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'कट्टा, क्रूरता,करप्शन...' मुजफ्फरपुर में PM मोदी ने RJD-कांग्रेस को भयंकर लताड़ा, 5 'क' से उड़ाए होश
मुजफ्फरपुर में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RJD और कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों की पहचान 5 ‘क’ – कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन – से होती है। पीएम मोदी के इस तीखे भाषण ने बिहार की सियासत में नई गर्मी ला दी है।
Modi speech Muzaffarpur: बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर की अपनी जनसभा से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस पर सीधा और सबसे बड़ा हमला बोला। उन्होंने विपक्ष की इन पार्टियों को कटघरे में खड़ा करते हुए एक पांच-सूत्रीय पहचान बताई, जिसे उन्होंने 'जंगलराज' का प्रतीक करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि राजद और कांग्रेस की पहचान 'कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन' इन पांच 'क' से है। उनका यह तीखा प्रहार न केवल विपक्ष के शासनकाल की याद दिलाता है, बल्कि बिहार के गौरव और विकास को एनडीए की सबसे बड़ी प्राथमिकता के रूप में स्थापित करता है। पीएम मोदी के इस आक्रामक रुख ने चुनावी माहौल को और भी अधिक गरमा दिया है।
बिहार का गौरव और विकसित भारत का सपना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत बिहार के महत्व और गौरव से की। उन्होंने कहा कि "बिहार का गौरव बढ़ाना, यहां की मीठी बोली, बिहार की संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने में ले जाना, बिहार का विकास करना एनडीए-भाजपा की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।" पीएम मोदी ने याद दिलाया कि जब भारत समृद्ध था, तब उसमें बिहार की बहुत बड़ी भूमिका थी और आज विकसित भारत बनाने के लिए भी बिहार का विकसित होना बहुत जरूरी है।
इसके तुरंत बाद, उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि, "राजद-कांग्रेस कभी भी बिहार को विकसित नहीं बना सकते हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि इन पार्टियों ने वर्षों तक बिहार पर एकछत्र राज किया, लेकिन राज्य को सिर्फ 'विश्वासघात' दिया। यहीं पर उन्होंने विपक्ष के 'कारनामों की कथा' को पांच शब्दों में समेटा, जो हैं: 'कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन'। उन्होंने साफ किया कि यह सिर्फ उनकी पहचान नहीं है, बल्कि यह 'जंगलराज' की पहचान बन चुकी है।
जंगलराज की पहचान और सामाजिक न्याय पर प्रहार
प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तार से बताया कि कैसे ये पांच 'क' बिहार के विकास और सद्भाव को प्रभावित करते हैं।
कट्टा और क्रूरता: उन्होंने कहा, "जहां कट्टा और क्रूरता का राज हो, वहां कानून दम तोड़ता है।"
कटुता: जहां कटुता बढ़ाने वाली राजद-कांग्रेस हो, वहां समाज में सद्भाव मुश्किल होता है।
कुशासन: जहां राजद-कांग्रेस का कुशासन हो, वहां विकास का नामोनिशान नहीं होता है।
करप्शन: जहां करप्शन होता है, वहां सामाजिक न्याय नहीं मिलता है।
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि इन पार्टियों के शासन में सिर्फ कुछ परिवार ही फलते-फूलते हैं, जबकि आम जनता को सामाजिक न्याय से वंचित रहना पड़ता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि "ऐसे लोग कभी भी बिहार का भला नहीं कर सकते हैं।"
छठ मैया का अपमान, 'स्वाभिमान' की चुनौती
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी पार्टियों पर छठ मैया के अपमान का गंभीर आरोप लगाते हुए भावनात्मक कार्ड खेला। उन्होंने कहा, "ये कांग्रेस और राजद के लोग छठी मईया का अपमान कर रहे हैं।" उन्होंने छठ व्रत की कठिन तपस्या का जिक्र करते हुए कहा कि, "जो महिलाएं निर्जला इतना लंबा व्रत रखती हैं, जो गंगा जी में खड़ी होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं, वो राजद-कांग्रेस की नजर में ड्रामा करती हैं।"
इस अपमान पर भावुक होते हुए पीएम मोदी ने बिहार की माताओं और बहनों से सवाल किया, "क्या बिहार की माताएं-बहनें छठी मईया का ये अपमान बर्दाश्त करेंगी?" उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि छठी मईया के इस अपमान को बिहार का कोई भी व्यक्ति भूल नहीं सकता।" अंत में, उन्होंने साफ संदेश दिया कि "बिहार स्वाभिमान की धरती है। जिन लोगों ने छठ पूजा को गोली देने का काम किया है, बिहार ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगा।" प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण, विकास के साथ-साथ भावनात्मक और राष्ट्रीय मुद्दों को जोड़कर, मतदाताओं को एक सीधा संदेश देने का प्रयास था।
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