32 हज़ार अपहरण,12 नरसंहार! अमित शाह ने NDA की जीत के लिए भरी हुंकार, लालू-राहुल पर बोला सीधा हमला

बिहार चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह ने लालू यादव और राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला। शाह ने कहा, राजद के राज में 32 हजार अपहरण और 12 नरसंहार हुए थे। उन्होंने NDA की जीत का आह्वान करते हुए विकास और सुशासन का वादा किया।

Harsh Srivastava
Published on: 30 Oct 2025 3:36 PM IST
32 हज़ार अपहरण,12 नरसंहार! अमित शाह ने NDA की जीत के लिए भरी हुंकार, लालू-राहुल पर बोला सीधा हमला
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Amit Shah Bihar rally: बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर अब तक का सबसे बड़ा और तीखा हमला बोला है। गुरुवार को बिहार में कई चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए शाह ने साफ शब्दों में कहा कि लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के शासनकाल में बिहार में 'जंगलराज' था, जिसका खात्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) सरकार ने किया। उन्होंने पुराने शासनकाल के भयावह आंकड़े पेश करते हुए मतदाताओं को आगाह किया कि राजद और उसके सहयोगी दल फिर से उसी 'जंगलराज' को वापस लाना चाहते हैं, जो बिहार में विकास को कभी नहीं होने देगा। अमित शाह के इस आक्रामक रुख ने चुनावी बहस को पूरी तरह से सुरक्षा और सुशासन के मुद्दे पर केंद्रित कर दिया है।

जंगलराज के आंकड़े: 32 हज़ार अपहरण और 12 नरसंहार

गृह मंत्री अमित शाह ने राजद के शासनकाल पर सीधे और गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि "लालू और उनकी पत्नी राबड़ी के राज में जंगल राज था।" उन्होंने उस दौर के भयावह आंकड़े पेश करते हुए दावा किया कि लालू-राबड़ी राज में 32 हजार किडनैपिंग (अपहरण) हुई थीं, जिसने पूरे राज्य में भय का माहौल पैदा कर दिया था। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उस दौरान 12 बड़े नरसंहार हुए थे।

अमित शाह ने मतदाताओं को याद दिलाया कि राजद का मकसद बिहार में विकास करना नहीं, बल्कि जंगलराज को फिर से वापस लाना है। उन्होंने कहा कि "आरजेडी चाहती है कि बिहार में जंगल राज को फिर से वापस ले आएं। ये लोग बिहार में विकास नहीं होने देना चाहते।" उनका यह बयान मतदाताओं को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विचार करने के लिए मजबूर करता है।

लखीसराय की रैली: विकास का वादा और 'इटली' कनेक्शन

लखीसराय में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने मतदाताओं से एनडीए को भारी बहुमत से जिताने की अपील की। उन्होंने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में जोश भरते हुए कहा, "जब आप बूथ पर जाएं तो एनडीए के दलों के सिंबल पर वोट डालें। एनडीए को ऐसी जीत दिलाएं कि इटली तक उसके झटके महसूस हों।" उनका यह बयान न केवल राहुल गांधी पर परोक्ष हमला था, बल्कि उनका मकसद एनडीए के प्रति अंतर्राष्ट्रीय समर्थन का भी एक संदेश देना था।

शाह ने राजद पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि लालू यादव के शासनकाल में चारा घोटाला हुआ और नौकरी के बदले गरीब लोगों की जमीन ले ली गई। साथ ही, बाढ़ राहत के नाम पर भी घोटाला हुआ। इसके विपरीत, उन्होंने लखीसराय के लिए एक बड़ा विकास का वादा किया और घोषणा की कि "हम दो साल के अंदर ही लखीसराय में एक मेडिकल कॉलेज बनाएंगे।" उन्होंने कहा कि एनडीए ने बिहार में जंगलराज के हालात से निकालकर सूबे में विकास की बहार लाई है।

'इटली' ननिहाल, इसलिए छठी मैया का अपमान

जहां एक ओर अमित शाह राजद पर हमलावर थे, वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता राहुल गांधी भी लगातार एनडीए पर वार कर रहे थे। राहुल गांधी ने अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे कहते हैं कि बिहार में जमीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन "एक औद्योगिक घराने को औने-पौने दामों पर भूखंड दे दिए गए।" इसका जवाब अमित शाह ने मुंगेर की रैली में दिया और राहुल गांधी पर सीधा व्यक्तिगत हमला किया। उन्होंने राहुल गांधी को भारत की संस्कृति से अनभिज्ञ बताया और उन पर छठी मैया का अपमान करने का आरोप लगाया। अमित शाह ने कहा, "यहां सीता को छठी माता के रूप में पूजा जाता है। राहुल गांधी भारत की संस्कृति से अनभिज्ञ हैं। इसलिए उन्होंने इस देवी का अपमान किया क्योंकि इटली उनका ननिहाल है।" यह बयान छठ पूजा जैसे पवित्र पर्व को चुनावी बहस का हिस्सा बनाता है और मतदाताओं की धार्मिक भावनाओं को भी छूने का प्रयास करता है।

संस्कृति बनाम कुशासन: चुनावी ध्रुवीकरण

अमित शाह की रैलियों ने बिहार के चुनाव को मुख्य रूप से विकास बनाम जंगलराज और भारतीय संस्कृति बनाम विदेशी प्रभाव के दो ध्रुवों में बाँट दिया है। एक ओर, शाह एनडीए के तहत हुए विकास और सुशासन के दावों को मजबूत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, वह राजद के शासनकाल को भयानक अपराध और भ्रष्टाचार के दौर के रूप में चित्रित कर रहे हैं। साथ ही, राहुल गांधी पर 'इटली' का तंज कसकर वह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दे को भी हवा दे रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार के मतदाता, जो दशकों से कानून-व्यवस्था और विकास की कमी से जूझते रहे हैं, इन तीखे हमलों और वादों पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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