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₹1,000 करोड़ जुटाएगी Adani Enterprises, दूसरी बार उतरेगी NCD बाजार में
Adani Enterprises: Adani Enterprises Ltd (AEL) ने 9 जुलाई से 22 जुलाई के बीच ₹1,000 करोड़ की राशि जुटाने की योजना बनाई है, जो नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) के माध्यम से होगी।
Adani Enterprises (Image Credit-Social Media)
Adani Enterprises: देश की प्रमुख कंपनी Adani Enterprises Ltd (AEL) एक बार फिर से घरेलू बॉन्ड बाजार में कदम रखने जा रही है। कंपनी ने 9 जुलाई से 22 जुलाई के बीच ₹1,000 करोड़ की राशि जुटाने की योजना बनाई है, जो नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) के माध्यम से होगी। यह कंपनी की दूसरी सार्वजनिक पेशकश है, जिसे लेकर निवेशकों में खासा उत्साह देखने को मिल सकता है। पिछली बार कंपनी ने ₹800 करोड़ की राशि सफलतापूर्वक पहले ही दिन जुटा ली थी। इस बार भी उम्मीद जताई जा रही है कि निवेशकों का भरोसा बना रहेगा।
क्यों ज़रूरी है यह फंडरेज़िंग?
Adani Enterprises ने इस फंडरेज़िंग के माध्यम से जुटाई गई राशि का 75% हिस्सा अपने पुराने कर्ज की पूर्व भुगतान या पुनर्भुगतान में उपयोग करने का निर्णय लिया है। शेष 25% राशि को कंपनी जनरल कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करेगी।
मार्च 2024 तक, कंपनी का नेट एक्सटर्नल डेट बढ़कर ₹49,306 करोड़ हो गया था, जो कि एक साल पहले ₹30,966 करोड़ था। साथ ही, नेट डेट से EBITDA का अनुपात 2.3 से बढ़कर 2.9 तक पहुँच गया है, जो इस ओर संकेत करता है कि कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति में और स्थिरता एवं लचीलापन लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
NCDs की खास बातें
यह पेशकश 9 जुलाई से 22 जुलाई तक खुली रहेगी। इन NCDs को ICRA और CARE Ratings द्वारा 'AA-' रेटिंग दी गई है, जो कि ‘स्टेबल’ आउटलुक को दर्शाता है। यह रेटिंग निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
NCDs की अधिकतम अवधि 60 महीनों तक होगी और इसका फेस वैल्यू ₹1,000 प्रति यूनिट रखा गया है। निवेशकों को कम-से-कम 10 डिबेंचर्स का आवेदन करना होगा, जिससे कि रिटेल निवेशक भी इसमें भाग ले सकें।
इस इश्यू का बेस साइज ₹500 करोड़ का रखा गया है और कंपनी के पास ₹500 करोड़ का ग्रीन शू विकल्प भी मौजूद है, जिससे जरूरत पड़ने पर कुल राशि ₹1,000 करोड़ तक बढ़ाई जा सके।
कंपनी की प्रतिक्रिया और मार्केट में स्थिति
Adani Group के वित्त प्रमुख जुगेशिंदर सिंह ने जानकारी दी कि यह दूसरी NCD पेशकश कंपनी की वित्तीय मजबूती के साथ-साथ खुदरा निवेशकों को दीर्घकालिक निवेश से जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम है।
उन्होंने कहा कि पिछली बार जब कंपनी ने NCD इश्यू लाया था, तब उसे अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी, और कुछ महीनों में ही रेटिंग में उन्नति देखी गई, जिससे निवेशकों को बेहतर लाभ मिला।
सारांश
Adani Enterprises की यह नई पहल न केवल अपने कर्ज के बोझ को कम करने की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि यह कंपनी की घरेलू बॉन्ड बाजार में मौजूदगी को भी और अधिक सशक्त बनाती है। इस इश्यू के माध्यम से संस्थागत निवेशकों के साथ-साथ खुदरा निवेशकों को भी दीर्घकालिक और अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश का एक अच्छा विकल्प उपलब्ध होगा। ऐसे में निवेशकों को कंपनी की मौजूदा वित्तीय स्थिति, रेटिंग्स और बाजार में मिल रही प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए इस इश्यू पर करीबी नज़र रखनी चाहिए।
लीड मैनेजमेंट फर्म्स:
इस इश्यू का प्रबंधन Nuvama Wealth Management, Trust Investment Advisors, और Tipsons Consultancy Services कर रही हैं।
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