अलीनगर से ही BJP ने क्यों दिया मैथिली को टिकट? समझिए इस सीट के सियासी मायने

BJP ने लोक गायिका मैथिली ठाकुर को अलीनगर सीट से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए उम्मीदवार बनाया। जानिए इस सीट के सियासी मायने और मैथिली के चुनावी प्रभाव के बारे में।

Snigdha Singh
Published on: 15 Oct 2025 7:04 PM IST (Updated on: 15 Oct 2025 9:23 PM IST)
अलीनगर से ही BJP ने क्यों दिया मैथिली को टिकट? समझिए इस सीट के सियासी मायने
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Maithili Thakur Alinagar Seat: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज़ हो चुकी हैं, और इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक ऐसा 'मास्टरस्ट्रोक' चला है, जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। मंगलवार को 23 साल की मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हुईं, और अब उन्हें दरभंगा की महत्वपूर्ण अलीनगर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। अपने भजनों और लोकगीतों से करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करने वाली मैथिली, अब राजनीति के मंच पर अपनी किस्मत आज़माएंगी। बिहार के मधुबनी में 25 जुलाई 2000 को जन्मी मैथिली की शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में पूरी हुई है। उनके पिता रमेश ठाकुर खुद एक संगीत शिक्षक हैं।

अलीनगर सीट का सियासी समीकरण: क्या है बीजेपी का दांव?

मैथिली ठाकुर को जिस अलीनगर विधानसभा सीट से टिकट मिला है, उसके सियासी समीकरण बेहद दिलचस्प हैं। 2008 में परिसीमन के बाद गठित हुई इस सीट से मैथिली का बचपन का नाता है, क्योंकि वह यहीं की निवासी हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, अलीनगर विधानसभा में 12.37 फीसदी मतदाता अनुसूचित जाति के हैं। लेकिन इस सीट पर सबसे बड़ा फैक्टर मुस्लिम मतदाता हैं, जिनकी संख्या 58 हजार 419 है। इसके अलावा, मुस्लिम मतदाताओं के बाद ब्राह्मणों और कुर्मी मतदाताओं की भी इस सीट पर अच्छी संख्या है। 2020 के पिछले चुनाव में इस सीट पर भाजपा के मिश्री लाल यादव ने जीत हासिल की थी। भाजपा को उम्मीद है कि मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता, उनकी साफ छवि और स्थानीय निवासी होने का फायदा उन्हें मिलेगा। पार्टी का मानना है कि खासकर युवा, महिला और पारंपरिक मतदाता, मैथिली का खुलकर समर्थन करेंगे। इस सीट पर मैथिली की एंट्री ने मुकाबला बेहद कड़ा और अप्रत्याशित बना दिया है।

संघर्ष से सफलता तक मैथिली का सफर

मैथिली ठाकुर के संगीत का सफ़र आसान नहीं रहा है। उनके दो भाई, ऋषभ और अयाची, भी उनके साथ संगीत में सहयोग करते हैं। उन्होंने अपने पिता और दादा दोनों से संगीत की शिक्षा ली और छोटी उम्र से ही शास्त्रीय और मैथिली लोक संगीत का प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। दिलचस्प बात यह है कि शुरुआती दौर में उन्हें कई रियलिटी शो में निराशा हाथ लगी थी। संगीत रियलिटी शो ‘सारेगामापा लिटिल चैंप्स’ और ‘इंडियन आइडल जूनियर’ में उनकी आवाज़ को ठुकरा दिया गया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2017 में, उन्होंने ‘द राइजिंग स्टार’ शो में फर्स्ट रनर-अप का ख़िताब जीता, जब वह केवल 11वीं कक्षा में पढ़ रही थीं। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सोशल मीडिया स्टार: एक शो की फीस 7 लाख तक!

रियलिटी शो में सफलता के बाद, मैथिली ठाकुर के गाने सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने लगे। वह मुख्य रूप से भजन और लोकगीत गाती हैं, और उन्होंने कई भाषाओं में लोकगीत गाए हैं। भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति से भरे गीत खासकर बहुत लोकप्रिय हैं। उनके वीडियो पर लाखों व्यूज आते हैं, और इंस्टाग्राम पर उन्हें 6.3 मिलियन लोग फॉलो करते हैं। पिछले साल, उन्हें नेशनल क्रिएटर अवॉर्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित किया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, मैथिली ठाकुर देश और विदेश दोनों जगह शो करती हैं और वह एक शो के लिए 5 से 7 लाख रुपए तक फीस लेती हैं। बताया जाता है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद, उन्होंने फिल्म उद्योग का बहिष्कार करने का फैसला किया था और अब वह फिल्मी गाने नहीं गाती हैं।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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