Airtel का बड़ा कदम, AI के जरिये यूपी (ईस्ट) में 1.5 करोड़ यूजर्स को साइबर फ्रॉड से बचाया

भारती एयरटेल ने उत्तरप्रदेश (पूर्व) में अपनी एआई आधारित साइबर सुरक्षा प्रणाली के ज़रिए 56 दिनों में 1.5 करोड़ यूज़र्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया है। यह प्रणाली संदिग्ध लिंक को स्कैन कर 100 मिलीसेकंड में ब्लॉक करती है और यूजर्स को तुरंत अलर्ट भेजती है।

Newstrack Desk
Published on: 10 July 2025 7:41 PM IST
Airtel का बड़ा कदम, AI के जरिये  यूपी (ईस्ट) में 1.5 करोड़ यूजर्स को साइबर फ्रॉड से बचाया
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भारत की दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने उत्तरप्रदेश (पूर्व) में साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत किया है। महज 56 दिनों के भीतर कंपनी ने 1 करोड़ 50 लाख से अधिक मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया है। यह उपलब्धि एयरटेल की हाल ही में लॉन्च की गई एआई-आधारित साइबर फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के ज़रिए हासिल की गई है, जो देशभर में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। उत्तरप्रदेश (पूर्व) में इसे विशेष रूप से प्रभावी रूप में अपनाया गया है।

साइबर फ्रॉड से निपटने में सहयोग

इस पहल के तहत, एयरटेल यूपी (पूर्व) के सीईओ अमित गुप्ता ने एडीजी तकनीकी सेवाएं, यूपी पुलिस, श्री नवीन अरोरा (आईपीएस) से मुलाकात की और क्षेत्र में बढ़ती डिजिटल धोखाधड़ी की चुनौतियों पर चर्चा की। इस बातचीत में एयरटेल की नई तकनीक और राज्य स्तर पर साइबर सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डाला गया।

एयरटेल की यह प्रणाली बिना किसी मैन्युअल इंस्टॉलेशन के अपने आप एक्टिवेट होती है और मोबाइल डेटा ट्रैफिक की निगरानी करती है। यह एसएमएस, व्हाट्सऐप, ईमेल, इंस्टाग्राम, फेसबुक, टेलीग्राम जैसे माध्यमों से भेजे गए लिंक को स्कैन करती है और खतरनाक वेबसाइटों को मात्र 100 मिलीसेकंड में ब्लॉक कर देती है।

उदाहरण के लिए, अगर प्रयागराज का कोई उपभोक्ता किसी संदिग्ध लिंक (जैसे: “http://www.tracky0urparcell.com”) पर क्लिक करता है, तो एयरटेल का AI-सिस्टम उस URL को स्कैन करता है। यदि लिंक फिशिंग या मैलवेयर से जुड़ा होता है, तो यूज़र को तुरंत चेतावनी संदेश के साथ एक सुरक्षित पेज पर रीडायरेक्ट कर दिया जाता है:

“ब्लॉक कर दिया गया! एयरटेल ने इस साइट को ख़तरनाक पाया है।”

राज्य के लिए एक डिजिटल सुरक्षा कवच

उत्तरप्रदेश तेजी से डिजिटल हो रहा है। वहां फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। चाहे वो शहरी इलाके हों या ग्रामीण क्षेत्र। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, जौनपुर, कुशीनगर, मऊ और मिर्जापुर जैसे ज़िलों में फ्रॉडर्स सक्रिय हैं जो फर्जी डिलीवरी, बैंक अलर्ट और फिशिंग लिंक्स से आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। एयरटेल की यह पहल सभी वर्गों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। चाहे वो छात्र हों, गृहणियाँ, बुज़ुर्ग, या पहली बार स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता।

स्थानीय भाषाओं में किया जा रहा अलर्ट और जागरूक

यह एआई-आधारित सिस्टम हिंदी सहित कई भाषाओं में अलर्ट भेजता है। जिससे कम डिजिटल साक्षरता वाले क्षेत्रों में भी लोग सतर्क हो पा रहे हैं। यह बहुभाषी सुविधा राज्य की सामाजिक विविधता को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई है। उपभोक्ताओं को इस तकनीक के लिए कोई अलग ऐप इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं है और यह सेवा पूरी तरह मुफ्त है। यह सिस्टम चुपचाप पृष्ठभूमि में काम करता है। जिससे यूजर के अनुभव में कोई रुकावट नहीं आती।

राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी धोखाधड़ी से बचाया

एयरटेल की इस टेक्नोलॉजी ने केवल यूपी (पूर्व) ही नहीं देशभर में अब तक 2.12 लाख से ज़्यादा हानिकारक लिंक को ब्लॉक किया है और 14.3 करोड़ से अधिक लोगों को धोखाधड़ी से बचाया है।

इसे लेकर सीईओ (यूपी ईस्ट) अमित गुप्ता ने कहा, हम अपने ग्राहकों को हर डिजिटल इंटरैक्शन में सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा यह समाधान उत्तरप्रदेश (पूर्व) में एक सुरक्षित डिजिटल माहौल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम चाहते हैं कि लोग डिजिटल दुनिया का उपयोग आत्मविश्वास के साथ कर सकें।

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Shivam Srivastava

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Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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