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RJD ने पलट दिया पूरा गेम! बिहार के चुनावी मैदान में खेसारी की पत्नी की एंट्री, छपरा से लड़ सकती है चुनाव
Bihar विधानसभा चुनाव में RJD ने किया बड़ा खेल! भोजपुरी सुपरस्टार खेसारीलाल यादव की पत्नी चंदा देवी छपरा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं, जिससे पार्टी के सामाजिक और लोकप्रियता समीकरण मजबूत हो सकते हैं।
Khesari Wife entry in Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीति और चुनावी समीकरणों में मनोरंजन और लोकप्रियता का तड़का लगना शुरू हो गया है। इस समय सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चित नामों में भोजपुरी सुपरस्टार खेसारीलाल यादव की पत्नी चंदा देवी का नाम सामने आया है। चर्चा है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से उन्हें छपरा सीट से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है।
हालांकि, राजद द्वारा आधिकारिक उम्मीदवार सूची जारी होने के बाद ही यह तस्वीर पूरी तरह से साफ होगी, लेकिन क्षेत्र में राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं कि चंदा देवी इस बार एक बड़े चेहरे के तौर पर चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। इस दांव को राजद की सामाजिक और लोकप्रियता के समीकरणों को साधने की एक बड़ी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
खेसारीलाल की 'नाक का सवाल' होगी यह सीट
सियासी पंडितों का मानना है कि अगर चंदा देवी ने छपरा सीट से नामांकन किया, तो राजद के चुनावी समीकरणों में एक बड़ा बदलाव आ सकता है। खेसारीलाल यादव भोजपुरी भाषी जनता के बीच, खासकर युवा और ग्रामीण वोटरों में, अपार लोकप्रियता रखते हैं। उनकी पत्नी के मैदान में उतरने से राजद को इस लोकप्रियता का सीधा फायदा मिल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, खेसारीलाल की पत्नी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह बात खुद खेसारीलाल के रसूख पर आ जाती है। इस सीट को जिताने के लिए खेसारीलाल जी-जान लगा देंगे, जिससे राजद को यह सीट जीतने में अतिरिक्त बल मिलेगा। छपरा सीट पर उम्मीदवार उतारना राजद के लिए एक प्रतिष्ठा का प्रश्न रहा है, और खेसारी परिवार को मैदान में उतारकर पार्टी अपने पारंपरिक आधार के साथ-साथ गैर-यादव पिछड़ी जातियों के बीच भी अपनी पैठ मजबूत कर सकती है।
हालांकि, खेसारीलाल यादव खुद भी पिछले कुछ सालों से राजनीतिक चर्चाओं में रहते आए हैं। उनके खुद के चुनाव लड़ने को लेकर भी अटकलें तेज थीं, लेकिन न्यूज 18 बिहार-झारखंड की रिपोर्ट के अनुसार, अब उनकी पत्नी चंदा देवी के छपरा से सियासी मैदान में उतरने की प्रबल संभावना है।
सियासत में मनोरंजन का बढ़ता तड़का
यह साफ है कि बिहार के इस विधानसभा चुनाव में मनोरंजन और लोकप्रियता का तड़का लगने वाला है। राजनीतिक पार्टियाँ अब छुपे रूप में फिल्मी और संगीत इंडस्ट्री के दिग्गजों को वोटरों को साधने का नया हथियार बना रही हैं। लोकप्रियता के चलते टिकट बंटवारे में इन भोजपुरी स्टार्स को तरजीह मिल सकती है। भाजपा भी इस स्टार-पॉलिटिक्स में पीछे नहीं है। पवन सिंह की घर वापसी हो चुकी है, और लोक गायिका मैथिली ठाकुर भी भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं। इसके अलावा, अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने भी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर अटकलों को हवा दी है। गायक और अभिनेता रितेश पांडे और राधेश्याम रसिया जैसे चेहरे भी चुनावी रण में कूदने की तैयारियों में हैं। यह बढ़ती सक्रियता दिखाती है कि पार्टियाँ अब केवल पारंपरिक राजनीति पर निर्भर नहीं रहना चाहतीं, बल्कि फिल्मी चेहरों की जनसमर्थन और उत्साह बढ़ाने की क्षमता का लाभ उठाना चाहती हैं।
पत्नी या पति: आखिर कौन?
जनता के बीच यह चर्चा भी थी कि क्या खेसारीलाल खुद चुनाव लड़ेंगे या उनकी पत्नी चंदा देवी मैदान में उतरेंगी। कई बार राजनीतिक हस्तियाँ अपने परिवार के सदस्यों को चुनाव लड़ाकर विरोधी खेमे को चकमा देती हैं, जबकि पर्दे के पीछे खुद ही पूरी चुनावी कमान संभालती हैं। यदि चंदा देवी मैदान में उतरती हैं, तो यह तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राजद की उस रणनीति को और मजबूत करेगा, जिसके तहत पार्टी अपने सामाजिक न्याय के दायरे को बढ़ाते हुए, युवा और लोकप्रिय चेहरों को आगे कर रही है। यह चुनावी माहौल में जबरदस्त इजाफा संभव करेगा और बिहार की इस लड़ाई को और भी ज्यादा दिलचस्प बना देगा।
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