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Surya Gochar July 2025: कर्क संक्रांति पर बदल सकता है भाग्य, किसी की होगी मौज तो किसी का बढेगा संघर्ष, जानिए प्रभाव और महत्व

Surya Gochar July 2025: सूर्य कर्क राशि में गोचर करने वाला है। इस काल का क्या धार्मिक महत्व है , इसके बाद राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा जानते है...

Suman  Mishra
Published on: 9 July 2025 8:10 AM IST
Surya Gochar July 2025: कर्क संक्रांति पर बदल सकता है भाग्य, किसी की होगी मौज तो किसी का बढेगा संघर्ष, जानिए प्रभाव और महत्व
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Kark sankranti 2025: सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा जाता है। यह सिंह राशि का स्वामी है। यह जातक की कुंडली में सम्मान, सफलता, प्रगति एवं उच्च पदों को प्रदर्शित करता है। 16 जुलाई से सूर्य कर्क राशि में गोचर करेंगे। सूर्य की 12 संक्रांतियों में मकर संक्रांति के बाद कर्क संक्रांति का महत्व है। पंचांग के अनुसार यह संक्रांति उत्तरायण काल का अंत भी माना जाता है। साथ ही इस दिन से दक्षिणायन की शुरुआत होती है, जो मकर संक्रांति पर समाप्त होती है। इस बार कर्क संक्रांति 16 जुलाई 2025 बुधवार को रहेगी।

कर्क संंक्रांति का शुभ समय

कर्क संक्रांति पुण्य काल- प्रात: 05:40 से 05:40 तक।

कर्क संक्राति महा पुण्य काल- दोपहर 03:22 से शाम 05:40 तक।

पूजा मुहूर्त:

सुबह: प्रात: 04:12 से 05:34 तक।

शाम: 07:19 से 08:22 तक।

कर्क संक्रांति पर क्या करें

इस समय रोज सुबह संभव हो तो नदियों या तीर्थ स्थलों पर स्नान और सूर्य को अर्घ्य दें। वस्त्र, तिल, गुड़, घी, खिचड़ी, अमरूद आदि का गरीबों, ब्राह्मणों, गायों को दान करें । सूर्य मंत्र या आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। पीपल या तुलसी के नीचे दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।अपने पितरों के नाम से जल तर्पण या पिंड दान भी करें।बता दें कि इसके बाद देश में महंगाई बढ़ेगी। देश और दुनिया में तनाव और संघर्ष बढ़ेगा। शांति वार्ताएं होंगी। बारी वर्षा होगी। अनाज के भंडारण में बढ़ोतरी होगी। विद्वान और शिक्षित लोगों को लाभ होगा।

कर्क संक्रांति पर तेल मालिश, बाल , नाखून नहीं काटना चाहिए न हीं तामसिक भोजन करना चाहिए और अपवित्रता से दूर रहने में भलाई है। झूठ बोलना, क्रोध करना और वाणी से किसी को आहत करना विशेष रूप से वर्जित है।

कर्क संक्रांति का महत्व

जब सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करता है, इसका स्वामी चंद्रमा है।इस परिवर्तन से सूर्य की गति उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर हो जाती है। दक्षिणायन का आरंभ भी इसी दिन से माना जाता है, जो छः माह तक चलता है।यह काल पितरों और आध्यात्मिक साधना के लिए विशेष शुभ माना गया है। ज्योतिष में यह समय वर्षा ऋतु की शुरुआत और ऊर्जा के संयम का काल माना गया है।इस समय किए जाने वाले कार्यों में देवों का आशीर्वाद नहीं प्राप्त होता है। इस दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करें। संक्रांति में की गई सूर्य उपासना से दोषों का शमन होता है। सूर्यदेव से सदा स्वस्थ रहने से कामना करें। आदित्य स्तोत्र एवं सूर्य मंत्र का पाठ करें। इस समय में शहद का प्रयोग लाभकारी माना जाता है।कर्क संक्रांति पर वस्त्र एवं खाने की चीजों और विशेषकर तेल के दान का विशेष महत्व है। सुहागन बुजुर्ग महिला को वस्त्र, किसी बुजुर्ग को पूजा में पहनने वाला धोती वस्त्र, किसी बालिका को नारंगी रंग का परिधान, किसी बालक को हरे फल और किसी नवविवाहित दम्पत्ति को भोजन कराएं।

कर्क संक्रांति का राशियों पर प्रभाव

मेष: सूर्य जीवन साथी को कार्य क्षेत्र में लाभ मिलने की संभावना है। आप भी अपने कार्य क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं परंतु मानसिक तनाव के कारण आपका कार्य प्रभावित हो सकता है। सरकार से आपको किसी तरह का लाभ मिल सकता है।उपायःहरिवंश पुराण का पाठ करें अथवा उसे सुनें।

वृषभ: माता-पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। भाई-बहनों के साथ किसी मामले में मतभेद हो सकता है। समाज में प्रतिष्ठित लोगों से आपके संबंध स्थापित होंगे। नई जॉब मिलने पर आप अपनी वर्तमान नौकरी को छोड़ सकते हैं।उपायःरविवार के दिन पंडितों को तांबे की वस्तु दान करें।

मिथुन: जीवन साथी की सेहत का ख़्याल रखें। गोचर की अवधि में आप धन जुटाने में सफल रहेंगे ।आप हर परिस्थिति अपने अनुकूल बना सकते हैं। छोटी दूरी की यात्रा आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है।उपायःअपने पिताजी की सेवा एवं उनका सम्मान करें और सूर्य देव को लाल पुष्प चढ़ाएँ।

कर्क: इस समय आप जीवन साथी के साथ बहस न करें और उनकी भावनाओं की कद्र करें। सिरदर्द, बुखार, सीने में किसी प्रकार का संक्रमण, सूजन जैसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आपको हो सकती हैं। अधिक से अधिक द्रवीय पदार्थ का सेवन करें।उपायःइस मंत्र का जाप करें- ॐ घृणि सूर्याय नमः।।

सिंह: कड़ी मेहनत के बल पर आप विपरीत परिस्थितियों को अपने अनकूल बनाने में सफल रहेंगे। गोचर के दौरान आपका ख़र्च बढ़ सकता है इसलिए पैसों का इस्तेमाल सही से करें। ध्यान दें, नेत्र संबंधी रोग से पीड़ा हो सकती है।उपायःरविवार को अपने बाजू में बेल मूल धारण करें।

कन्या: अपने शत्रुओं को परास्त करने में आप सफल रहेंगे। कार्य स्थल पर आपको वरिष्ठ कर्मियों का साथ मिलेगा परंतु किसी मामले में आप उनसे उलझ सकते हैं। बच्चों की सेहत में कमी देखी जा सकती है अतः उनकी सेहत की देखभाल अवश्य करें।उपायःरविवार को लाल कपड़ा दान में दें।

तुला: आप किसी उच्च पद पर आसीन हो सकते हैं। प्रगति के मार्ग में सीनियर्स का भी भरपूर सहयोग मिल सकता है। सरकार की किसी योजना का लाभ आपको प्राप्त हो सकता है। किसी कार्य में बड़े भाई-बहनों का सहयोग आपको मिलेगा। सासू माँ की तबियत थोड़ी कमज़ोर रह सकती है।उपायःरविवार के दिन बैल को गेहूँ व चना खिलाएँ।

वृश्चिक: समाज में भी आपका मान-सम्मान बढ़ सकता है। पिता जी की सेहत का ख़्याल रखें, उनके स्वास्थ्य में कमी देखी जा सकती है। भाई-बहनों से मतभेद होने के आसार हैं। नई नौकरी मिलने पर आप अपनी वर्तमान जॉब को छोड़ सकते हैं। उपायःरोज़ाना तांबे के लोटे में जल लें और उसमें लाल कुमकुम मिलाकर सूर्यदेव को चढ़ाएँ।

धनु:सूर्य गोचर की अवधि में आपके किसी महत्वपूर्ण कार्य में रुकावट आ सकती है। पिताजी की सेहत कुछ कमज़ोर रह सकती है । अपने ग़ुस्से पर क़ाबू रखें और कटु भाषा का प्रयोग न करें। ससुराल पक्ष से विवाद की संभावना है। बच्चों का भी स्वास्थ्य कुछ कमज़ोर रह सकता है। आपको अप्रत्याशित लाभ की संभावना है।उपायःआदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

मकर: घर में अशांति का वातावरण रह सकता है। आपके व्यवहार में अहंकार एवं भाषा में कड़वापन देखने कोमिल सकता है। बच्चों और छात्रों के लिए गोचर शुभ संकेत दे रहा है। कार्य क्षेत्र में आपको गोचर के अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।उपायःरविवार को तांबे की वस्तु दान करें।

कुंभ: क़ानूनी मामलों में भी आपको आशानुरूप परिणाम मिल सकते हैं। जीवनसाथी की सेहत का ख़्याल रखें। आपके ख़र्चों में वृद्धि की संभावना है। व्यवसाय में साझेदारी से नुकसान होने के आसार हैं। यदि आप जॉब कर रहे हैं तो गोचर आपके लिए अनुकूल संकेत देने का वादा कर रहा है।उपायःरविवार को गेहूँ और चना दान में दें।


मीन: सूर्य ग्रह इस स्थिति में नौकरी में ट्रांसफ़र होने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में सीनियर्स के साथ विवाद होने की भी संभावना है। प्रेम जीवन में किसी बात को लेकर बहसबाज़ी करने से प्यार में दरार पड़ सकती है। अपने ग़ुस्से पर नियंत्रण रखें। उपायःसूर्य बीज मंत्र का जाप करें: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।।

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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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