर की सफाई करके गंगा जल का छिडकाव घर में हर जगह पर करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या के दिन पंचामृत स्नान, तिल-तेल से शनि देव का अभिषेक करने के साथ शनि चालीसा का पाठ करने से भी संकट दूर हो जाते हैं।
शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण एक दिन ही पड़ने के कारण ऐसे में दान करना काफी शुभ माना जाता है।
शनि अमावस्या के दिन पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान आप तेल, जूते-चप्पल, लकड़ी का पलंग, छाता, काले कपड़े और उड़द की दाल आदि का भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से शनि दोष भी दूर होता है।
सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद घर में गंगाजल से छिड़काव कर पुनः स्नान करना चाहिए।
ग्रहण के दौरान खाने- पीने कि चीजों में तुलसी डालकर रखने से खाने -पीने की चीजों में ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता।
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