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Airtel Market Boom 2025: 40% रेवेन्यू मार्केट शेयर के साथ बड़ी छलांग, टैरिफ में बढ़ोतरी से क्या बदलेगा आपका अनुभव?
Airtel Market Boom 2025: एयरटेल की स्मार्ट बिजनेस पॉलिसी, मजबूत नेटवर्क और टैरिफ में ताज़ा बदलाव की अहम भूमिका रही है।
Airtel Market Boom 2025 (Image Credit-Social Media)
Airtel Market Boom 2025: भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में तेजी से बदलते दौर के बीच, Airtel ने एक ऐसा मुकाम छू लिया है, जो अब तक किसी और कंपनी के लिए सिर्फ सपना रहा - वित्त वर्ष 2024 - 25 में कंपनी ने लगभग 40% रेवेन्यू मार्केट शेयर हासिल कर लिया है। यह कोई सामान्य आंकड़ा नहीं, बल्कि इंडस्ट्री में एयरटेल की बढ़ती पकड़ और रणनीतिक सफलता का प्रमाण है। यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब मोबाइल डेटा, 5G सेवाएं और डिजिटल कनेक्टिविटी की मांग अपने चरम पर है। इस तेजी से ग्रोथ के पीछे एयरटेल की स्मार्ट बिजनेस पॉलिसी, मजबूत नेटवर्क और टैरिफ में ताज़ा बदलाव की अहम भूमिका रही है। हालांकि, अब सवाल यह है कि क्या यह बदलाव ग्राहकों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा या जेब पर बोझ?
1. एयरटेल की धमाकेदार बढ़त: कैसे बना मार्केट लीडर?
Airtel की इस तेज़ प्रगति की सबसे बड़ी वजह है उसके मजबूत नेटवर्क, प्रीमियम सेवाओं की पेशकश और ग्राहक अनुभव पर खास ध्यान। FY25 में कंपनी ने 9.3 मिलियन नए ग्राहक जोड़े, जिससे इसका ARPU (प्रति ग्राहक औसत आय) ₹245 तक पहुंच गया - जो पिछले साल से ₹36 ज्यादा है।
• नेटवर्क विस्तार: एयरटेल ने 20,000+ नई मोबाइल साइट्स और 44,000 किलोमीटर से ज्यादा फाइबर केबल बिछाए, जिससे नेटवर्क कवरेज और इंटरनेट स्पीड दोनों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
• 5G की मजबूती: देशभर में अब 135 मिलियन+ ग्राहक 5G सेवाओं का लाभ ले रहे हैं, और Airtel तेजी से छोटे शहरों और कस्बों में भी 5G रोलआउट कर रही है।
• ब्रॉडबैंड में उछाल: FTTH व FWA जैसी होम ब्रॉडबैंड सेवाओं में 21.3% की ग्रोथ दर्ज की गई।
इस तरह कंपनी ने न सिर्फ मोबाइल, बल्कि होम इंटरनेट सेवाओं में भी मजबूत उपस्थिति बना ली है।
2. टैरिफ में बदलाव: क्यों जरूरी है ‘टैरिफ रिपेयर’?
Airtel ने जुलाई 2024 में 10 - 21% तक मोबाइल टैरिफ बढ़ा दिए हैं, जिसका मकसद कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति को मजबूत करना और टेक्नोलॉजी में निवेश को संभव बनाना है।
• भारत में अब भी कम टैरिफ: कंपनी के एमडी गोपाल विट्टल कहते हैं - भारत में मोबाइल टैरिफ अब भी वैश्विक औसत से काफी कम हैं, जिससे नेटवर्क के विस्तार और गुणवत्ता में निवेश मुश्किल होता है।
• ARPU ₹300 लक्ष्य: ऐतिहासिक रूप से Airtel का उद्देश्य है कि ARPU ₹300 तक पहुंचे, ताकि निवेश और सेवा का संतुलन बनाया जा सके।
• ग्राहकों की प्रतिक्रिया: टैरिफ बढ़ने के बाद भी ग्राहक आधार में कोई बड़ी गिरावट नहीं दिखी है - ग्राहक डिजिटल सेवाओं की जरूरत के चलते नई कीमतें स्वीकार रहे हैं।
• सेक्टर में सहयोग: सिर्फ Airtel ही नहीं, बल्कि अन्य कंपनियां (Jio, Vi) भी टैरिफ वृद्धि के पक्ष में हैं ताकि इंडस्ट्री में स्थिरता आ सके।
3. ग्राहक और बाजार के लिए आगे क्या मायने हैं?
टैरिफ वृद्धि का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ता है, लेकिन इसका उद्देश्य सेवाओं की गुणवत्ता और नेटवर्क क्षमता को बेहतर बनाना है।
• बेहतर नेटवर्क: अब उपभोक्ताओं को पहले से बेहतर नेटवर्क कवरेज, तेज़ स्पीड और ज्यादा भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी।
• डिजिटल सेवाओं का विस्तार: OTT, क्लाउड स्टोरेज, डिजिटल पेमेंट, IoT जैसी तकनीकों तक पहुंच और आसान होगी।
• भविष्य के लिए निवेश: Airtel 6G, स्मार्ट सिटीज़ और डिजिटल इकोनॉमी के इन्फ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्ट कर रही है।
निष्कर्ष
Airtel ने FY25 में लगभग 40% रेवेन्यू मार्केट शेयर हासिल कर इंडस्ट्री में नया बेंचमार्क बनाया है। टैरिफ में बढ़ोतरी उपभोक्ताओं को सोचने पर मजबूर अवश्य करेगी, लेकिन यह दीर्घकालिक रणनीति नेटवर्क और डिजिटल सुविधाएं बेहतर करने का वादा भी समेटे हुए है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि बाजार और उपभोक्ता इसे कैसे अपनाते हैं और प्रतिस्पर्धा किस दिशा में जाती है।
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